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पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड और गोवा बनेंगे सहयोगी
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को पर्यटन के विभिन्न आयामों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- समझौता ज्ञापन पर उत्तराखंड पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे तथा गोवा के पर्यटन निदेशक सुनील अचिंपका द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
- दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त कार्य योजना के आधार पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तथा पर्यटन सुविधाओं के विकास में दोनों राज्यों के मध्य यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने के भी प्रयास करेंगे।
- समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिये गोवा से उत्तराखंड के लिये एक से अधिक सीधी उड़ान कनेक्टिविटी सुविधा पर ध्यान देने, गोवा एवं उत्तराखंड की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को परिचित कराने के लिये सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों, रोड शो, आपसी पर्वों का आयोजन, स्थानीय व्यंजनों, लोक संस्कृति हस्त शिल्पों को प्रदर्शित करने के अवसर पैदा करने के प्रयास किये जाएंगे।
- विभिन्न पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त पैकेजों के अन्वेषण पर दोनों पक्ष पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र की बेस्ट प्रेक्टिस को भी साझा करेंगे।
- साहसिक पर्यटन गतिविधियों में दोनों राज्य प्रमुख साहसिक गतिविधियों जैसे वाटर स्पोर्ट्स एयरो स्पोर्ट्स और भूमि आधारित गतिविधियों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देंगे। साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिये राज्यों द्वारा निजी क्षेत्र एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
- पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, स्कीइंग आदि भूमि आधारित गतिविधियाँ, माउंटेन बाइकिंग ट्रेकिंग/हाइकिंग, सभी टेरेना मोटर बाइकिंग, बजी गाडेस्टिनेशन जैसे टिहरी नैनीताल बौर जला उत्तराखंड में नानकमत्ता और अन्य जल निकाय क्षेत्रों में संभावनाएँ तलासी जाएंगी।
- इन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स पावर्ड हैंग ग्लाइडर, वाटर स्पोर्ट्स पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग, व्हाइट वाटर राफ्टिंग, जेट बोट्सवर, जेट्स वॉट्स, फ्लाई बोर्डिंग, वॉटर गोवा के जल क्रीड़ा के साथ-साथ जल क्रीड़ाओं के लिये संयुक्त रूप से विकसित और प्रचारित किये जाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- इको टूरिज्म के क्षेत्र में दोनों राज्यों में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव हैं। अभयारण्य जिन्हें इकोटूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जा सकता है। दोनों राज्य आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने रणनीति के लिये संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।
- वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और योग के क्षेत्र में बडी संभावनाएँ हैं, जबकि गोवा में कई स्पा और वेलनेस रिसॉर्ट हैं जिन्हें संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
- इसी प्रकार विरासत पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड और गोवा दोनों का औपनिवेशिक इतिहास है और वहाँ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े कई स्थान हैं, जिसके लिये संयुक्त प्रचार रणनीति के तहत काम किया जा सकता है।
- मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में दोनों पक्ष मिलकर काम करेंगे और पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने की दिशा में भी सहयोगी बनेंगे।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी। गोवा से देहरादून की पहली सीधी उड़ान सेवा का लाभ दोनों राज्यों के नागरिक उठा सकेंगे, जिससे दोनों राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- गोवा तथा देहरादून के बीच यह सीधी उड़ान दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा के लिये प्रेरित करेगी, सागर से हिमालय के दर्शन का अवसर पर्यटकों को मिलेगा।
- इस एमओयू से दोनों राज्यों के पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ एक-दूसरे राज्यों को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उत्तराखंड तथा गोवा दोनों ही पर्यटन प्रधान छोटे राज्य हैं। दोनों राज्य आपसी समन्वय से इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं तथा समस्याओं का निवारण भी कर सकते हैं।
- गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने भी गोवा एवं उत्तराखंड बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। गोवा की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन है। गोवा में 35% से अधिक रोज़गार पर्यटन से पैदा होते हैं।
- गोवा सरकार ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के विजन पर कार्य कर रही है। राज्य आपसी समन्वय के साथ अपने क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। वर्तमान में गोवा सन, सेंड एवं सी के सिद्धांत से भी आगे बढ़ गया है। यहाँ साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्म पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य हो रहे हैं।
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