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स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Mar 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के 18 प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल संरक्षित घोषित

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 18 प्राचीन एवं ऐतिहासिक महत्त्व के स्थलों को संरक्षित घोषित करते हुए इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश सरकार द्वारा इन सभी स्थलों को एंशियंट मान्यूमेंट्स प्रिजर्वेशन एक्ट-1904 की धारा-3 के अधीन संरक्षित घोषित किये जाने की अधिसूचना जारी की गई है। ये स्थल प्रदेश के छह ज़िलों में स्थित हैं।
  • राज्य पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित घोषित 18 स्मारकों या स्थलों में जनपद झाँसी स्थित शिवालय, प्राचीन कोल्हू कुश मड़िया, चंपतराय का महल, उत्तर मध्यकालीन किला बंजारों का मंदिर, बेर, पिसनारी दायी मड, पठामढ़ी, टहरौली का किला, दिगारा गढ़ी तथा राम जानकी मंदिर शामिल हैं।
  • इसी प्रकार संतकबीरनगर जनपद के कोट टीला, प्रयागराज स्थित रानी का तालाब, इष्टिका निर्मित प्राचीन विष्णु मंदिर, गंगोला शिवाला, जनपद महोबा स्थित शिव तांडव, खंकरा मठ, जनपद फर्रुखाबाद स्थित प्राचीन शिवमंदिर तथा इटावा में स्थित शिव मंदिर (टिक्सी टेम्पिल) को संरक्षित घोषित किया गया है।

बिहार Switch to English

NIT पटना के छात्र द्वारा बनाई गई सिमुलेटर मशीन को मिला पेटेंट

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार एनआईटी पटना के पीएचडी स्टूडेंट्स डॉ. हिलोल चक्रवर्ती द्वारा बनाई गई सिमुलेटर मशीन, जो मेटेरियल के सैंपल के आधार पर सड़क की निर्माण सामग्री में नमी की पहचान कर लेगी, को पेटेंट मिल गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पीएचडी स्टूडेंट्स डॉ. हिलोल चक्रवर्ती ने बताया कि सिमुलेटर मशीन से अलकतरा के साथ कौन-सा मेटेरियल मिलाया जाए, जिससे सड़क पानी या अधिक गर्मी या फिर अधिक दबाव से जल्दी खराब न हो, इसकी पहचान की जाएगी।
  • यह मशीन मौसम, वाहनों के दबाव और पथरीले स्थान पर अलकतरा के साथ सीमेंट या अन्य सामग्री कितना और कैसे मिलाया जाएगा, यह बताएगी।
  • विदित है कि एनआईटी पटना के पीएचडी के छात्र डॉ. हिलोल चक्रवर्ती ने चार साल के रिसर्च के बाद सिमुलेटर मशीन को बनाया है।
  • एनआईटी के डीन प्रो संजीव सिन्हा ने बताया कि उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से सड़क हर साल खराब हो जाती है। इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मशीन की सहायता से सड़कें जल्दी खराब नहीं होंगी, क्योंकि पहले इसके कारणों का पता लगाकर सड़कें बनाई जाएंगी।
  • उन्होंने बताया कि नयी तकनीक के आधार पर सड़क निर्माण सामग्री की जाँच करने की यह पहली मशीन है और यह बहुत ही कम लागत में बनाई गई है।
  • अब सिमुलेटर मशीन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिये किसी कंपनी या सरकार के साथ समझौता किया जाएगा। पानी और अन्य कारणों की वजह हर साल अरबों रुपए का नुकसान होता है। इस तकनीक के इस्तेमाल से सड़क जल्दी खराब नहीं होगा।

