उत्तर प्रदेश सरकार और कोरिया गणराज्य के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के बीच एमओयू | उत्तर प्रदेश | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश और कोरिया गणराज्य के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसके तहत दोनों प्रांतों में प्रगति एवं विकास के लिये शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश सरकार की ओर से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह तथा ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के महानिदेशक, ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एंड इंडस्ट्रियल अफेयर, ली यंगसेओक द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
- मुख्यमंत्री ने इस सहभागिता के महत्त्व और दोनों क्षेत्रों के बीच विकास और सहयोग के नए द्वार खोलने पर बल देते हुए कहा कि हस्ताक्षरित एमओयू दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत तथा उत्तर प्रदेश के बीच द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश और दक्षिण कोरिया के पुराने आत्मिक रिश्ते फिर से प्रगाढ़ हो रहे है। दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस की तिथियां एक हैं। दोनों देशों के रिश्ते शताब्दियों पुराने हैं।
- विदित है कि दो हज़ार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना ने जल मार्ग से दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी। उन्होंने जिमगवांन के राजा सुरो से विवाह किया था, जिसके बाद उन्हें हियो हवांग ओक के नाम से जाना गया।
- जिमगवांन साम्राज्य का प्रतीक जुड़वाँ मछली है, जो अयोध्या सहित उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में कई ऐतिहासिक स्मारकों में पाई जाती है।
- ज्ञातव्य है कि 6 नवंबर, 2018 को दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक के साथ मुख्यमंत्री ने अयोध्या में क्वीन हो मेमोरियल पार्क का शिलान्यास किया था। इसका निर्माण पूरा हो चुका है। अयोध्या और कोरिया का गिम्हे शहर सिस्टर सिटी है।
- दुनिया की नामी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग और एलजी जैसे बड़े उद्योग का जन्म दक्षिण कोरिया के जीबी प्रॉविंस में माना जाता है। प्रदेश 250 मिलियन की जनसंख्या के साथ सबसे बड़ा उपभोक्ता केंद्र है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे विकसित होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर | उत्तर प्रदेश | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे पर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- गंगा एक्सप्रेस-वे के आसपास फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क विकसित किये जाएंगे। एक्सप्रेस-वे के शुरुआती छोर व आखिरी छोर पर भी बड़े औद्योगिक गलियारे बनाने की तैयारी है। एक्सप्रेस-वे से निकटता के चलते बड़े पैमाने पर निवेशक यहाँ अपने उद्योग लगाएंगे।
- उत्तर प्रदेश सरकार की योजना एक्सप्रेस-वे के बनने से पहले उससे संबंधित ज़िलों में उद्योग व निवेश के लिहाज से संभावना वाले स्थलों को विकसित करना है। गंगा एक्सप्रेस-वे हापुड़ से भी गुजरेगा तथा यहाँ फार्मा पार्क बनाने की तैयारी है।
- प्रयागराज में एनएच-2 प्रयागराज बाईपास पर खत्म होना है। वहाँ पहले से औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। यहाँ से एक्सप्रेस-वे की निकटता का लाभ वहाँ स्थापित होने वाले उद्योगों को होगा।
- मेरठ, जहाँ से एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होनी है, वहाँ के प्रस्थान बिंदु के आसपास की ज़मीन को उद्योगों के लिये विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे हरदोई से भी गुजरेगी, जहाँ टेक्सटाइल पार्क के लिये ज़मीन तलाश ली गई है।
- टेक्सटाइल पार्क का दायरा लखनऊ तक है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे दोनों की निकटता का लाभ इस पार्क में आने वाले उद्यमियों को होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे शाहजहाँपुर में वेयरहाउस विकसित किये जाएंगे। यहाँ से उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
- इसके अलावा, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, चिकित्सा संस्थान भी खोलने की तैयारी है। राज्य सरकार जल्द संबंधित स्थलों के आसपास औद्योगिक गलियारे के लिये ज़मीन विकसित करेगी।
