हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार की ई-पहल की आलोचना
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार को अपनी कुछ ई-पहलों को लेकर हितधारकों के एक वर्ग की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, विपक्ष ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है और सत्ता में आने पर उन्हें वापस लेने का वादा किया है।
मुख्य बिंदु:
- परिवार पहचान पत्र और मेरी फसल मेरा ब्यौरा ई-पहल हैं, जिसके कारण सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
- परिवार पहचान-पत्र गोपनीयता संबंधी चिंताओं और उपयोगकर्त्ता विवरण में बड़े पैमाने पर विसंगतियों के कारण प्रभावहीन हो गया है, जिससे लोगों को असुविधा हो रही है।
- सूत्रों के अनुसार मेरी फसल मेरा ब्योरा जो एक ही पोर्टल के माध्यम से किसानों को कई सेवाएँ प्रदान करता है, एक अच्छी पहल थी लेकिन खराब कार्यान्वयन और खामियों के कारण न केवल किसानों को परेशानी हुई बल्कि धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार की घटनाएँ भी हुईं।
परिवार पहचान-पत्र (PPP) योजना
- पृष्ठभूमि: राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित योजनाओं, सेवाओं और लाभों की ’पेपरलेस’ तथा ‘फेसलेस’ उपलब्धता के दृष्टिकोण के साथ हरियाणा सरकार ने जुलाई 2019 में PPP योजना की औपचारिक शुरुआत की थी।
- इसके तहत प्रत्येक परिवार को एक इकाई/यूनिट माना जाता है तथा उन्हें 8 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जाती है जिसे पारिवारिक ID कहा जाता है।
- पारिवारिक ID छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन जैसी स्वतंत्र योजनाओं से भी जुड़ी होती है, ताकि स्थिरता तथा विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
- यह विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और पेंशन के लाभार्थियों के स्वचालित चयन को भी सक्षम बनाता है।
- उद्देश्य: परिवार पहचान-पत्र (PPP) का प्रमुख उद्देश्य हरियाणा में सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटा तैयार करना है।
मेरी फसल मेरा ब्योरा
- इसे वर्ष 2022 में राज्य के किसानों की सुविधा के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शिकायतों के निवारण हेतु लॉन्च किया गया था।
- इस पोर्टल के माध्यम से किसान कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=7V1Lb_L8C0I
Switch to English