नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Apr 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

झारखंड मुक्ति मोर्चा की याचिका पर नोटिस

चर्चा में क्यों?

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के लोकपाल द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को पार्टी के नाम पर दो संपत्तियों की जाँच करने का निर्देश दिया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • यह आदेश राज्यसभा सांसद के खिलाफ एक शिकायत पर पारित किया गया था। लोकपाल ने CBI को छह महीने के भीतर सांसद से जुड़ी कथित बेनामी संपत्तियों की जाँच करने का निर्देश दिया था।
  • यह प्रस्तुत किया गया कि विवादित आदेश लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत भारत के लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से परे है।

लोकपाल

  • परिचय:
    • लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 में संघ के लिये लोकपाल व राज्यों के लिये  लोकायुक्त की स्थापना का प्रावधान है।
    • ये संस्थाएँ बिना किसी संवैधानिक स्थिति के वैधानिक निकाय हैं।
  • कार्य:
    • वे "लोकपाल" का कार्य करते हैं और कुछ सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों तथा संबंधित मामलों की जाँच करते हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) 

  • यह भारत की प्रमुख जाँच पुलिस एजेंसी है।
    • यह केंद्रीय सतर्कता आयोग और लोकपाल को सहायता प्रदान करता है।
  • यह भारत सरकार के कार्मिक विभाग, कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के अधीक्षण के तहत कार्य करता है जो प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आता है।
    • हालाँकि, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों की जाँच के लिये इसका अधीक्षण केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास है।
  • यह भारत में नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल सदस्य देशों की ओर से जाँच का समन्वय करती है।
  • इसकी सज़ा दर 65 से 70% तक है और यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ जाँच एजेंसियों के बराबर है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow