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स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Aug 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनेगा ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर

चर्चा में क्यों?

23 अगस्त, 2022 को मथुरा जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि मथुरा ज़िला प्रशासन ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला दर्शन के दौरान बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव के चलते दो श्रद्धालुओं की मौत के बाद काशी विश्वनाथ की तर्ज़ पर बांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर बनाने जाने का प्रस्ताव बनाया है।

प्रमुख बिंदु 

  • वृंदावन में बिहारीजी कॉरिडोर से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का स्वरूप बदल जाएगा। कॉरिडोर बनने से संकरी गलियों से श्रद्धालुओं को मुत्ति मिलेगी, साथ ही जनसुविधाएँ भी मुहैया हो सकेंगी। नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को वृंदावन के लिये आधार बनाया जा रहा है।
  • गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल करीब पाँच लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के दायरे में 23 इमारत और 27 मंदिर भी आते हैं। चार बडे+ गेट हैं, कॉरिडोर में 22 शिलालेखों पर काशी की महिमा का वर्णन किया गया है।
  • इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, कई यात्री सुविधा केंद्र, यूटिलिटी भवन सहित आदि सुविधाएँ दी गई हैं। 1780 में महारानी अहिल्याबाई होलकर के बाद काशी मंदिर को भव्यता कॉरिडोर के माध्यम से दी गई है।
  • इसके अलावा दक्षिण भारत स्थित रामेश्वरम् मंदिर का कॉरिडोर सबसे बड़ा है, जो करीब 400 फीट लंबा है। 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल रामेश्वरम् के लिये बने कॉरिडोर की खूबसूरती वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इस कॉरिडोर की चौड़ाई 197 मीटर तक है। 

राजस्थान Switch to English

महिला समानता दिवस के अवसर पर पाँचदिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन

चर्चा में क्यों? 

23 अगस्त, 2022 को मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की पाँचदिवसीय प्रदर्शनी का जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 27 अगस्त तक खुली रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि ‘महिला समानता दिवस’ के अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग तथा राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में पाँचदिवसीय समारोहों की श्रृंखला की शुरुआत की गई है।
  • प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न ज़िलों से एवं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, झारखंड,  ओडिशा,  उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना, हरियाणा,  गुजरात, उत्तराखंड से आये स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न हस्तशिल्प और हस्तकरघा उत्पादों के करीब डेढ़ सौ स्टॉल लगाए गए हैं।
  • मुख्य सचिव ने इस अवसर पर अधिकारियों को महिला समूहों की महिलाओं के नियमित प्रशिक्षण, उनके उत्पादों की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री में उनकी सहायता और इन समूहों को आंगनबाड़ी से जोड़ने जैसे कई निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह के कई उत्पादों को कॉर्पोरेट गिफ्ट के रूप में बढ़ावा देने की संभावनाएँ देखने के भी निर्देश दिये।
  • विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा एवं राजीविका की राज्य मिशन निदेशक एवं ग्रामीण विकास सचिव मंजू राजपाल ने मुख्य सचिव को बताया कि जल्द ही राजीविका द्वारा अमेजॉन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिये एमओयू किया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़ेंगे प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय और विश्वविद्यालय

चर्चा में क्यों

23 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के सभी 528 शासकीय महाविद्यालय और 16 शासकीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के एनआईसी के ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से सीधे जुड़ेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मंत्रालय में एनआईसी और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् प्रदेश के 16 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। इस सॉफ्टवेयर से विद्यार्थियों को दुर्लभ पुस्तकें भी डिजिटल फॉर्मेट में पढ़ने के लिये उपलब्ध हो सकेंगी। इससे अकादमिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • गौरतलब है कि वर्तमान में देश के 28 हज़ार शिक्षण संस्थान ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं। यह मोबाइल पर भी उपलब्ध है। विद्यार्थी ऑनलाइन पंजीयन कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
  • महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध संसाधनों को इस पर अपलोड किया जा सकता है, जिससे अन्य महाविद्यालय, विश्वविद्यालय उनका लाभ ले सकें।
  • एनआईसी के अधिकारियों ने बताया कि सॉफ्टवेयर के उपयोग को लेकर महाविद्यालय की लाइब्रेरी में पदस्थ स्टाफ और प्राध्यापकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

झारखंड Switch to English

झारखंड सरकार तथा विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग के बीच हुआ एमओयू

चर्चा में क्यों

23 अगस्त, 2022 को झारखंड सरकार एवं विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के बीच एमओयू तथा ‘शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति 2023’ (Chevening Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship 2023) का शुभारंभ किया गया।

