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सड़क अवसंरचना के वित्तपोषण हेतु वित्तीय विकल्प
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार सड़क बुनियादी ढाँचे के विस्तार हेतु बढ़ी हुई धनराशि हासिल करने के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) सहित कुछ नवीन वित्तीय विकल्पों पर विचार कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान राज्य राजमार्गों के मामले में सातवें स्थान पर है और राष्ट्रीय राजमार्गों के मामले में देश में दूसरा सबसे बड़ा स्थान है।
- राजस्थान राज्य राजमार्ग प्राधिकरण ने बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता को पूरा करने और नवीन निवेश तथा वित्तपोषण मॉडल की सुविधा के लिये नए उपाय अपनाना शुरू कर दिया है।
- लोक निर्माण विभाग (PWD) और इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL) प्रोजेक्ट्स द्वारा संयुक्त रूप से "सड़क बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये वित्तपोषण मॉडल" पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
- IIFCL एक अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र का बुनियादी ढाँचा वित्त संस्थान है, जिसने देश की राष्ट्रीय राजमार्ग क्षमता का लगभग 21% वित्त पोषित किया है, जिसमें लगभग 30,000 किमी. सड़कें शामिल हैं।
- राज्य सरकार अपने सड़क नेटवर्क को मज़बूत करने और इसे तमिलनाडु, महाराष्ट्र तथा गुजरात के समानांतर लाने के लिये IIFCL परियोजनाओं के साथ मिलकर कार्य करेगी।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल
- यह सार्वजनिक संपत्ति और/या सार्वजनिक सेवाओं के प्रावधान के लिये सरकार एवं निजी क्षेत्र के मध्य एक व्यवस्था है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी बड़े पैमाने पर सरकारी परियोजनाओं, जैसे सड़कों, पुलों या अस्पतालों को निजी वित्तपोषण के साथ पूरा करने की अनुमति देती है।
- इस प्रकार की साझेदारी में, निजी क्षेत्र की संस्था द्वारा एक निर्दिष्ट अवधि के लिये निवेश किया जाता है।
- ये साझेदारियाँ तब अच्छी तरह से कार्य करती हैं जब निजी क्षेत्र की प्रौद्योगिकी और नवाचार समय पर तथा बजट के भीतर कार्य पूरा करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के प्रोत्साहन के साथ जुड़ते हैं।
- चूंँकि PPP मॉडल में सेवाएँ प्रदान करने के लिये सरकार द्वारा ज़िम्मेदारी का पूर्ण प्रतिधारण शामिल है, यह निजीकरण की प्रक्रिया नहीं है।
- इसमें निजी और सार्वजनिक इकाई के मध्य जोखिम का एक सुव्यवस्थित तरीके से आवंटन होता है।
- निजी इकाई को खुली प्रतिस्पर्द्धी बोली के आधार पर चुना जाता है और वह प्रदर्शन आधारित भुगतान प्राप्त करती है।
- PPP मार्ग उन विकासशील देशों में एक विकल्प हो सकता है, जहाँ सरकारों को महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं के लिये ऋण लेने में विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
- यह बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाने या उन्हें क्रियान्वित करने में आवश्यक विशेषज्ञता भी प्रदान कर सकता है
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