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राजस्थान को कोयला आपूर्ति
चर्चा में क्यों?
राजस्थान को 400,000 मीट्रिक टन कोयला मिलने वाला है, जो छत्तीसगढ़ के वाशिंग प्लांटों में फँसा हुआ था।
इस आने वाले कोयले की खदान से राज्य के विद्युत घरों के लिये आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे निवासियों को पर्याप्त विद्युत की गारंटी मिलेगी।
मुख्य बिंदु:
- वर्तमान में राज्य के सभी 23 विद्युत संयंत्र सक्रिय हैं, उन्हें 25 रेक आपूर्ति प्राप्त हो रही है तथा 7 दिन का अग्रिम स्टॉक रखा गया है।
- अतिरिक्त 4 लाख मीट्रिक टन से यह स्टॉक 4 दिन के लिये बढ़ जाएगा, क्योंकि थर्मल प्लांटों को कार्य करने के लिये प्रतिदिन 1 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता होती है।
- छत्तीसगढ़ के कोरबा में आर्यन कोल बेनेफिसिएशन इंडिया लिमिटेड (Aryan Coal Beneficiation India Limited- ACBEL) को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा पाँच साल के लिये साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (South Eastern Coalfields Limited- SECL) की खदान से सूरतगढ़ और छबड़ा ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला उपलब्ध कराने का अनुबंध दिया गया था।
- हालाँकि जुलाई 2022 में छत्तीसगढ़ के राज्य कर (GST) विभाग, खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पर्यावरण विभाग के संयुक्त प्रयास से ACBEL की वाशिंग सुविधाएँ प्रतिबंध कर दी गईं, जिससे राजस्थान का लगभग 4 लाख मीट्रिक टन कोयला वाशिंग सुविधाओं में फँस गया।
सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट
- सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर स्टेशन है।
- यह गंगानगर ज़िले के सूरतगढ़ शहर से 27 किमी. दूर स्थित है। इस विद्युत संयंत्र का संचालन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) द्वारा किया जाता है।
- इस विद्युत संयंत्र में 6 इकाइयाँ हैं जो 250 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकती हैं और 2 इकाइयाँ 660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकती हैं।
छाबड़ा थर्मल पावर प्लांट
- छाबड़ा थर्मल पावर प्लांट राजस्थान के कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों में से एक है
- यह राजस्थान के बारां ज़िले में स्थित है।
- इस विद्युत संयंत्र की नियोजित क्षमता 2320 मेगावाट है।
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