  प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस (Alex Ellis) की मौजूदगी में यह एमओयू संपन्न हुआ। साझा एमओयू के अंतर्गत अधिकतम पाँच छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
  • गौरतलब है कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब किसी राज्य सरकार के साथ साझा पारदेशीय छात्रवृति को लेकर एमओयू किया गया है।
  • झारखंड के अनुसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली बच्चों को झारखंड सरकार एवं ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा ‘शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति’ प्रदान की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री के प्रयास से ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा अधिकतम पांच युवाओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु ‘मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना’ का दायरा बढ़ाते हुए ‘शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना’ शुरू की गई है
  • इससे पूर्व तक झारखंड सरकार द्वारा ‘मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना’ के जरिये यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्थेन आयरलैंड के चयनित संस्थानों/विश्वविद्यालयों के चयनित पाठ्यक्रम में अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को अध्ययन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी। अब अन्य वर्गों यथा अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
  • इस एमओयू के अंतर्गत प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिये ‘शेवनिंग मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना’ हेतु झारखंड के अधिकतम 5 युवाओं का चयन किया जाएगा। चयनित पाँच युवाओं की पढ़ाई का संपूर्ण व्यय झारखंड सरकार एवं विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय ब्रिटिश उच्चायोग, (एफसीडीओ) द्वारा संयुत्त रूप से किया जाएगा। एमओयू के तहत सभी भुगतान भारत सरकार के द्वारा अनुमोदित दिशा-निर्देश के आलोक में होगा।
  • गौरतलब है कि ‘मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना’ के तहत पूर्व में अधिकतम 10 युवाओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही थी, लेकिन अब अधिकतम 25 युवाओं को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • झारखंड के अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10, अनुसूचित जाति के अधिकतम 05, अल्पसंख्यक के अधिकतम 03 एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकतम 7 प्रतिभावान युवाओं को चयनित कर प्रत्येक वर्ष यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्थेन आयरलैंड में स्थित अग्रणी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चयनित कोर्स में उच्च स्तरीय शिक्षा यथा मास्टर्स/एम.फिल. हेतु छात्रवृति प्रदान की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से सौ साल पहले झारखंड से एक ट्राइबल युवा जयपाल सिंह मुंडा जी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का अवसर मिला था। उन्होंने पढ़ने के साथ-साथ हॉकी में ऑक्सफोर्ड ब्लूज टीम की कप्तानी भी की। यही कारण है कि आज लोग उन्हें मरांग गोमके के नाम से जानते हैं। राज्य, देश और दुनिया में जयपाल सिंह मुंडा की अलग पहचान रही है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड के बेहतर संचालन हेतु बनेगा ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट’

चर्चा में क्यों?

23 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव पी.सी. दुमका ने बताया कि कर्मकार बोर्ड के क्रियाकलापों व अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने के लिये प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नए बदलाव लागू हो जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में साइकिल आवंटन जैसे घोटाले रोकने के लिये ऑनलाइन कवच तैयार किया जा रहा है। इसमें जहाँ चार लाख श्रमिकों की सभी योजनाएँ ऑनलाइन होंगी तो उन आवेदनों पर कार्रवाई के लिये अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जा रही है।
  • बोर्ड के बेहतर संचालन के लिये प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) भी बनाई जा रही है। इसमें श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो विभिन्न राज्यों की बेहतर योजनाओं को उत्तराखंड में धरातल पर उतारेंगे। ।
  • कर्मकार बोर्ड की सभी योजनाएँ पूरी तरह से ऑनलाइन की जा रही हैं। आवेदन ऑनलाइन होंगे, जो निर्धारित समयावधि में पूरे करने होंगे। साइकिल आवंटन से लेकर सभी योजनाओं के लिये ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य होगा। फाइलों को ऑनलाइन ग्रीन, येलो, रेड का टैग दिया जाएगा।
  • हर अधिकारी को रोजाना सुबह लंबित फाइलों की जानकारी मोबाइल पर एसएमएस से मिल जाएगी। अगर श्रमिक पंजीकरण को 30 दिन का समय तय किया जाएगा तो 20 दिन तक फाइल ग्रीन दिखेगी, 20 से 30 दिन के बीच येलो और फिर 30 पूरे होते ही रेड हो जाएगी, जिसकी जानकारी आला अधिकारियों तक भी चली जाएगी। काम न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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