डॉ. हिलोल चक्रवर्ती द्वारा बनाई गई सिमुलेटर मशीन


राजस्थान Switch to English

चार दिवसीय संभाग स्तरीय आरोग्य मेले का हुआ शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने अलवर के बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित चार दिवसीय संभाग स्तरीय आरोग्य मेले का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निरोगी राजस्थान के सपने को साकार करते हुए प्रदेश में संभाग स्तरीय आरोग्य मेलों का आयोजन किया जा रहा है।
  • उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना’ के ज़रिए प्रदेश के लोगों के लिये बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। योजना में अब आमजन के लिये 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर रखा गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार देते हुए ‘राइट टू हैल्थ’ लागू किया है।
  • ज़िला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर ने बताया कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये आरोग्य मेले जैसे कदमों से आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
  • आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक राजेंद्र सिंह ने बताया कि मेले में जयपुर संभाग के सभी ज़िलों से 179 चिकित्सा अधिकारियों व 179 कंपाउडर व नर्सों ने भाग लिया।
  • इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने संभाग स्तरीय आरोग्य मेले में ग्रीन हाउस औषधीय पादप प्रदर्शनी का उद्घाटन किया तथा ग्रीन हाउस में हडजोड, तुलसी, वासा, हारसिगार, घृत कुमारी, आँवला, अंजीर, अर्जुन, वरूण, शिग्रु, गिलॉय सहित विभिन्न औषधीय पौधों की जानकारी साझा की।
  • संभाग स्तरीय आरोग्य मेले में ओपीडी की 16 स्टॉल व 15 मेडिकल स्टोर की स्टॉल लगाई गई है, जिसमें हौम्योपैथी चिकित्सा परामर्श, यूनानी चिकित्सा, अग्नि कर्म चिकित्सा, शल्य (क्षारसूत्र) चिकित्सा, जलोका चिकित्सा, पंचकर्म चिकित्सा, जरावस्था चिकित्सा ओपीडी शामिल हैं।
  • मेले में विशेष रूप से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय जयपुर की स्टॉल भी लगाई गई जिस पर आयुर्वेद पद्धति की ब्रोशर व पम्पलेट के ज़रिए जानकारी दी गई।


राजस्थान Switch to English

‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन इन इंडिया’ पर कार्यशाला

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को राजस्थान की शिक्षा मंत्री जाहिदा खान ने जयपुर में ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए)’ की ओर से भारत में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा की गुणवत्ता एवं सार्वभौमीकरण के लिये शासन के अभिसरण और प्रबंधन (कनवर्जेंस एंड मैनेजमेंट फॉर यूनिवर्सेलाइजेशन एंड क्वालिटी अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन इन इंडिया) पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यशाला में 16 राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
  • शिक्षा मंत्री जाहिदा खान ने बताया कि राजस्थान में ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा’ (अर्ली चाईल्डहुड केयर एंड एजुकेशन-ईसीसीई) पर विशेष फोकस करते हुए कई नवाचार किये जा रहे हैं, जो देश के अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय है। आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों में समाहित करने जैसे राजस्थान के नवाचारों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शामिल किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान के करीब 68 हज़ार से अधिक स्कूलों में ‘स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम’ को लागू किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत करीब 62 हज़ार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, इनमें से प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों देखभाल और शिक्षा पर फोकस करते हुए 42 हज़ार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों को शिक्षा विभाग के साथ जोड़ा जा चुका है।
  • बाल्यावस्था में 1 से 6 वर्ष की आयु में बच्चों के सर्वोत्तम विकास को सबसे नाजुक माना गया है, राज्य सरकार द्वारा इस लिहाज से समय की आवश्यकता के अनुरूप ईसीसीई के महत्त्वूपर्ण घटकों की पहचान कर इस दिशा में ज़ोर-शोर से कार्य किया जा रहा है।
  • राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहनलाल यादव ने बताया कि बच्चों पर आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल और घर पर अनावश्यक मानसिक दबाव को खत्म करने के लिये राजस्थान में इस स्तर की पाठ्य पुस्तकों का संक्षिप्तीकरण करते हुए कोर्स को कम करने और शनिवार को ‘नो बैग डे’ जैसा नवाचार लागू करने की पहल की गई है।
  • प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों में समाहित करते हुए अब तक 37 हज़ार से अधिक आंगनबाड़ियों में ‘चाईल्ड फ्रेंडली फर्नीचर’और 34 हज़ार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिये आऊटडोर खेलों की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे, परफोरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स और खेलों इंडिया जैसे प्रोग्राम में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है।
  • एनआईईपीए की प्रोफेसर डॉ. रश्मिता दास ने ईसीसीई के बारे में बताया कि देश में 3 से 6 साल तक के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार द्वारा वहन की जा रही है, जिसमें पहले निजी क्षेत्र का एकाधिकार था, इसमें सिविल सोसाईटी भी अपना योगदान दे रही है।
  • पूरे देश में एक समान प्री-प्राईमरी एजुकेशन के लिये एक ऐसा फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा सके।


