उत्तर प्रदेश Switch to English
बटागुर कछुआ
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर टर्टल सर्वाइवल एलायंस (टीएसए) के प्रोजेक्ट ऑफिसर पवन पारीक ने बताया कि दुनिया में विलुप्ति की कगार पर पहुँच चुके बटागुर कछुओं की संख्या बढ़कर 500 हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- पारीक ने बताया कि बटागुर कछुओं में साल और ढोर प्रजाति शामिल हैं। दोनों ही प्रजाति के कछुए चंबल नदी में पाए जाते हैं।
- गौरतलब है कि चंबल नदी में कछुओं की आठ प्रजातियाँ संरक्षित हो रही हैं, जिनमें साल, ढोर, सुंदरी, मोरपंखी, कटहवा, भूतकाथा, स्योत्तर, पचेड़ा शामिल हैं।
- वर्ष 2008 में टर्टल सर्वाइवल एलायंस ने चंबल में कछुओं के संरक्षण पर काम शुरू किया था। टर्टल सर्वाइवल एलायंस की टीम इटावा और बाह रेंज से नेस्टिंग सीजन में अंडों को एकत्रित कर गढ़ायता कछुआ संरक्षण केंद्र में रखती है। तत्पश्चात् दोनों रेंज के जिन घाटों से अंडे एकत्रित किये जाते हैं, वहीं कछुए छोड़ दिये जाते हैं। पारीक के अनुसार इस साल 311 नेस्ट हैचरी में थे।
- बटागुर कछुओं की आबादी में तेज़ गिरावट बाढ़, नदी किनारे पर कछवारी, चोरी-छिपे होने वाले खनन और मछली पकड़ने को डाले गए जाल में फँसने से होने वाली मृत्यु तथा मांस और शक्तिवर्धक दवाओं के लिये होने वाली तस्करी आदि के कारण हुई है।
- इसे आईयूसीएन की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered) श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
बिहार Switch to English
बिहार में लागू होगी ई-विधान प्रणाली
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को बिहार विधानसभा की लोक उपक्रम समिति के सभापति हरि नारायण सिंह ने शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में स्थापित ई-विधान प्रणाली का जायजा लेने के बाद कहा कि ई-विधान प्रणाली को बिहार विधानसभा में भी लागू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- ई-विधान प्रणाली में पेपरलेस विधानसभा का संचालन किया जाता है, जिसके अंतर्गत विधानसभा सत्र के दौरान पूछे जाने वाले सभी प्रश्नोत्तरों के आदान-प्रदान के साथ बजट की प्रस्तुति ऑनलाइन माध्यम से की जाती है।
- हिमाचल प्रदेश में ई-विधान प्रणाली की शुरुआत 4 अगस्त, 2014 को की गई थी, जिससे राज्य को 15 करोड़ रुपए वार्षिक की बचत हो रही है।
- उल्लेखनीय है कि बिहार विधानपरिषद 25 नवंबर, 2021 को पूरी तरह से नेवा प्लेटफॉर्म पर जाने वाला देश का पहला सदन बन गया, जिसके अंतर्गत पेपरलेस मोड में नेवा प्लेटफॉर्म पर शीतकालीन सत्र, 2021 का आयोजन किया गया।
राजस्थान Switch to English
राज ओलिव स्टोर
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने जयपुर के दुर्गापुरा अनुसंधान केंद्र परिसर में ‘राज ओलिव स्टोर’का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह स्टोर जैविक सब्जियाँ और विभिन्न ओलिव उत्पाद की आम जनता के लिये उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु खोला गया है।
- इसके अतिरिक्त स्टोर में शुद्ध पानी और जैविक सब्जियों के साथ जैतून से बने उच्च ग्रेड शहद, तेल और सिरका भी उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं।
- इस स्टोर में सब्जियों की आपूर्ति कृषि विभाग के बस्सी स्थित कृषि उत्कृष्टता केंद्र से की जाती है।
- गौरतलब है कि ऑलिव ऑयल विभिन्न पोषक तत्त्वों का एक बड़ा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, डी, ई और के के अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, अल्फा लिनोलिक एसिड, ओलेइक एसिड और ओमेगा-9 फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है, जो कैंसर, दिल संबंधी बीमारी, हडिन्न्यों से जुड़े रोग, डायबिटीज आदि में लाभदायक है।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘एडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’अभियान
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को मध्य प्रदेश के महिला-बाल विकास संचालक डॉ. रामराव भोंसले ने बताया कि ‘एडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’में अब तक 93 हज़ार 32 आँगनवाड़ी केंद्रों पर सहयोग के लिये 1 लाख 235 विभिन्न संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा पंजीयन करवाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- आँगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन और उसमें जन-सहयोग की संकल्पना को साकार करने के लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ‘एडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’ अभियान प्रारंभ किया गया है।