- एक्सप्रेस-वे का निर्माण 8 पैकेजों में अडानी व आईआर बी कंपनियों द्वारा कराया जा रहा है। यह परियोजना पीपीपी मोड पर क्रियान्वित की जा रही है। इसे जनवरी 2025 तक पूरा किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 12 ज़िलों से गुज़रता है। यहाँ कुल 9172 हेक्टेयर ज़मीन औद्योगिक कारीडोर के लिये ली जा रही है जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। इसी के दायरे में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे है, जिसके लिये जालौन व बांदा में ज़मीन विकसित की जा रही है।
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे भी औद्योगिक गलियारा विकसित होगा। इसके लिये 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर और बाराबंकी में पहले से ही औद्योगिक गलियारे विकसित हो रहे हैं।
देश में CBDC का इस्तेमाल करने वाला पहला नगर निगम बना पटना | बिहार | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पटना नगर निगम के महापौर, उप महापौर एवं नगर आयुक्त ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्मित डिजीटल करेंसी ई-रुपए का शुभारंभ किया, जिससे अब इस डिजीटल करेंसी का उपयोग संपूर्ण पटना नगर निगम क्षेत्र में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- नगर निगम मुख्यालय मौर्यालोक परिसर में पूरी तरह से इस पेमेंट सिस्टम को अपनाया जाएगा। इसके साथ ही पटना नगर निगम के सभी अंचल एवं पेमेंट काउंटरों पर भी इसका उपयोग किया जाएगा।
- गौरतलब है कि भारत में सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजीटल करेंसी) इस्तेमाल करने वाला पहला नगर निगम पटना नगर निगम है। इस दौरान पार्षदों के लिये कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जहाँ उन्हें डिजीटल ई-रुपए के लाभ, इस्तेमाल की जानकारियाँ दी गईं।
- इस दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के रिजनल हेड संजीव दयाल ने कहा कि यह एक बेहतर और सुरक्षित सिस्टम है, जहाँ पेमेंट करते ही तत्काल रूप से राशि क्रेडिट होती है। डिजीटली रूप से ट्रेंड होने पर आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी। एक क्लिक में आसानी से पेमेंट किया जाएगा।
- नगर निगम आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि पटना नगर निगम के कार्यों को जनसुलभ बनाने एवं पेमेंट की प्रक्रिया को आसान करने के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। नो कॉस्ट प्रोसेस के तहत ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम के माध्यम से पटना नगर निगम की आय बढ़ाने के साथ ही आम लोगों को घर बैठे सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं।
- उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में पटना नगर निगम में ऑनलाइन भुगतान 30 प्रतिशत हो रहा है, इसे 90 से 95 प्रतिशत करना लक्ष्य है।
- उल्लेखनीय है कि सीबीडीसी एक डिजिटल मुद्रा है, लेकिन यह करेंसी निजी करेंसी से अलग है। पिछले एक दशक में क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार तेज़ी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएँ किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्त्ता नहीं है।
बिहार के हर पंचायत में लगेंगी फूड प्रोसेसिंग यूनिट | बिहार | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को बिहार उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने बताया कि राज्य की सभी 8387 पंचायतों में ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। उद्योग विभाग ने ज़िला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को हर तरह की सहायता देगी। उन्हें सब्सिडी से लेकर कर्ज तक की सुविधा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिये ज़िला उद्योग केंद्र उद्यमियों का चयन और उनके प्रोजेक्ट का वेरिफिकेशन करेगा।
- इससे राज्य में कृषि आधारित उत्पादों का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बड़े पैमाने पर होगा, साथ ही, स्वरोज़गार से प्रेरित होकर बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार देने वाला बनाया जा सकेगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा मिलने से आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा।
- विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में पीएम-एफएमई के तहत नये रोज़गार शुरू करने के लिये ऋण हेतु आवेदन भी लिये जाएंगे, ताकि इच्छुक आवेदकों को आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराकर उन्हें नये उद्योग शुरू करने में सहायता की जा सके।
