मध्य प्रदेश Switch to English
संजय सरोवर सिंचाई परियोजना स्वीकृत
चर्चा में क्यों?
23 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग ने मध्य प्रदेश के बालाघाट एवं सिवनी ज़िले से जुड़ी महत्त्वाकांक्षी संजय सरोवर सिंचाई परियोजना के प्रस्तावों के प्रथम चरण की स्वीकृति दे दी है। जल आयोग ने परियोजना की साध्यता का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रथम चरण की स्वीकृति से बालाघाट और सिवनी ज़िले के करीब 300 गाँव को लाभ होगा। इनमें बालाघाट ज़िले के 117 गाँव हैं। साथ ही दोनों ज़िलों की 11 हज़ार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई हो सकेगी।
- संजय सरोवर सिंचाई योजना में 357 करोड़ रुरपए की मंज़ूरी दी गई है। इससे नहरों के सीमेंटीकरण, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण से संबंधित कार्य किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की बाईं तट नहर प्रणाली संजय सरोवर परियोजना का एक भाग है। इस नहर प्रणाली का निर्माण वर्ष 1998 से वर्ष 2005 तक किया गया था। वर्तमान में इस नहर प्रणाली की मुख्य नहर, वितरण नहरें एवं उप वितरण नहरें अब तक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, इनकी मरम्मत करवाई जाएगी।
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ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता का परिणाम जारी
चर्चा में क्यों?
23 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष देश में चलाए गए ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता का परिणाम प्रकाशित हुआ है, जिसमें देश भर से शामिल 260 ज़िलों में भोपाल को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता की सूची के प्रथम 50 ज़िलों में मध्य प्रदेश के 10 ज़िले शामिल हैं। इसमें ग्वालियर पाँचवें तथा उज्जैन आठवें स्थान पर है।
- आगामी 7 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रतियोगिता के अग्रणी ज़िलों के नोडल अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
- गौरतलब है कि ‘मिलावट से मुक्ति’अभियान से प्रदेश में अधिक संख्या में नमूना संग्रहण, खाद्य अनुज्ञप्ति की संख्या में वृद्धि के लिये शिविर लगाना, खाद्य सुरक्षा के लिये जागरूकता अभियान जैसे कार्य निरंतर किये जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में ज़िलों ने सराहनीय उपलब्धि प्राप्त की है।
- विदित है कि आमजन के खान-पान की आदतों में सकारात्मक बदलाव तथा खाद्य प्रतिष्ठानों में आत्म-अनुपालन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक मई 2022 से 15 नवंबर, 2022 तक चलाए गए देशव्यापी ईट राइट चैलेंज की विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया गया।
- प्रतियोगिता में अनुज्ञप्ति/पंजीयन की संख्या बढ़ाना, नमूना संग्रहण, मिलेट रेसिपी एवं फोर्टिफिकेशन प्रदर्शन, ईट राइट केम्पस/स्टेशन प्रमाणन, भोग प्रमाणन, हाईजीन रेटिंग एवं नवाचारी गतिविधियों को पृथक्-पृथक् अंक प्रदान किये गए।
- चैलेंज के अंतर्गत भोपाल के कलेक्टर द्वारा प्रारंभ किये गए ‘न्यूज पेपर में दे खाना, तो बोलो ना-ना’, उज्जैन ज़िले के ‘दोने में दो ना’जैसे नवाचारों को भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा सराहा गया।
- इस दौरान देश में प्रथम ईट राइट मिलेट मेला भी भोपाल में आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (श्री अन्न) वर्ष के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर मिलेट मेले लगाए जा रहे हैं।
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