- ‘एडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’में सहयोगकर्त्ता और दानदाता केंद्रों की आधारभूत आवश्यकताओं, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकता तथा स्वास्थ्य एवं पोषण व्यवस्थाओं में सहयोग कर अपनी सहभागिता कर सकते हैं।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लगभग 97 हज़ार 135 आँगनवाड़ी एवं मिनी आँगनवाड़ी संचालित हैं, जिनके माध्यम से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ तथा 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को शालापूर्व शिक्षा प्रदान की जा रही है।
- डॉ. भोंसले ने बताया कि सहयोगकर्त्ताओं द्वारा पोषण और सुपोषण घटक में बच्चों के मध्यम एवं गंभीर कुपोषण निवारण के लिये थेरेपेटिक न्यूट्रीशन एवं दवाइयों हेतु एक करोड़ 98 लाख रुपए का सहयोग प्राप्त हुआ है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा वन विभाग की तरफ से हर गाँव में लगाए जाएंगे पौधे
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2022 को हरियाणा के वन मंत्री कंवरपाल ने बताया कि प्रदेश के हर गाँव को ग्रीन बनाने के लिये इस वर्ष प्रदेश के हर गाँव में वन विभाग की तरफ से पंचायत की खाली पड़ी ज़मीन पर पौधे लगाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- वन मंत्री कंवरपाल ने यह जानकारी कुरुक्षेत्र में हरियाणा पर्यावरण सोसायटी (एचईएस) द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव को लेकर ब्रह्मसरोवर के वीआईपी घाट पर हुए पौधारोपण अभियान के शुभारंभ के दौरान दी।
- वन मंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में वन विभाग की तरफ से 20 करोड़ से ज़्यादा पौधे लगाने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
- कंवरपाल ने कहा कि गाँव में पंचायत की जितनी ज़मीन खाली मिलेगी, उतनी ज़मीन पर पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश के हर गाँव के शिव धामों में 10 से लेकर 100 पौधे लगाए जाने के कार्य को भी किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
राष्ट्रीय कृमि मुक्त सप्ताह
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को आज़ादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्त सप्ताह की शुरुआत की गई। यह 29 मई तक मनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान के तहत राजकीय विद्यालयों, मान्यताप्राप्त विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्रों-प्ले स्कूल में अध्ययनरत् तथा नामांकित एवं विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों को पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल की टेबसेट नि:शुल्क खिलाई जाएगी।
- अभियान के तहत जो भी बच्चे 23 से 26 मई के बीच दवा खाने से वंचित रह जाएंगे, उन बच्चों को 27 से 29 मई तक घर-घर जाकर दवा दी जाएगी।
- इस कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से मिलकर आपसी तालमेल से कार्य करेंगे।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर हर 6 महीने में एक साल से 19 साल तक के बच्चे के स्वास्थ्य को सुधारने के लिये पेट के कीड़े मारने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा एल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जाती है, ताकि बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहे।
झारखंड Switch to English
बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा बताया गया कि झारखंड में पहली बार समय से पहले किसानों को बीज वितरण की प्रक्रिया शुरू करते हुए बीज विनिमय एवं वितरण कार्यक्रम योजना के अंतर्गत खरीफ फसल के बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर 11 मई, 2022 से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में कृषि निदेशालय किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज का वितरण ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म के ज़रिये कर रहा है, जिससे किसानों को बीज की समय पर उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो पा रही है।
- इसके साथ ही झारखंड ब्लॉकचेन प्रणाली से बीज वितरण करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
- खरीफ मौसम में मात्र एक महीने में ही 101065 किसानों को ब्लॉकचेन आधारित बीज ट्रेसबिलिटी प्लेटफॉर्म पर निबंधित कर लिया गया है। साथ ही 123 एफपीओ (FPOs) को भी पंजीकृत किया गया है ।
- इस प्रणाली से बीज के साथ कृषि निदेशालय की अन्य सरकारी कृषि योजनाओं का भी लाभ निबंधित किसानों व एफपीओ को दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने डेनेक्स की नई यूनिट का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा ज़िले के कटेकल्याण में अपनी टेक्सटाइल यूनिट की वजह से देश भर में चर्चित दंतेवाड़ा के नवाचार डेनेक्स की नई यूनिट का शुभारंभ किया। यहाँ 100 महिलाएँ गारमेंट्स बनाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- इसी के साथ डेनेक्स की पाँचवी यूनिट छिंदनार का एमओयू हुआ। यह एमओयू डेनेक्स एफपीओ (किसान उत्पादक संघ) और एक्सपोर्ट हाउस तिरपुर के बीच हुआ, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर में होल सेल की देश की सबसे बड़ी यूनिट में से एक है।
- अभी तक स्थापित डेनेक्स की चार यूनिट हारम, बारसूर, कारली, कटेकल्याण से कपडों की लाट बंगलूरू भेजी जा रही थी, लेकिन इस एमओयू के बाद डेनेक्स की पाँचवीं यूनिट छिंदनार से तैयार होने वाले कपड़े यूके और यूएस के बाज़ार में भी नज़र आएंगे।
- उल्लेखनीय है कि डेनेक्स के माध्यम से दंतेवाड़ा वस्त्र व्यवसाय के एक नए केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। यहाँ के कपड़ों की गुणवत्ता की वजह से देश भर में इनकी मांग बढ़ी है और देश भर की व्यापारिक संस्थाएँ इनसे एप्रोच कर रही हैं।
- अब से लगभग 16 महीने पहले छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा ज़िले में महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिये ज़िला प्रशासन ने ग्राम पंचायत हारम में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री की स्थापना की थी। यहाँ बने कपड़ों को ब्रांड नाम दिया गया ‘डेनेक्स’। डेनेक्स का अर्थ है ‘दंतेवाड़ा नेक्स्ट’। इस ब्रांड में दंतेवाड़ा ज़िले की समृद्धि, परंपरा एवं संस्कृति की झलक दिखाई देती है।
- बीते 16 माह में ही डेनेक्स की चार यूनिट से लगभग 50 करोड़ रुपए मूल्य की 6 लाख 85 हज़ार कपड़ों की लॉट बंगलूरू भेजी जा चुकी है, जहाँ से इनका विक्रय पूरे देश में (कश्मीर से कन्याकुमारी तक) हो रहा है। डेनेक्स से दंतेवाड़ा के लगभग 800 लोगों को रोज़गार मिला है।
- डेनेक्स की यूनिटों के तेज़ी से प्रसारित होने की वजह से न केवल महिलाओं को रोज़गार मिला है, अपितु देश भर में संस्थान के कपड़ों की डिमांड होने से अपने कौशल संवर्धन का कार्य भी हो रहा है।
- गौरतलब है कि डेनेक्स की महिलाओं ने हाल ही में ग्यारह किमी. लंबी चुनरी का निर्माण किया है, जिसे मुख्यमंत्री दंतेश्वरी माता को अर्पित करेंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’का नाम अब ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के हितग्राहियों के लिये संचालित ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’में पूर्व में जारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए अब इस योजना का नाम ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करना है।
- इसके लिये गर्भधारण के बाद से प्रसूति तक महिलाओं को उचित व भरपूर आहार हेतु सहायता राशि प्रदान की जाती है, इससे महिलाओं व बच्चे के शरीर को गर्भावस्था में आहार व पोषण की कमी और आर्थिक समस्या नहीं होती।
- योजना के तहत 10000/- रुपए प्रसूति लाभ दिया जाता है, जिसमें सें 5000/- रुपए गर्भधारण के प्रथम तिमाही में एवं शेष 5000/- रुपए तृतीय तिमाही (आठवें माह) में दिये जाते हैं। सहायता राशि का भुगतान सूचनाप्राप्ति के 72 घंटे के भीतर कर दिया जाता है।
- योजना में शामिल होने के लिये पात्रता-
- हितग्राही के पति या पत्नी का पंजीयन आवश्यक।
- महिला श्रमिक के गर्भधारण का अधिकृत सत्यापन डॉक्टर, एएनएम अथवा मितानीन के द्वारा होना अनिवार्य।
- सार्वजनिक एवं शासकीय संस्थानों में कार्य कर रहे निर्माण श्रमिक की पत्नी को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- प्रसूति योजना का लाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा।
- लाभ की पात्रता पंजीयन के 90 दिवस के उपरांत।
छत्तीसगढ़ Switch to English
बेहराडीह में खुला प्रदेश का पहला किसान स्कूल
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने जांजगीर-चांपा ज़िले के बलौदा ब्लॉक के ग्राम बहेराडीह में प्रदेश के पहले किसान स्कूल का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. चरणदास महंत ने इस अवसर पर कहा कि यह स्कूल देश में अपनी तरह का पहला स्कूल है, जहाँ किसानों को खेती के संबंध में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- इस स्कूल में किसानों को कृषि क्षेत्र में 18 अलग-अलग विषयों में जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तरह की जानकारी मिलेगी।
- इस स्कूल में किसानों को कृषि क्षेत्र में खरीफ फसल, रबी फसल के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, मुर्गीपालन, मछली पालन, लाख उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन, सब्जी खेती प्रबंधन, कोसा कीट पालन व अन्य विषयों की जानकारी दी जाएगी।
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