उत्तर प्रदेश Switch to English
कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करेगी, इसके लिये उन्हें 20 जुलाई, को वृक्षारोपण अभियान में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित करेगी, जिसमें 35.5 करोड़ वृक्ष लगाए जाएंगे।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य कार्बन वित्तपोषण अथवा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- वृक्षारोपण अभियान: 20 जुलाई को राज्य में बड़े पैमाने पर वृक्षरोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसके दौरान 35.5 करोड़ वृक्ष लगाए जाएंगे।
- कार्बन क्रेडिट: किसानों को उनके द्वारा लगाए गए वृक्षों के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी के आधार पर कार्बन क्रेडिट मिलता है। अवशोषित किये गए प्रत्येक टन कार्बन डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जन के लिये, उन्हें प्रोत्साहन के रूप में वित्तीय लाभ मिलता है।
- वृक्षों के प्रकार: चिनार, मेलिया, डुबिया और सेमल जैसे तेज़ी से बढ़ने वाले वृक्षों को लगाने से किसानों को कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर मिलता है।
- क्रेडिट क्रय: ये कार्बन क्रेडिट प्रत्येक पाँच वर्ष में छह अमेरिकी डॉलर प्रति क्रेडिट की दर से क्रय जाते हैं
- लाभार्थी: पहले चरण में छह मंडलों गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के किसान कार्बन क्रेडिट से लाभान्वित होंगे।
- प्रोत्साहन: वर्ष 2024 से वर्ष 2026 के बीच 25,140 किसानों को 202 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा।
- विभागवार वितरण:
- गोरखपुर: 2,406 किसानों को 34.66 करोड़ रुपए मिलेंगे।
- बरेली: 4,500 किसानों को 24.84 करोड़ रुपए मिलेंगे
- लखनऊ: 2,512 किसानों को 21.26 करोड़ रुपए मिलेंगे
- मेरठ: 3,754 किसानों को 21.67 करोड़ रुपए मिलेंगे
- मुरादाबाद: 4,697 किसानों को 38.05 करोड़ रुपए मिलेंगे
- सहारनपुर: 7,271 किसानों को 61.52 करोड़ रुपए मिलेंगे।
- अनुमानित कार्बन क्रेडिट: कुल 42,19,369 कार्बन क्रेडिट अपेक्षित हैं।
- भावी चरण: दूसरे चरण में सात और प्रभाग शामिल होंगे तथा तीसरे चरण का लक्ष्य पूरे राज्य को कार्बन वित्तपोषण के अंतर्गत शामिल करना है
- दूसरे चरण में सात मंडल देवीपाटन, अयोध्या, झाँसी, मिर्ज़ापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ शामिल होंगे।
- तीसरे चरण का लक्ष्य पूरे राज्य को कार्बन वित्तपोषण के दायरे में लाना है।
- कार्बन वित्तपोषण कार्बन उत्सर्जन को एक मौद्रिक मूल्य प्रदान करता है
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उत्तर प्रदेश में नदियों के किनारे 3.72 करोड़ पौधे लगाए जाएँगे
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने “पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान-2024” शुरू किया है, जिसका लक्ष्य राज्य भर में नदी तटों पर 3,72,66,000 पौधे लगाना है।
मुख्य बिंदु
- शामिल किये गए नदी तट
- गंगा: गंगा नदी के किनारे 5,096.42 हेक्टेयर भूमि पर 77.5 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
- यमुना: यमुना नदी के किनारे 534 स्थानों पर 98.47 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जो 6,581.32 हेक्टेयर भूमि को कवर करेंगे
- हिंडन: 270.13 हेक्टेयर भूमि पर चार लाख पौधे हिंडन नदी की शोभा बढ़ाएंगे।
- प्रोत्साहन योजना: प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, वाराणसी, गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, भदोही, काशी वन्यजीव और बलिया सहित गंगा के किनारे वन प्रभागों में, स्वच्छ गंगा के लिये राष्ट्रीय मिशन द्वारा वित्त पोषित एक प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है।
- वृक्षों की किस्में: नदी के किनारों पर नीम, सहजन, इमली, अर्जुन, जामुन, बेल, आम, महुआ, सागौन, शीशम, गुतील, बाँस, पीपल, पक्कड़ और बरगद सहित विभिन्न प्रकार के वृक्ष लगाए जाएंगे।
- औषधीय पौधे: यह पहल नर्सरियों के सहयोग से 2,500 हेक्टेयर निजी भूमि पर औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को भी बढ़ावा देती है।
- यह प्रयास न केवल राज्य के हरित आवरण को बढ़ाता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है।
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