मध्य प्रदेश Switch to English

संजय सरोवर सिंचाई परियोजना स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग ने मध्य प्रदेश के बालाघाट एवं सिवनी ज़िले से जुड़ी महत्त्वाकांक्षी संजय सरोवर सिंचाई परियोजना के प्रस्तावों के प्रथम चरण की स्वीकृति दे दी है। जल आयोग ने परियोजना की साध्यता का अनुमोदन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रथम चरण की स्वीकृति से बालाघाट और सिवनी ज़िले के करीब 300 गाँव को लाभ होगा। इनमें बालाघाट ज़िले के 117 गाँव हैं। साथ ही दोनों ज़िलों की 11 हज़ार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई हो सकेगी।
  • संजय सरोवर सिंचाई योजना में 357 करोड़ रुरपए की मंज़ूरी दी गई है। इससे नहरों के सीमेंटीकरण, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण से संबंधित कार्य किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की बाईं तट नहर प्रणाली संजय सरोवर परियोजना का एक भाग है। इस नहर प्रणाली का निर्माण वर्ष 1998 से वर्ष 2005 तक किया गया था। वर्तमान में इस नहर प्रणाली की मुख्य नहर, वितरण नहरें एवं उप वितरण नहरें अब तक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, इनकी मरम्मत करवाई जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता का परिणाम जारी

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष देश में चलाए गए ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता का परिणाम प्रकाशित हुआ है, जिसमें देश भर से शामिल 260 ज़िलों में भोपाल को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता की सूची के प्रथम 50 ज़िलों में मध्य प्रदेश के 10 ज़िले शामिल हैं। इसमें ग्वालियर पाँचवें तथा उज्जैन आठवें स्थान पर है।
  • आगामी 7 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रतियोगिता के अग्रणी ज़िलों के नोडल अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि ‘मिलावट से मुक्ति’अभियान से प्रदेश में अधिक संख्या में नमूना संग्रहण, खाद्य अनुज्ञप्ति की संख्या में वृद्धि के लिये शिविर लगाना, खाद्य सुरक्षा के लिये जागरूकता अभियान जैसे कार्य निरंतर किये जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में ज़िलों ने सराहनीय उपलब्धि प्राप्त की है।
  • विदित है कि आमजन के खान-पान की आदतों में सकारात्मक बदलाव तथा खाद्य प्रतिष्ठानों में आत्म-अनुपालन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक मई 2022 से 15 नवंबर, 2022 तक चलाए गए देशव्यापी ईट राइट चैलेंज की विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया गया।
  • प्रतियोगिता में अनुज्ञप्ति/पंजीयन की संख्या बढ़ाना, नमूना संग्रहण, मिलेट रेसिपी एवं फोर्टिफिकेशन प्रदर्शन, ईट राइट केम्पस/स्टेशन प्रमाणन, भोग प्रमाणन, हाईजीन रेटिंग एवं नवाचारी गतिविधियों को पृथक्-पृथक् अंक प्रदान किये गए।
  • चैलेंज के अंतर्गत भोपाल के कलेक्टर द्वारा प्रारंभ किये गए ‘न्यूज पेपर में दे खाना, तो बोलो ना-ना’, उज्जैन ज़िले के ‘दोने में दो ना’जैसे नवाचारों को भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा सराहा गया।
  • इस दौरान देश में प्रथम ईट राइट मिलेट मेला भी भोपाल में आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (श्री अन्न) वर्ष के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर मिलेट मेले लगाए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

