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देश में CBDC का इस्तेमाल करने वाला पहला नगर निगम बना पटना
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पटना नगर निगम के महापौर, उप महापौर एवं नगर आयुक्त ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्मित डिजीटल करेंसी ई-रुपए का शुभारंभ किया, जिससे अब इस डिजीटल करेंसी का उपयोग संपूर्ण पटना नगर निगम क्षेत्र में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- नगर निगम मुख्यालय मौर्यालोक परिसर में पूरी तरह से इस पेमेंट सिस्टम को अपनाया जाएगा। इसके साथ ही पटना नगर निगम के सभी अंचल एवं पेमेंट काउंटरों पर भी इसका उपयोग किया जाएगा।
- गौरतलब है कि भारत में सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजीटल करेंसी) इस्तेमाल करने वाला पहला नगर निगम पटना नगर निगम है। इस दौरान पार्षदों के लिये कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जहाँ उन्हें डिजीटल ई-रुपए के लाभ, इस्तेमाल की जानकारियाँ दी गईं।
- इस दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के रिजनल हेड संजीव दयाल ने कहा कि यह एक बेहतर और सुरक्षित सिस्टम है, जहाँ पेमेंट करते ही तत्काल रूप से राशि क्रेडिट होती है। डिजीटली रूप से ट्रेंड होने पर आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी। एक क्लिक में आसानी से पेमेंट किया जाएगा।
- नगर निगम आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि पटना नगर निगम के कार्यों को जनसुलभ बनाने एवं पेमेंट की प्रक्रिया को आसान करने के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। नो कॉस्ट प्रोसेस के तहत ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम के माध्यम से पटना नगर निगम की आय बढ़ाने के साथ ही आम लोगों को घर बैठे सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं।
- उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में पटना नगर निगम में ऑनलाइन भुगतान 30 प्रतिशत हो रहा है, इसे 90 से 95 प्रतिशत करना लक्ष्य है।
- उल्लेखनीय है कि सीबीडीसी एक डिजिटल मुद्रा है, लेकिन यह करेंसी निजी करेंसी से अलग है। पिछले एक दशक में क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार तेज़ी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएँ किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्त्ता नहीं है।
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बिहार के हर पंचायत में लगेंगी फूड प्रोसेसिंग यूनिट
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को बिहार उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने बताया कि राज्य की सभी 8387 पंचायतों में ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। उद्योग विभाग ने ज़िला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को हर तरह की सहायता देगी। उन्हें सब्सिडी से लेकर कर्ज तक की सुविधा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिये ज़िला उद्योग केंद्र उद्यमियों का चयन और उनके प्रोजेक्ट का वेरिफिकेशन करेगा।
- इससे राज्य में कृषि आधारित उत्पादों का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बड़े पैमाने पर होगा, साथ ही, स्वरोज़गार से प्रेरित होकर बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार देने वाला बनाया जा सकेगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा मिलने से आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा।
- विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में पीएम-एफएमई के तहत नये रोज़गार शुरू करने के लिये ऋण हेतु आवेदन भी लिये जाएंगे, ताकि इच्छुक आवेदकों को आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराकर उन्हें नये उद्योग शुरू करने में सहायता की जा सके।
- साथ ही, मौजूदा इकाइयों को भी अपग्रेड करने के लिये अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट के साथ पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार उन सभी लोगों की आर्थिक सहायता करेगी, जो लोग खाद्य उद्योग में अपना कोई नया काम शुरू करना चाहेंगे।
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बिहार के समीर पांडे ऑस्ट्रेलिया में मेयर पद हासिल करने वाले पहले भारतीय बने
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सिटी ऑफ पैरामाटा काउंसिल ने भारतीय मूल (बिहार) के पार्षद समीर पांडेय को पैरामाटा शहर का लॉर्ड मेयर चुना है। समीर इस पद को हासिल करने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं।
प्रमुख बिंदु
- समीर पांडेय का चुनाव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के साथ हुआ। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समीर पांडेय के पहले भारतीय मूल के रूप में मेयर चुने जाने की जानकारी दी।
- पैरामाटा न्यू साउथ वेल्स में सिडनी से सटा एक महत्त्वपूर्ण शहर है। पैरामाटा में भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी अधिक है और यह तेजी से बढ़ रही है। ढाई लाख से अधिक की आबादी वाले इस शहर में 11 फीसदी से भी अधिक लोग भारतीय मूल के हैं।
- करीब बीस साल पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचे समीर पांडेय आईटी विशेषज्ञ के साथ-साथ उद्योगपति हैं, जो एक इंजीनियर के रूप में ऑस्ट्रेलिया आये थे। वह लेबर पार्टी के सदस्य हैं और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें वह बहुत मामूली अंतर से हारे थे।
- 2017 में वह पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे और 2022 में वह दूसरी बार पार्षद बने। 2022 में ही समीर काउंसिल के डिप्टी मेयर चुने गये थे।
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