- साथ ही, मौजूदा इकाइयों को भी अपग्रेड करने के लिये अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट के साथ पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार उन सभी लोगों की आर्थिक सहायता करेगी, जो लोग खाद्य उद्योग में अपना कोई नया काम शुरू करना चाहेंगे।
बिहार के समीर पांडे ऑस्ट्रेलिया में मेयर पद हासिल करने वाले पहले भारतीय बने | बिहार | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सिटी ऑफ पैरामाटा काउंसिल ने भारतीय मूल (बिहार) के पार्षद समीर पांडेय को पैरामाटा शहर का लॉर्ड मेयर चुना है। समीर इस पद को हासिल करने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं।
प्रमुख बिंदु
- समीर पांडेय का चुनाव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के साथ हुआ। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समीर पांडेय के पहले भारतीय मूल के रूप में मेयर चुने जाने की जानकारी दी।
- पैरामाटा न्यू साउथ वेल्स में सिडनी से सटा एक महत्त्वपूर्ण शहर है। पैरामाटा में भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी अधिक है और यह तेजी से बढ़ रही है। ढाई लाख से अधिक की आबादी वाले इस शहर में 11 फीसदी से भी अधिक लोग भारतीय मूल के हैं।
- करीब बीस साल पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचे समीर पांडेय आईटी विशेषज्ञ के साथ-साथ उद्योगपति हैं, जो एक इंजीनियर के रूप में ऑस्ट्रेलिया आये थे। वह लेबर पार्टी के सदस्य हैं और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें वह बहुत मामूली अंतर से हारे थे।
- 2017 में वह पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे और 2022 में वह दूसरी बार पार्षद बने। 2022 में ही समीर काउंसिल के डिप्टी मेयर चुने गये थे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू | राजस्थान | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को विज्ञान और मानविकी व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान के चिकित्सा शिक्षा विभाग और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय (यूके) के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा टी.रविकांत और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय वाइस-डीन प्रोफेसर कीथ ब्रेनन की उपस्थिति में यह एमओयू साइन किया गया।
- टी. रविकांत ने बताया कि चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के निर्देशन में अनुसंधान साझेदारी विकसित करने के उद्देश्य से यह एमओयू साईन किया गया है। इससे अकादमिक गतिविधियों और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा तथा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित होंगे।
- आपसी अनुभव साझा होने से मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ को वैश्विक पहचान मिलेगी तथा कैपेसिटी बिल्डिंग होगी।
- उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जहाँ प्रत्येक ज़िले में मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। इसके साथ ही अपने नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनोद सोमानी हंस के कहानी संग्रह का विमोचन | राजस्थान | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को अजमेर ज़िला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने हिन्दी एवं राजस्थानी भाषा के नामचीन वयोवृद्ध साहित्यकार डॉ. विनोद सोमानी हंस के नव प्रकाशित कहानी-संग्रह ‘चौराहे के तीन रास्ते’का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. विनोद सोमानी हंस की यह 34वीं कृति है। यह कृति उनकी जीवन संगिनी विद्या सोमानी को श्रद्धांजलि-स्वरूप समर्पित है। विद्या सोमानी स्वयं जीवनपर्यंत लेखिका, प्रकाशक एवं समाजसेविका रहीं।
- डॉ. विनोद सोमानी हंस का लेखन आशा, विश्वास, दिशा बोधयुक्त व अध्यात्म से ओतप्रोत रहा है। पुस्तक ‘चौराहे के तीन रास्ते’उनकी 23 कहानियों का संग्रह है। हर एक कहानी सामान्य से लेकर खास व्यत्ति के जीवन से जुड़ी घटनाओं, पात्रों को रेखांकित करती है।
- कहानियों में मनोविश्लेषणात्मक एवं वास्तविकता स्पष्ट उभरती है तथा पाठक को कहानी अपनी-सी लगती है। पुस्तक की समीक्षा राजस्थानी लेखिका साहित्य संस्थान, जयपुर की सचिव डॉ.सुषमा शर्मा ने की है।
- कहानीकार का लेखन, भाषा शैली, कथानक कुछ इस तरह है कि कहानी पढ़ते हुए पाठक को यथार्थ प्रतीत होता है। उसके मन मस्तिष्क में फिल्म की सी रील चलने लगती है। पुस्तक के शीर्षक ‘चौराहे के तीन रास्ते’ प्रश्नचिह्र छोड़ती है।
