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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Jul 2023
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राजस्थान युवा महोत्सव-2023

चर्चा में क्यों?

22 जुलाई, 2023 को प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में राजस्थान युवा बोर्ड द्वारा आयोजित किये जा रहे राजस्थान युवा महोत्सव-2023 का शुभारंभ हुआ। 

प्रमुख बिंदु  

  • राजस्थान युवा महोत्सव-2023 में युवाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी देखने को मिल रही है। महोत्सव के प्रथम चरण में ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जो 31 जुलाई तक चलेंगी।
  • राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लाम्बा ने बताया कि बड़ी संख्या में 15 से 29 वर्ष की आयु के युवा इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।  
  • आयोजन का उद्देश्य प्रदेश की प्रतिभाओं का चयन कर तथा उन्हें प्रशिक्षण व सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये तैयार करना एवं स्वावलंबी बनाना है। 
  • राज्य की लुप्तप्राय एवं दुर्लभ लोक कलाओं का संरक्षण-संवर्द्धन करना एवं प्रोत्साहन देना भी इस आयोजन का उद्देश्य है।  
  • इन महोत्सवों में विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं यथा- सामूहिक लोक गायन, सामूहिक लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य (कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मणिपुरी, कुचिपुड़ी), शास्त्रीय एकल गायन (हिंदुस्तानी), नाटक, चित्रकला, आशु भाषण, स्लोगन लेखन, कविता, शास्त्रीय वाद्य यंत्र (हारमोनियम, तबला, बांसुरी, गिटार, सितार, मृदंग, वीणा) वादन, फोटोग्राफी आदि का आयोजन किया जा रहा है।  
  • वहीं फड, मांडणा, भित्तिचित्र, रावणहत्था, खड़ताल, मोरचंग, भपंग, अलगोजा, रम्मत, लंगा-मांगणियार, कठपुतली आदि से संबंधित प्रतियोगिताएँ भी आयोजित हो रही हैं। 
  • युवा महोत्सवों में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ युवाओं का करियर मार्गदर्शन भी किया जाएगा।  
  • महोत्सव के अंतर्गत 1 अगस्त से 10 अगस्त तक ज़िला स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। तत्पश्चात् राज्य स्तर की प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी।  

 


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राज्यपाल ने एपिलेप्सी पर इकोन-2023 सम्मेलन का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

21 जुलाई, 2023 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन और इंडियन एपिलेप्सी सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इकोन-2023 सम्मेलन का उद्घाटन किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस वैज्ञानिक युग में भी इस बीमारी के लक्षणों से घबराकर लोग रोगी को अंधविश्वास के चलते झाड़ा दिलाने, ओझाओं के पास जाने आदि के चक्कर में पड़ जाते हैं, यह दुखद है।  
  • राज्यपाल ने मिर्गी के उपचार के साथ इसके संबंध में जागरूकता के अधिकाधिक प्रसार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मिर्गी कोई लाइलाज रोग नहीं रह गया है। इसका यदि समयबद्ध उपचार होता है तो 80 प्रतिशत मामलों में रोगियों के दौरे बंद हो जाते हैं और वह सामान्य जीवनयापन कर सकते हैं।  
  • जीवनशैली में बदलाव करते हुए प्राकृतिक जीवनचर्या का पालन करते, पर्याप्त नींद, नियमित योगासन, व्यायाम, प्राणायाम आदि को अपनाते हुए संतुलित आहार लिया जाए तो व्यक्ति कई रोगों से बच सकता है और शारीरिक रूप से स्वस्थ जीवन जी सकता है।   
  • राजस्थान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि नए चिकित्सकीय शोधों के आधार पर हुई प्रगति से रोगी पर मिर्गी रोगियों के जीवन को आसान बनाने में मदद मिली है। इस बीमारी की दवाइयों और इलाज की लागत कम करने के लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जाने चाहिये।  
  • राज्यपाल ने इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन के पचास वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर तैयार कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण भी किया। 


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