विधानसभा में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2023 पारित

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विनियोग विधेयक-2023 पारित कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी वर्ष 2018 में 03 लाख 27 हज़ार 106 करोड़ रुपए था, जो 2023 में बढ़कर 05 लाख 09 हज़ार 43 करोड़ रुपए अनुमानित है। मार्च 2020 से निरंतर 02 वर्ष तक कोविड-19 आपदा के कारण आर्थिक गतिविधियाँ मंद होने के बावजूद राज्य शासन की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था के आकार में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • राज्य की जीएसडीपी में वृद्धि वर्ष 2022-23 में 8 प्रतिशत अनुमानित है, जो अखिल भारतीय जीडीपी की अनुमानित वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक तथा स्थिर भाव पर वर्ष 2022-23 में कृषि क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित विकास दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक है।
  • कृषि क्षेत्र में राज्य की वृद्धि दर 5.93 प्रतिशत रही, जबकि राष्ट्रीय वृद्धि दर 3.50 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में राज्य की वृद्धि दर 7.83 प्रतिशत, जबकि राष्ट्रीय वृद्धि दर 4.10 प्रतिशत है। इसी प्रकार सेवा क्षेत्र में राज्य की वृद्धि दर 9.21 प्रतिशत और राष्ट्रीय वृद्धि दर 9.10 प्रतिशत रही।
  • राज्य के स्वयं के करों का राजस्व वर्ष 2018-19 में 21 हज़ार 427 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2023-24 में बढ़कर 38 हज़ार करोड़ रुपए अनुमानित (77 प्रतिशत वृद्धि) है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में किसानों के हित में बड़ी घोषणा करते हुए प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा भी की।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि एक अप्रैल से आवासहीनों, उज्ज्वला गैस योजना और शौचालय के हितग्राहियों का सर्वे कराया जाएगा। आवास योजना में जितने भी पात्र हितग्राही होंगे, उन्हें क्रमबद्ध रूप से आवास दिया जाएगा।
  • वर्ष 2018-19 में पूंजीगत व्यय रु. 08 हज़ार 903 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2023-24 हेतु 18 हज़ार 660 करोड़ रुपए अनुमानित (2 गुणा से अधिक वृद्धि) है।
  • राज्य सरकार ने इस वर्ष बाज़ार से कोई ऋण नहीं लिया है। गत वर्ष 2021-22 में भी राज्य द्वारा मात्र 865 करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया था। वर्ष 2022-23 में जनवरी 2023 तक छत्तीसगढ़ का ऋणभार जीएसडीपी का 17.9 प्रतिशत, जो 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 25 प्रतिशत से बहुत कम है।
  • वर्ष 2023-24 छत्तीसगढ़ द्वारा ऋणों के ब्याज भुगतान पर राजस्व प्राप्तियों का 6.5 प्रतिशत, जो 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 10 प्रतिशत से बहुत कम है।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने की कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ

चर्चा में क्यों?