- डॉ. विनोद सोमानी हंस देश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से अलंकृत किये गए हैं। पुस्तक की प्रस्तुति आकर्षक है। पुस्तक सभी वर्गों के लिये पठनीय है।
मुख्यमंत्री ने किया ‘जंगल सफारी’का उद्घाटन | राजस्थान | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर राज्य के उदयपुर ज़िले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य में ‘जंगल सफारी’का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- जयसमंद अभयारण्य में ‘जंगल सफारी’की शुरूआत से उदयपुर ज़िले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रदेश में एक प्रमुख इकोटूरिज्म साइट का विकास होगा तथा क्षेत्र में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
- विदित है कि जयसमंद अभयारण्य में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत किये गए प्रयासों से वर्तमान में लेपर्ड की संख्या बढ़कर 19 हो चुकी है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्त्व को समझा और ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की नींव रखी। उसी का परिणाम रहा कि भारत में आज विश्व के 70 प्रतिशत बाघ हैं।
- ज्ञातव्य है कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी हैं। हाल ही में राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है। कुंभलगढ़ टाइगर प्रोजेक्ट हेतु समिति का गठन भी किया गया है।
- राज्य सरकार वन और वन्यजीव की सुरक्षा के लिये निरंतर प्रयासरत है। जैव विविधता को बनाए रखने के लिये वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की गई।
- प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर प्रोजेक्ट हैं। इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिये अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किये जा रहे हैं।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिये राज्य सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लिये गए हैं। इसी क्रम में प्रदेश में वन्यजीव, वन क्षेत्र एवं इकोटूरिज्म का निरंतर विकास किया जा रहा है।
- वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई। साथ ही सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बॉर्डर होमगार्ड लगाकर विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना की गई है, जो कि एक अनूठी पहल है।
- इको-टूरिज्म के लिये प्रत्येक ज़िले में वन क्षेत्रों के निकट दो-दो इको-टूरिज्म लव-कुश वाटिका विकसित की जा रही है।
- चूरू के तालछापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है तथा चंबल घड़ियाल अभयारण्य में पर्यटन की दृष्टि से बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
- राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिये केंद्र सरकार, भारतीय वन्य जीव संस्थान और राज्य सरकार के बीच हुए करार से जैसलमेर में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन केंद्र शुरू किया गया।
- जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित विश्व वानिकी उद्यान की तर्ज पर जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में भी वानिकी उद्यान विकसित किये जा रहे हैं।
भोपाल में स्थापित होगा महाराणा प्रताप लोक | मध्य प्रदेश | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर भोपाल लाल परेड मैदान में आयोजित समारोह में भोपाल में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप लोक का निर्माण किये जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- स्मारक में महाराणा प्रताप के जीवन और कार्यों को चित्रित किया जाएगा। साथ ही उनके सात सहयोगियों भामाशाह, पुंजाभील, चेतक और अन्य के योगदान को भी चित्रित कर दर्शाया जाएगा।
- महाराणा प्रताप द्वारा अपनी संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिये संघर्ष तथा जीवन मूल्यों पर अडिग रहने की उनकी क्षमता से आने वाली पीढ़ी अवगत हो सके और तदनुसार संस्कार ग्रहण कर सकें, इस उद्देश्य से महाराणा प्रताप लोक का निर्माण किया जाएगा।
- समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शालेय पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के शौर्य और वीरता की कहानियाँ पढ़ाई जाएंगी। साथ ही महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।
