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संगीत नाट्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित हुए बाँसुरी वादक पंडित चेतन जोशी
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2023 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में झारखंड के बोकारो ज़िले के प्रसिद्ध बाँसुरी वादक पंडित चेतन जोशी को संगीत नाट्य अकादमी अवार्ड-2019 के पुरस्कार से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- पंडित चेतन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत के जाने-माने बाँसुरी वादकों में गिने जाते हैं। 25 साल से बोकारो उनकी कर्मभूमि रही है। संगीत जगत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें यह अवार्ड मिला है।
- बाँसुरी वादक के रूप में पंडित चेतन जोशी के करियर की शुरुआत 1987 में सेक्टर पाँच के श्री गुरु गोविंद सिंह विद्यालय में बतौर संगीत शिक्षक हुई। 1988 में वहाँ से दिल्ली पब्लिक स्कूल सेक्टर-चार में संगीत शिक्षण कार्य के लिये आए। डीपीएस बोकारो में जनवरी 2012 तक वह विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे, उसके बाद 2012 से ही ग्रेटर नोएडा में रहकर भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा बाँसुरी प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।
- पंडित जोशी ने बाँसुरी बजाने की अद्वितीय शैली को विकसित किया और यही उनकी पहचान बनी। उनके द्वारा विकसित की गई एक ही बाँसुरी में साढ़े तीन सप्तक बजाने की पद्धति का उल्लेख अब तक कई शोध पत्रों में प्रकाशित हो चुका है।
- पंडित चेतन जोशी को झारखंड सरकार की ओर से राज्य का सर्वोच्च कला सम्मान राजकीय सांस्कृतिक सम्मान-2006 भी मिल चुका है। उन्हें सुरमनी बिस्मिल्लाह सम्मान, सरस्वती सम्मान, महाराज स्वाति थिरुनाल अवार्ड, स्वर समाज सेवा अवार्ड, कला रत्न सम्मान, संगीत गौरव अवार्ड, संगीत भारती अवार्ड, तेजस्वी सम्मान भी मिल चुका है।
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