23 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के लिये कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री प्रतियोगी परीक्षार्थी परिवहन योजना’लागू कि गई है जिसके अंतर्गत राज्य के प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों को रोडवेज़ की बसों में 50 फीसदी किराया ही देना होगा। यह सुविधा परीक्षा देने जाने और वापस आने, दोनों तरफ की यात्रा के लिये मिलेगी।
  • राज्य में अब कक्षा छह से ही कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी की शिक्षा लागू हो जाएगी। इसके अलावा लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु होने पर उनको मिलने वाला पेंशन विधवा पत्नी को दी जाएगी।
  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग की एक साल नई मिसाल विकास पुस्तिका का भी विमोचन किया।
  • उन्होंने 37 करोड़ रुपए की लागत से सहस्त्रधारा के तरला नागर में प्रस्तावित सिटी फॉरेस्ट योजना का भी शिलान्यास किया।
  • सीएम धामी की अन्य घोषणाएँ-
    • चलती-फिरती प्रयोगशाला - उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिये सभी 13 ज़िलों में चलती-फिरती प्रयोगशाला (लैब ऑन व्हील्स) शुरू की जाएगी।
    • सांइस व आईटी कॉरिडोर - राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी गलियारा (कॉरिडोर) बनेगा। जल्द सांइस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पॉलिसी आएगी।
    • खेल विश्वविद्यालय - हल्द्वानी स्थित गौलापार में बने अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का उच्चीकरण कर उसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेल विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।
    • मुख्यमंत्री औद्यानिकी योजना - प्रदेश के किसानों के लिये मुख्यमंत्री औद्यानिकी योजना शुरू की जाएगी। वहीं पशुपालकों के लिये मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन शुरू होगा।
    • सड़कों से जुड़ेंगे गाँव - जल्द मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू होगी। इस योजना के तहत 250 से अधिक आबादी वाले गाँवों की मुख्य सड़कों का निर्माण होगा।
    • कौशल विकास योजना - युवाओं के लिये मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोज़गार योजना शुरू होगी। इसमें स्नातक पास छात्रों को आवश्यक रूप से दक्ष बनाया जाएगा।
    • सरोवर योजना - सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक अमृत सरोवर बनाया जाएगा। इन्हें पर्यटक स्थल व जल क्रीड़ा के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
    • स्वरोज़गार केंद्र - सभी ज़िलों में ज़िला सेवा योजना एवं कौशल विकास कार्यालय को स्वरोज़गार केंद्र के नोडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
    • चलते-फिरते स्कूल - श्रमिकों के बच्चों को साक्षर बनाने के लिये चलते फिरते (मोबाइल) स्कूल शुरू किये जाएंगे, जिनमें शिक्षक मौके पर जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे।
    • गैरसैंण तक चौड़ा होगा मार्ग - ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के लिये दिवालीखाल से सड़क मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा, जिससे कर्णप्रयाग गैरसैंण मार्ग सुगम हो जाएगा।
    • लोक पर्वों को महत्त्व - उत्तरायणी, फूलदेई, हरेला, ईगास, बूढ़ी दिवाली जैसे उत्तराखंड के लोकपर्वों को व्यापक पहचान दिलाए जाने के लिये समेकित नीति बनेगी।

उत्तराखंड Switch to English

जल जीवन मिशन के लिये प्रदेश को मिले 403 करोड़

चर्चा में क्यों?

22 मार्च, 2023 को उत्तराखंड पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल से जल की ‘जल जीवन मिशन’ योजना के लिये केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने राज्य को 403 करोड़ रुपए की तीसरी किश्त जारी कर दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 14 लाख 94 हज़ार 375 घरों में नल से जल पहुँचाने की योजना है।
  • इस मिशन के तहत प्रदेश के अभी तक 9 लाख 95 हज़ार 477 घरों में नल से जल पहुँचाया जा चुका है।
  • जल जीवन मिशन के तहत 17 हज़ार से अधिक छोटी-बड़ी परियोजनाएँ बनाई गई हैं, जिनके लिये जल शक्ति मंत्रालय अभी तक दो किश्तों के रूप में करीब 800 करोड़ रुपए पहले ही जारी कर चुका है।
  • पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि तीसरी किश्त से इस वित्तीय वर्ष के अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में भी कार्य होंगे। इससे मिशन के कार्यों में तेजी आएगी।
  • जल जीवन मिशन के तहत वैसे तो राज्य में करीब 72 प्रतिशत घरों तक हर घर नल से जल पहुँचाया जा चुका है लेकिन रफ्तार अपेक्षाकृत कम है।

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