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मुख्यमंत्री ने डेनेक्स की नई यूनिट का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा ज़िले के कटेकल्याण में अपनी टेक्सटाइल यूनिट की वजह से देश भर में चर्चित दंतेवाड़ा के नवाचार डेनेक्स की नई यूनिट का शुभारंभ किया। यहाँ 100 महिलाएँ गारमेंट्स बनाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- इसी के साथ डेनेक्स की पाँचवी यूनिट छिंदनार का एमओयू हुआ। यह एमओयू डेनेक्स एफपीओ (किसान उत्पादक संघ) और एक्सपोर्ट हाउस तिरपुर के बीच हुआ, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर में होल सेल की देश की सबसे बड़ी यूनिट में से एक है।
- अभी तक स्थापित डेनेक्स की चार यूनिट हारम, बारसूर, कारली, कटेकल्याण से कपडों की लाट बंगलूरू भेजी जा रही थी, लेकिन इस एमओयू के बाद डेनेक्स की पाँचवीं यूनिट छिंदनार से तैयार होने वाले कपड़े यूके और यूएस के बाज़ार में भी नज़र आएंगे।
- उल्लेखनीय है कि डेनेक्स के माध्यम से दंतेवाड़ा वस्त्र व्यवसाय के एक नए केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। यहाँ के कपड़ों की गुणवत्ता की वजह से देश भर में इनकी मांग बढ़ी है और देश भर की व्यापारिक संस्थाएँ इनसे एप्रोच कर रही हैं।
- अब से लगभग 16 महीने पहले छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा ज़िले में महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिये ज़िला प्रशासन ने ग्राम पंचायत हारम में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री की स्थापना की थी। यहाँ बने कपड़ों को ब्रांड नाम दिया गया ‘डेनेक्स’। डेनेक्स का अर्थ है ‘दंतेवाड़ा नेक्स्ट’। इस ब्रांड में दंतेवाड़ा ज़िले की समृद्धि, परंपरा एवं संस्कृति की झलक दिखाई देती है।
- बीते 16 माह में ही डेनेक्स की चार यूनिट से लगभग 50 करोड़ रुपए मूल्य की 6 लाख 85 हज़ार कपड़ों की लॉट बंगलूरू भेजी जा चुकी है, जहाँ से इनका विक्रय पूरे देश में (कश्मीर से कन्याकुमारी तक) हो रहा है। डेनेक्स से दंतेवाड़ा के लगभग 800 लोगों को रोज़गार मिला है।
- डेनेक्स की यूनिटों के तेज़ी से प्रसारित होने की वजह से न केवल महिलाओं को रोज़गार मिला है, अपितु देश भर में संस्थान के कपड़ों की डिमांड होने से अपने कौशल संवर्धन का कार्य भी हो रहा है।
- गौरतलब है कि डेनेक्स की महिलाओं ने हाल ही में ग्यारह किमी. लंबी चुनरी का निर्माण किया है, जिसे मुख्यमंत्री दंतेश्वरी माता को अर्पित करेंगे।
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‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’का नाम अब ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के हितग्राहियों के लिये संचालित ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’में पूर्व में जारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए अब इस योजना का नाम ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करना है।
- इसके लिये गर्भधारण के बाद से प्रसूति तक महिलाओं को उचित व भरपूर आहार हेतु सहायता राशि प्रदान की जाती है, इससे महिलाओं व बच्चे के शरीर को गर्भावस्था में आहार व पोषण की कमी और आर्थिक समस्या नहीं होती।
- योजना के तहत 10000/- रुपए प्रसूति लाभ दिया जाता है, जिसमें सें 5000/- रुपए गर्भधारण के प्रथम तिमाही में एवं शेष 5000/- रुपए तृतीय तिमाही (आठवें माह) में दिये जाते हैं। सहायता राशि का भुगतान सूचनाप्राप्ति के 72 घंटे के भीतर कर दिया जाता है।
- योजना में शामिल होने के लिये पात्रता-
- हितग्राही के पति या पत्नी का पंजीयन आवश्यक।
- महिला श्रमिक के गर्भधारण का अधिकृत सत्यापन डॉक्टर, एएनएम अथवा मितानीन के द्वारा होना अनिवार्य।
- सार्वजनिक एवं शासकीय संस्थानों में कार्य कर रहे निर्माण श्रमिक की पत्नी को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- प्रसूति योजना का लाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा।
- लाभ की पात्रता पंजीयन के 90 दिवस के उपरांत।
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बेहराडीह में खुला प्रदेश का पहला किसान स्कूल
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने जांजगीर-चांपा ज़िले के बलौदा ब्लॉक के ग्राम बहेराडीह में प्रदेश के पहले किसान स्कूल का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. चरणदास महंत ने इस अवसर पर कहा कि यह स्कूल देश में अपनी तरह का पहला स्कूल है, जहाँ किसानों को खेती के संबंध में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- इस स्कूल में किसानों को कृषि क्षेत्र में 18 अलग-अलग विषयों में जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तरह की जानकारी मिलेगी।
- इस स्कूल में किसानों को कृषि क्षेत्र में खरीफ फसल, रबी फसल के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, मुर्गीपालन, मछली पालन, लाख उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन, सब्जी खेती प्रबंधन, कोसा कीट पालन व अन्य विषयों की जानकारी दी जाएगी।
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