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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Jul 2023
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पचमढ़ी मैराथन के पाँचवें संस्करण का हुआ सफल आयोजन

चर्चा में क्यों?

23 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश टूरिज़्म बोर्ड (एमपीटीबी) और ज़िला प्रशासन नर्मदापुरम के सहयोग से ‘एडवेंचर एंड यू’(के.ए. कनेक्ट) द्वारा पचमढ़ी मानसून मैराथन के पाँचवें संस्करण का सफल आयोजन हुआ। इस मैराथन में देशभर से 1350 धावकों ने भाग लिया।  

प्रमुख बिंदु  

पचमढ़ी मानसून मैराथन के पाँचवें संस्करण में चार वर्ष के बच्चे से लेकर 75 वर्ष के बुजुर्ग ने ऊर्जा और उत्साह के साथ दौड़ लगाई।  

  • धावकों ने पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच 42 किलोमीटर, 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर एवं 5 किलोमीटर श्रेणियों में दौड़ लगाई।  
  • मैराथन दौड़ एमपीटी ग्लेनव्यू होटल से शुरू हुई। समापन में विजेताओं को सर्टिफिकेट, ट्रॉफी और मेडल दिये गए। 
  • प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति और प्रबंध संचालक टूरिज़्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पचमढ़ी मैराथन की सफलता को देखते हुए खजुराहो में भी 11 फरवरी, 2024 को मैराथन का आयोजन होगा। पचमढ़ी में ही 17 दिसंबर को एक अल्ट्रा मैराथन (30, 60 ओर 90 किलोमीटर) होने जा रही है। 
  • मैराथन के विजेता 
    • 42 किलोमीटर (पुरुष) में प्रथम विजेता पी. सेल्वन 
    • 42 किलोमीटर (महिला) में प्रथम विजेता निकिता मंडलोई 
    • 21 किलोमीटर (पुरुष) में प्रथम विजेता रमनजीत 
    • 21 किलोमीटर (महिला) में प्रथम विजेता युविका मेरोथेन 
    • 10 किलोमीटर (पुरुष) में प्रथम विजेता दत्ता कुमार 
    • 10 किलोमीटर (महिला) में प्रथम विजेता कविता शर्मा 
    • 5 किलोमीटर (पुरुष) में प्रथम विजेता संभव मिश्रा 
    • 5 किलोमीटर (महिला) में प्रथम विजेता दिव्यांशी


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5वाँ हेलिकॉप्टर एवं लघु विमान शिखर सम्मेलन खजुराहो में आयोजित किया जाएगा

चर्चा में क्यों?

23 जुलाई, 2023 को पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 5वाँ हेलिकॉप्टर और लघु विमान शिखर सम्मेलन 25 जुलाई को मध्य प्रदेश के खजुराहो में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, पवन हंस लिमिटेड और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • कार्यक्रम का विषय ‘अंतिम मील तक पहुँचना: हेलिकॉप्टर और छोटे विमानों के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी’है।  
  • इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के प्रारूप में एक उद्घाटन सत्र और उसके बाद एक तकनीकी सत्र शामिल हैं। 
  • शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान योजना के विस्तार को बढ़ाना है। 
  • शिखर सम्मेलन के व्यापक उद्देश्य हैं: 
  • सभी उद्योग हितधारकों और नीति निर्माताओं के लिये भारतीय हेलिकॉप्टर और लघु विमान उद्योग के विकास की कहानी पर चर्चा करने के लिये एक साझा मंच प्रदान किया जाए। 
  • सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान योजना का विस्तार बढ़ाएँ और देश की ग्रामीण से शहरी कनेक्टिविटी का प्रसार करें। 
  • वर्तमान व संभावित पर्यटन हॉटस्पॉट वाले स्थलों पर हेलिकॉप्टर और लघु विमान की कनेक्टिविटी को निर्बाध सेवाएँ प्रदान करके बढ़ावा देना। 
  • हेलिकॉप्टर और लघु विमान भारत के परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नागरिक हेलिकॉप्टर विशेषत: दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर पहुँच में योगदान करते हैं, पर्यटन के लिये जबरदस्त संभावनाएँ प्रदान करते हैं, जिससे यात्रियों को अद्वितीय तरीकों से सुंदर परिदृश्य और सांस्कृतिक स्थलों का अनुभव प्राप्त होता है। हेलिकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिकाओं में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ और बाढ़ के दौरान आपदा प्रबंधन, बचाव अभियान आदि शामिल हैं। 
  • इसी तरह लघु विमान, व्यवसाय और अवकाश यात्रियों के लिये कुशल और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प प्रदान करते हैं, क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाते हैं और अल्प-ज्ञात गंतव्यों की खोज को बढ़ावा देते हैं। विमानन और पर्यटन उद्योग परस्पर एक-दूसरे से लाभान्वित होते हैं, रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देते हैं और पूरे देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं। 
  • शिखर सम्मेलन ऐसे महत्त्वपूर्ण समय पर हो रहा है, जब भारतीय नागरिक उडन्न्यन उद्योग एक आदर्श परिवर्तन के समय से गुजर रहा है। यह क्षेत्र अब न केवल भारत के लिये बल्कि दुनिया भर में मानव जाति के लिये समय की मांग बन गया है, क्योंकि यह हमेशा अपने साथ दो महत्त्वपूर्ण गुणक लाता है- आर्थिक गुणक और रोज़गार गुणक। 
  • 5वाँ हेलि शिखर सम्मेलन उद्योग हितधारकों को नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और सहयोग करने के लिये एक साथ लाएगा, जिससे सक्षम और विवेकपूर्ण निर्णयों को लागू किया जाए, जो भारत के नागरिक उड्डयन उद्योग को और अधिक विस्तार देगा।


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एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना से 218.98 मेगावाट विद्युत क्रय करने का किया अनुबंध

चर्चा में क्यों?

21 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने गुजरात के काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना से 218.98 मेगावाट विद्युत क्रय करने का एक पावर परचेस एग्रीमेंट गत दिवस हस्ताक्षरित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस पावर परचेस एग्रीमेंट पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (कमर्शियल-पारंपरिक) शैलेंद्र जनार्दन और न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना के डायरेक्टर एस.के. राय ने हस्ताक्षर किये।  
  • विदित है कि भारत की प्रथम स्वदेश निर्मित 700 मेगावाट न्यूक्लियर पावर रिएक्टर को गुजरात के काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना (यूनिट-3) में स्थापित किया गया है। इस यूनिट ने 30 जून, 2023 को वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन प्रारंभ कर दिया है।  
  • इस परियोजना की यूनिट-4 से अगले वर्ष फरवरी 2024 से विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने की संभावना है।  
  • भारत के न्यूक्लियर ऊर्जा कार्यक्रम में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इससे देश की बढ़ती हुई ऊर्जा मांगों को स्वच्छ और भरोसेमंद न्यूक्लियर ऊर्जा के माध्यम से पूरा करने में मदद मिलेगी। पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा किये गए पावर परचेस एग्रीमेंट में मध्य प्रदेश को भी बिजली की आपूर्ति होगी। 
  • परमाणु विद्युत-पावर परचेस एग्रीमेंट में मध्य प्रदेश को यह बिजली मात्र रुपए 4.40 पैसे प्रति यूनिट (सिंगल पार्ट टेरिफ) की दर से 30 जून से सतत् (24×7) रूप से सस्ती दर पर प्राप्त होने लगी है। काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना से प्राप्त होने वाली यह बिजली प्रदेश के उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने में उपयोगी सिद्ध होगी।

 


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