राजस्थान Switch to English
श्रेष्ठतम तहसीलदार सम्मान
चर्चा में क्यों?
23 अगस्त, 2021 को राजस्थान के राजस्व मंडल द्वारा राजस्व क्षेत्र में दायित्व निर्वहन के दौरान दी गई श्रेष्ठ सेवाओं के लिये हर ज़िले से एक तहसीलदार को श्रेष्ठतम तहसीलदार सम्मान दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- अजमेर में राजस्व मंडल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने बताया कि राजस्व मंडल के स्तर पर वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 की अवधि में दी गई सेवाओं के आधार पर तहसीलदार का सम्मान के लिये चयन किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान के प्रत्येक ज़िले से एक तहसीलदार के चयन के लिये ज़िलास्तरीय चयन समिति का गठन किया गया है। इस समिति में अतिरिक्त ज़िला कलेक्टर (प्रशासन) संयोजक होंगे, जबकि उपखंड अधिकारी (मुख्यालय) एवं ज़िला कलेक्टर की ओर से मनोनीति एक अन्य उपखंड अधिकारी को बतौर सदस्य मनोनीत किया गया है।
- यह समिति बीते वित्तीय वर्ष के तहत निर्धारित मापदंडों के आधार पर दी गई उल्लेखनीय सेवाओं के तहत एक तहसीलदार का नाम चयनित कर 15 सितंबर, 2021 तक राजस्व मंडल को भिजवाएगी।
- उन्होंने बताया कि ज़िलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर चयनित तहसीलदारों को राज्यस्तरीय सम्मान समारोह आयोजित कर सर्वश्रेष्ठ तहसीलदार सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
झारखंड Switch to English
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान
चर्चा में क्यों?
23 अगस्त, 2021 को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के 12 फाइलेरिया प्रभावित ज़िलों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्यक्रम 23 अगस्त से 27 अगस्त, 2021 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है।
- अभियान के दौरान राज्य के 11 ज़िलों- गिरिडीह, चतरा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, गोड्डा, हज़ारीबाग, खूंटी, लोहरदगा और राँची में लाभार्थियों को दो दवाएँ- डीईसी और एल्बेंडाजोल दी जाएंगी, जबकि सिमडेगा में लाभार्थियों को तीन दवाएँ- डीईसी, एल्बेंडाजोल और इवरमेक्टिन दी जाएंगी।
- इस अभियान में बूथों पर और घर-घर जाकर लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएँ मुफ्त दी जाएंगी। दवाओं का वितरण कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में किया जाएगा।
- उक्त 12 ज़िलों में से लगभग 1 करोड़, 78 लाख लक्षित लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएँ दी जाएंगी।
- इस कार्यक्रम के तहत 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरियारोधी दवा नहीं दी जाएगी, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा 1-2 साल के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल ही पिलाया जाएगा।
- राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले भी 22-27 फरवरी, 2021 के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चार ज़िलों- साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में चलाया था, जिसमें 70 लाख से अधिक लाभार्थियों को फाइलेरियारोधी दवाएँ दी गई थीं।
- फाइलेरिया एक उष्णकटिबंधीय परजीवी रोग है, जो मच्छरों से फैलता है और लिम्फ नोड्स तथा लसीका वाहिकाओं को प्रभावित करता है। फाइलेरिया विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। फाइलेरिया के कारण पैरों में होने वाली असामान्य सूजन को आमतौर पर एलीफेंटियासिस कहा जाता है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
आईआईटी-मेडिकल ज़ोन का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राजधानी रायपुर की सिविल लाइन स्थित ढांड कैंपस में राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी के लिये आईआईटी-मेडिकल ज़ोन (कोचिंग सेंटर) का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार आईआईटी-मेडिकल ज़ोन द्वारा विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये क्लासरूम पढ़ाई के साथ-साथ डिजिटल माध्यम से भी कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है।
- इस संस्थान के द्वारा विद्यार्थियों को बहुत कम फीस पर कोटा और दिल्ली के शिक्षकों के माध्यमों से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
शिशु संरक्षण माह
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2021 को राज्य में शिशु संरक्षण माह का शुभारंभ किया गया। यह 24 अगस्त से 28 सितंबर, 2021 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत राज्य के टीकाकरण केंद्रों और आंगनबाड़ियों में 9 माह से 5 वर्ष के लगभग 26 लाख 40 हज़ार बच्चों को विटामिन ‘ए’ सीरप पिलाया जाएगा और 6 माह से 5 वर्ष के लगभग 27 लाख 60 हज़ार बच्चों को आयरन, फोलिक एसिड सीरप की खुराक दी जाएगी।
- कार्यक्रम का क्रियान्वयन एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के सहयोग से प्रत्येक मंगलवार तथा शुक्रवार को आयोजित होने वाले टीकाकरण दिवस को किया जाएगा।
- इसके अलावा टीकाकरण से छूटे हुए तथा नियमित टीकाकरण के लक्षित बच्चों को प्रतिरक्षा के लिये बी.सी.जी., हेपेटाइटिस बी, डी.पी.टी., ओ.पी.वी., मिजल्स-रूबेला तथा पेंटावेलेंट के टीके भी लगाए जाएंगे।
- शिशु संरक्षण माह के दौरान बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिये उनका वज़न कराया जाएगा तथा अतिकुपोषित बच्चों का चिह्नांकन कर उनके पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कर उपचार किया जाएगा।
- इस दौरान आंगनबाड़ियों में भी कुपोषित बच्चों को पूरक पोषक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। पालकों को बच्चों की आयु के अनुरूप पोषक आहार की जानकारी दी जाएगी।
- शिशु संरक्षण माह के तहत एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं द्वारा परिवार भ्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को परामर्श भी दिया जाएगा।
- बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिये स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ियों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग आपसी समन्वय से काम करेंगे।
उत्तराखंड Switch to English
‘नेचर विद्या’ वेब पोर्टल
चर्चा में क्यों?
23 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के वन और पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने पर्यावरण शिक्षा से संबंधित ‘नेचर विद्या’ वेब पोर्टल को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिये पर्यावरण संबंधी हिन्दी संसाधनों की कमियों को दूर करने के लिये प्रकृति विज्ञान पहल (एनएसआई) द्वारा जेबीजीवीएस के सहयोग से द्विभाषी हिन्दी-अंग्रेज़ी वेबसाइट ‘नेचर विद्या’ शुरू की गई है, जो विशेष रूप से पर्यावरण शिक्षा को पूरा करती है।
- यह पोर्टल शिक्षकों के लिये बच्चों को प्रकृति से संलग्न करने हेतु, पारिस्थितिकी, कचरा, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे विषयों को कवर करने के लिये सरल उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।
- यह पोर्टल पहली बार ज़मीनी स्तर के शिक्षकों को हिन्दी में परिष्कृत उपकरण उपलब्ध कराएगा, साथ ही भविष्य में किसी भी स्कूल व्यवधान में मदद करेगा।
- इसके साथ ही रावत ने पीपल के पेड़ और उसकी पारिस्थितिकी पर श्रुति राव द्वारा लिखित ‘रहस्यमयी बागीचा’ नामक एक हिन्दी पुस्तक का भी विमोचन किया। यह पुस्तक पीपल जैसे पेड़ों को देखकर बच्चों को महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी अवधारणाओं को सीखने में मदद करती है।
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