- गौरतलब है कि महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया का जन्म विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई, 1540 राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जयवंतारबाई के घर हुआ। वे महावीर राणा सांगा के पौत्र थे। वे इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ प्रण के लिये अमर हैं।
- उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया, अंतत: अकबर महाराणा प्रताप को अधीन करने में असफल रहा। महाराणा प्रताप की नीतियाँ शिवाजी महाराज से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों तक के लिये प्रेरणा-स्त्रोत बनीं।
- महाराणा जिस घोड़े पर बैठते थे वह घोड़ा ‘चेतक’दुनिया के सर्वश्रेष्ठ घोड़ों में से एक था। महाराणा 72 किलो का कवच पहनकर 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे। भाला और कवच सहित ढाल-तलवार का वजन मिलाकर कुल 208 किलो का वजन उठाकर वे युद्ध लड़ते थे।
- 30 मई, 1576 को हल्दी घाटी के मैदान में विशाल मुगलिया सेना और रणबाँकुरी मेवाड़ी सेना के मध्य भयंकर युद्ध छिड़ गया। युद्ध में महाराणा ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिये, परंतु अकबर की विशाल सेना के आगे राजपूत सेना नहीं टिक पाई और राणा प्रताप को जंगल में शरण लेनी पड़ी, पर उन्होंने अकबर की दासता स्वीकार नहीं की।
- चित्तौड़ को छोड़कर महाराणा ने अपने समस्त दुर्गों को शत्रु से पुन: छीन लिया। महाराणा ने चित्तौड़गढ़ व मांडलगढ़ के अलावा संपूर्ण मेवाड़ पर अपना राज्य पुन: स्थापित कर लिया। उदयपुर को उन्होंने अपनी राजधानी बनाया। इसके बाद मुगलों ने कई बार महाराणा को चुनौती दी लेकिन मुगलों को मुँह की खानी पड़ी। आखिरकार, युद्ध और शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महाराणा प्रताप की मृत्यु 29 जनवरी, 1597 को चांवड में हुई।
सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाएँ होंगी पुरस्कृत | हरियाणा | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को हरियाणा के करनाल ज़िले के ‘यातायात एवं हाईवे’के पुलिस महानिरीक्षक हरदीप सिंह दून (आईपीएस) ने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये जो संस्थाएँ अच्छा कार्य कर रही हैं, उनको भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया जएगा।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कॉर्पोरेट हाउस, ऑटो इंडस्ट्रीज एवं उनकी एसोसिएशन, विश्वविद्यालय की संस्थाएँ, गैर सरकारी संगठनों की विभिन्न एजेंसियाँ और ट्रस्ट सोसाईटी आदि को पुरस्कृत किया जाएगा।
- इसके लिये इच्छुक संस्था मंत्रालय की वेबसाइट https://morth.nic.in पर पंजीकरण के लिये 30 मई, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं।
- इस संबंध में इच्छुक संस्थाएँ अपने-अपने प्रस्ताव ऑनलाईन पोर्टल पर भेज सकते हैं।
फार्मिंग सेक्टर में झारखंड को मिलेगी सौगात: 500 स्कूलों में बनेंगी मृदा जाँच लैब्स | झारखंड | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार के कृषि एवं कल्याण सचिव मनोज आहूजा ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में बताया कि झारखंड में मृदा जाँच के लिये 500 हाई स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा ताकि भारत सरकार द्वारा यहाँ मृदा जाँच प्रयोगशाला (सॉयल टेस्टिंग लैब) की व्यवस्था की जा सके।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के कृषि मंत्री बादल एवं कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने बताया कि स्कूल के छात्रों को मृदा जाँच का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह अपनी तथा दूसरे किसानों की ज़मीन की मृदा लाकर लैब में जाँच करेंगे।
- जाँच के बाद किसानों को बता सकेंगे कि जाँचे गए खेत की मृदा कैसी है और वहाँ कौन से अनाज उपजाए जा सकते हैं। यह एक अच्छा प्रयोग होगा, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।
- इसके अलावा भारत सरकार ने सीड ट्रेकिंग के लिये पोर्टल की व्यवस्था की है, इसे झारखंड में भी जल्द लागू किया जाए, जिससे बाज़ार में सही बीज का वितरण किया जा सके।
आवासीय हॉकी अकादमी बिलासपुर की खिलाड़ी गीता यादव का ‘खेलो इंडिया वार्षिक स्कॉलरशिप’ में चयन | छत्तीसगढ़ | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बी. आर. यादव. राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र, बहतराई बिलासपुर में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय खेल अकादमी की हॉकी खिलाड़ी कुमारी गीता यादव का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण की ‘खेलो इंडिया वार्षिक स्कॉलरशिप’के लिये किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया, नई दिल्ली द्वारा 16 से 20 मई, 2023 तक एसेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया था।
