शहरी आजीविका पर राष्ट्रीय कार्यशाला | झारखंड | 24 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana-National Urban Livelihoods Mission- DAY-NULM) के तहत रांची में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला बुलाई।
मुख्य बिंदु:
- कार्यशाला ने शहरी आजीविका में उभरते रुझानों और अवसरों पर उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के लिये एक मंच के रूप में कार्य किया, जिसमें शहरी भारत में महिलाओं के लिये लचीलापन एवं सशक्तीकरण को बढ़ावा देने पर प्राथमिक ध्यान दिया गया।
- प्रतिभागियों में राज्य शहरी आजीविका मिशन के राज्य मिशन निदेशक, MoHUA और झारखंड राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, UNDP भारत के वरिष्ठ अधिकारी, अग्रणी क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं अनुसंधान संस्थानों, स्टार्ट-अप, परोपकार तथा दाता संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
- इस कार्यक्रम में महिलाओं के नेतृत्व वाली शहरी आजीविका और जलवायु, सेवाओं, खुदरा एवं विनिर्माण में उभरते क्षेत्रों तथा उद्यमों के प्रकार को बढ़ावा देने के लिये सक्षम रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा हुई।
- इसने बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों तथा नवीन वित्तीय निवेशों की पहचान के माध्यम से शहरी गरीबी के मुद्दों को संबोधित करने में परोपकार की भूमिका जैसे अन्य विषयों का भी पता लगाया।
राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक
- राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन समान रूप से भारित आयामों में एक साथ अभाव को मापती है जो 12 सतत् विकास लक्ष्य-संरेखित संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं।
- इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, विद्युत, आवास, संपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं।
- MPI की वैश्विक कार्यप्रणाली मज़बूत अलकिरे और फोस्टर (AF) पद्धति पर आधारित है जो तीव्र गरीबी का आकलन करने के लिये डिज़ाइन किये गए सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मैट्रिक्स के आधार पर लोगों को गरीब के रूप में पहचानती है, जो पारंपरिक मौद्रिक गरीबी उपायों हेतु एक पूरक परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM)
- यह मिशन वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया था और इसे आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से स्थायी आजीविका के अवसरों में वृद्धि करके शहरी गरीबों का उत्थान करना है।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीयन का अनुपात 75:25 होगा। पूर्वोत्तर राज्यों तथा विशेष श्रेणी के लिये यह अनुपात 90:10 का होगा।
- इसके लक्षित लाभार्थी शहरी गरीब (सड़क विक्रेता, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, बेघर, कूड़ा बीनने वाले), बेरोज़गार और दिव्यांग हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम वर्ष 1951 से भारत में मानव विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में कार्य कर रहा है।
- भारत सरकार और विकास भागीदारों के साथ मिलकर गरीबी उन्मूलन, असमानताओं को कम करने, स्थानीय शासन को मज़बूत करने, सामुदायिक लचीलेपन को बढ़ाने, पर्यावरण की रक्षा, नीतिगत पहल और संस्थागत सुधारों का समर्थन करने तथा सभी के लिये सतत् विकास को गति प्रदान करने हेतु कार्य करता है।