- राजनांदगाँव में आयोजित वेस्ट ज़ोन जूनियर हॉकी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से नेशनल टीम की सदस्य रही कुमारी गीता यादव ने शानदार प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के आधार पर हॉकी की प्रशिक्षणार्थी खिलाड़ी कु. गीता यादव का चयन खेलो इंडिया स्कॉलरशिप के लिये किया गया। कुमारी गीता यादव को स्कॉलरशिप के तहत प्रतिवर्ष 6 लाख 20 हज़ार रुपए दिये जाएंगे।
- बहतराई बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी एवं एथलेटिक्स की आवासीय अकादमी संचालित हैं। आधुनिक प्रशिक्षण एवं बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर इसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा एक्सीलेंस सेंटर की मान्यता दी गई है।
- इस अकादमी में 95 खिलाड़ी प्रशिक्षणरत हैं, जिसमें हॉकी में 57, तीरंदाजी में 12 एवं एथलेटिक्स में 26 खिलाड़ी शामिल हैं।
जनजातीय वाचिकोत्सव 2023 | छत्तीसगढ़ | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRTI), रायपुर द्वारा आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्द्धन एवं उनके अभिलेखीकरण के उद्देश्य से 25 से 27 मई 2023 तक तीन दिवसीय ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि यह आयोजन भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से टी.आर.टी.आई. संस्थान के नवनिर्मित भवन में होगा।
- आयोजन में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा की विभिन्न विधाओं के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति दी जाएगी।
- ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के आयोजन के उपरांत संस्थान द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के दृष्टिगत पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा।
- ‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के अंतर्गत लगभग 240 जनजातीय वाचकों की सहभागिता संभावित है। इनमें प्रमुख रूप से जनजातीय साहित्यकार अश्वनी कुमार पंकज (रांची, झारखंड) एवं पंकज चतुर्वेदी (नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली) भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
- जनजातीय वाचिकोत्सव में निम्नलिखित 09 विधाओं का वाचन किया जाएगा-
- जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेला के संबंध में वाचिक ज्ञान,
- जनजातियों में प्रचलित लोक कहानियाँ,
- जनजातियों में प्रचलित कहावतें एवं लोकोक्तियाँ,
- जनजातीय लोकगीत, उनका अभिप्राय एवं भावार्थ,
- जनजातीय तीज-त्यौहार से संबंधित वाचिक ज्ञान,
- जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु इत्यादि) संबंधी वाचिक परंपरा,
- जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबंधी धारणा एवं वाचिक ज्ञान,
- जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवसाय एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान,
- जनजातियों में प्रचलित विशिष्ट परंपरा (गोदना, लाल बंगला, घोटूल, धनकूल, जगार, जात्रा, धुमकुरिया आदि) रीति रिवाज एवं परंपरागत ज्ञान एवं विश्वास
- यह कार्यक्रम प्रतिदिन 8 सत्रों में विभाजित किया गया है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर शामिल सभी जनजातीय वाचकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड और गोवा बनेंगे सहयोगी | उत्तराखंड | 24 May 2023
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को पर्यटन के विभिन्न आयामों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- समझौता ज्ञापन पर उत्तराखंड पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे तथा गोवा के पर्यटन निदेशक सुनील अचिंपका द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
- दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त कार्य योजना के आधार पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तथा पर्यटन सुविधाओं के विकास में दोनों राज्यों के मध्य यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने के भी प्रयास करेंगे।
- समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिये गोवा से उत्तराखंड के लिये एक से अधिक सीधी उड़ान कनेक्टिविटी सुविधा पर ध्यान देने, गोवा एवं उत्तराखंड की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को परिचित कराने के लिये सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों, रोड शो, आपसी पर्वों का आयोजन, स्थानीय व्यंजनों, लोक संस्कृति हस्त शिल्पों को प्रदर्शित करने के अवसर पैदा करने के प्रयास किये जाएंगे।
- विभिन्न पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त पैकेजों के अन्वेषण पर दोनों पक्ष पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र की बेस्ट प्रेक्टिस को भी साझा करेंगे।
- साहसिक पर्यटन गतिविधियों में दोनों राज्य प्रमुख साहसिक गतिविधियों जैसे वाटर स्पोर्ट्स एयरो स्पोर्ट्स और भूमि आधारित गतिविधियों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देंगे। साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिये राज्यों द्वारा निजी क्षेत्र एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
- पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, स्कीइंग आदि भूमि आधारित गतिविधियाँ, माउंटेन बाइकिंग ट्रेकिंग/हाइकिंग, सभी टेरेना मोटर बाइकिंग, बजी गाडेस्टिनेशन जैसे टिहरी नैनीताल बौर जला उत्तराखंड में नानकमत्ता और अन्य जल निकाय क्षेत्रों में संभावनाएँ तलासी जाएंगी।
- इन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स पावर्ड हैंग ग्लाइडर, वाटर स्पोर्ट्स पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग, व्हाइट वाटर राफ्टिंग, जेट बोट्सवर, जेट्स वॉट्स, फ्लाई बोर्डिंग, वॉटर गोवा के जल क्रीड़ा के साथ-साथ जल क्रीड़ाओं के लिये संयुक्त रूप से विकसित और प्रचारित किये जाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- इको टूरिज्म के क्षेत्र में दोनों राज्यों में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव हैं। अभयारण्य जिन्हें इकोटूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जा सकता है। दोनों राज्य आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने रणनीति के लिये संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।
- वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और योग के क्षेत्र में बडी संभावनाएँ हैं, जबकि गोवा में कई स्पा और वेलनेस रिसॉर्ट हैं जिन्हें संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
- इसी प्रकार विरासत पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड और गोवा दोनों का औपनिवेशिक इतिहास है और वहाँ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े कई स्थान हैं, जिसके लिये संयुक्त प्रचार रणनीति के तहत काम किया जा सकता है।
- मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में दोनों पक्ष मिलकर काम करेंगे और पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने की दिशा में भी सहयोगी बनेंगे।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी। गोवा से देहरादून की पहली सीधी उड़ान सेवा का लाभ दोनों राज्यों के नागरिक उठा सकेंगे, जिससे दोनों राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- गोवा तथा देहरादून के बीच यह सीधी उड़ान दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा के लिये प्रेरित करेगी, सागर से हिमालय के दर्शन का अवसर पर्यटकों को मिलेगा।
- इस एमओयू से दोनों राज्यों के पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ एक-दूसरे राज्यों को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उत्तराखंड तथा गोवा दोनों ही पर्यटन प्रधान छोटे राज्य हैं। दोनों राज्य आपसी समन्वय से इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं तथा समस्याओं का निवारण भी कर सकते हैं।
- गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने भी गोवा एवं उत्तराखंड बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। गोवा की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन है। गोवा में 35% से अधिक रोज़गार पर्यटन से पैदा होते हैं।
- गोवा सरकार ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के विजन पर कार्य कर रही है। राज्य आपसी समन्वय के साथ अपने क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। वर्तमान में गोवा सन, सेंड एवं सी के सिद्धांत से भी आगे बढ़ गया है। यहाँ साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्म पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य हो रहे हैं।