राजस्थान Switch to English
राजस्थान बजट वर्ष 2022-23
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान का बजट वर्ष 2022-23 विधानसभा में पेश किया।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान के प्रमुख बिंदु निम्न हैं-
- वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में 2 लाख 14 हज़ार 977 करोड़ 23 लाख रुपए की राजस्व प्राप्तियाँ हैं।
- वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में 2 लाख 38 हज़ार 465 करोड़ 79 लाख रुपए का राजस्व व्यय है।
- वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों में राजस्व घाटा 23 हज़ार 488 करोड़ 56 लाख रुपए है।
- वर्ष 2022-23 का राजकोषीय घाटा 58 हज़ार 211 करोड़ 55 लाख रुपए है जो GSDP का 4.36 प्रतिशत है।
- राजस्थान बजट वर्ष 2022-23 के अन्य प्रमुख बिंदु हैं-
- शहरी क्षेत्र में रोज़गार हेतु इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा।
- समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक प्रतिमाह उपभोग करने पर 50 यूनिट बिजली नि:शुल्क।
- ‘चिरंजीवी योजना’में प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपए की चिकित्सा बीमा राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया।
- ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना’लागू करने की घोषणा की गई। इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए तक दुर्घटना कवर रहेगा।
- रोड सेफ्टी अधिनियम लाया जाएगा और राजस्थान पब्लिक ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन प्रस्तावित है। साथ ही जयपुर में State Road Safety Institute की स्थापना की जाएगी।
- कृषि बजट के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में समेकित निधि, राज्य की स्वायत्तशाषी, सहकारी एवं अन्य संस्थाओं के स्वयं के संसाधनों सहित कुल राशि 78 हज़ार 938 करोड़ 68 लाख रुपए का कृषि विकास एवं कृषकों के कल्याण हेतु प्रावधान किया गया है।
- कृषि बजट के अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि 2 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 हज़ार करोड़ रुपए की। इस योजना के अंतर्गत 11 मिशन हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में डिजिटल और स्किल विश्वविद्यालय की होगी स्थापना
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रदेश में डिजिटल और स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि उज्जैन में डिजिटल और भोपाल में स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है।
- मंत्री ने उज्जैन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और विभागीय अधिकारी को केरल विश्वविद्यालय का दौरा कर कंसेप्ट पेपर तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल में स्थापित है।
- कोरोना काल में डिजिटल शिक्षा से युवा परिचित हुए हैं। डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से घर-घर तक शिक्षा की पहुँच आसान होगी। विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
हरियाणा Switch to English
एक अनूठे कार्यक्रम ‘पदमा’की हुई शुरुआत
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को हरियाणा सरकार ने महत्त्वाकांक्षी ‘प्रोग्राम टू एक्सलरेट डेवलपमेंट फॉर एमएसएमई एडवांसमेंट (पदमा)’ पहल की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- पदमा का मुख्य उद्देश्य सतत् रोज़गार व उद्यमिता के अवसरों पर ज़ोर देने के साथ-साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिये क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिज़ाइन और कार्यान्वित करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय रूप से प्रासंगिक उत्पादों को बढ़ावा देने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा और राज्य के किसानों को उत्पादकों से लेकर प्रोसेसर बनने का अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही पूरे हरियाणा में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राज्य के 22 ज़िलों के प्रत्येक ब्लॉक में स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, मौजूदा एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र, हितधारकों के परामर्श, कच्चे माल की उपलब्धता, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और विकास क्षमता के आधार पर सतत् व लागत प्रभावी क्लस्टर बनाने के लिये एक उत्पाद की पहचान की गई है।
- राज्य सरकार द्वारा चयनित उत्पाद हेतु जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिये प्रत्येक ब्लॉक हेतु एक नया मिनी-औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जाएगा, ताकि उत्पाद की संपूर्ण मूल्य शृंखला को मज़बूत किया जा सके।
- यह परिकल्पना की गई है कि प्रत्येक क्लस्टर कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) और बिज़नेस डेवलपमेंट सर्विस (बीडीएस) हब के साथ कई नए एमएसएमई को स्थापित करेगा।
- मिनी-औद्योगिक क्लस्टर में उद्यमियों, कारीगरों और श्रमिकों को उनके सामने आने वाली तकनीकी एवं जागरूकता चुनौतियों से निपटने के लिये प्रशिक्षण सुविधाएँ भी प्रदान की जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि एमएसएमई निदेशालय पदमा कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिये नोडल विभाग है। एमएसएमई निदेशालय के अलावा, अन्य संबंधित विभाग, जैसे- एचएसआईआईडीसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग सहयोग करेंगे और कार्यक्रम के सुचारु निष्पादन के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।
हरियाणा Switch to English
स्कूल शिक्षा विभाग को मिला डिजिटल टेक्नोलॉजी सभा-2022 अवार्ड
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को तकनीक के माध्यम से सहज बनाने के लिये राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग को एक वर्चुअल सम्मेलन में राष्ट्रीय इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा डिजिटल टेक्नोलॉजी सभा-2022 अवार्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड एन.आई.सी. के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक ए.के. सोमशेखर द्वारा ग्रहण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह अवार्ड स्कूली बच्चों के शैक्षणिक आकलन के लिये एनआईसी के सहयोग से विकसित एनक्लियर ऐप तथा टेली प्रेक्टिस ऐप के उपयोग के लिये दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा उपयोग में लाए जा रहे उक्त दोनों ऐप के माध्यम से स्कूली बच्चों की सहजता से आकलन एवं मॉनिटरिंग की जा सकती है।
- एनक्लियर में बच्चों को उनकी आईडी के साथ एक क्यूआर कोड कार्ड दिया जाता है, जिसका सालभर का 40 विद्यार्थियों पर व्यय मात्र 20 रुपए आता है। बच्चों को इस कार्ड को अपने पास सुरक्षित रखना होता है।
- एनक्लियर ऐप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कक्षा में शिक्षकों द्वारा बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने पर बच्चों को सही उत्तर के आधार पर कार्ड को एक विशेष दिशा में पकड़कर प्रदर्शित करना होता है। शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल कैमरे से कक्षा में एक जगह से सभी बच्चों के कार्ड को दूर से ही स्केन कर लिया जाता है। स्केन करते ही विद्यार्थियों का अपने आप आकलन हो जाता है और प्रश्नवार, विद्यार्थीवार रिपोर्ट शिक्षक एवं विभिन्न स्तरों पर देखी जा सकती है। इसमें शिक्षकों को प्रत्येक प्रश्न के उत्तर को जाँचने एवं अंक देने के झंझट से मुक्ति मिलती है।
- इसी तरह विद्यार्थियों के आकलन के लिये एनआईसी द्वारा विकसित किये गए टेली-प्रेक्टिस ऐप के माध्यम से बच्चों के साथ मौखिक क्विज का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिये टेलीग्राम ग्रुप में विद्यार्थियों को जोड़कर पायथोन नामक कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को वाइस मैसेज भेजकर स्क्रीन पर चित्र एवं लिखित प्रश्न भेजा जाता है।
- इन प्रश्नों के मौखिक जवाब विद्यार्थियों द्वारा दिये जाते हैं। जिसे इस कार्यक्रम में एक साथ विद्यार्थियों के उत्तरों को एक फिल्म के रूप में व्यक्तिगत विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों एवं पालकों द्वारा देखा जा सकता है। शिक्षक विद्यार्थीवार वीडियो देखकर प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के आधार पर अंक दे सकते हैं।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से एक साथ बहुत से विद्यार्थियों से सवाल करते हुए उनसे एक ही समय में उत्तर देने का प्रावधान होने से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों, दोनों का समय बचता है। शिक्षकों को प्रत्येक विद्यार्थी की स्थिति की जाँच करने में भी आसानी होती है और समय बचता है।
- इस प्रकार के आकलन के सप्रमाण होने से गलत आकलन की संभावनाओं से भी बचा जा सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को उनके उत्तरों के आधार पर उनका अपना वीडियो प्रश्न और उत्तर के साथ देखने का अवसर मिलता है। इन सबसे शिक्षकों का कार्य बहुत आसान हो जाता है।
- उल्लेखनीय है कि कोरोना संकटकाल के दौरान शिक्षा में नवाचार एवं डिजिटल टेक्नोलॉजी के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरे देश में अपनी एक पहचान कायम की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना संकटकाल के दौरान स्कूली बच्चों को घर-बैठे शिक्षा उपलब्ध कराने की तकनीक को देश ने सराहा है। ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ को इस हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
उत्तराखंड Switch to English
हरिद्वार में गंगा नदी पर बनेगा उत्तराखंड का सबसे लंबा पुल
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने गंगा नदी पर बनने वाले राज्य के सबसे लंबे पुल को स्वीकृति दे दी।
प्रमुख बिंदु
- एनएचएआई के अभियंता कपिल जोशी ने बताया कि गंगा नदी पर 3.5 किमी लंबा (एप्रोच समेत) पुल बनेगा। हरिद्वार-दिल्ली हाइवे को नजीबाबाद-हरिद्वार से जोड़ने के लिये यह पुल बनाया जाएगा। यह पुल राज्य का सबसे लंबा पुल होगा।
- पुल को मेजर ब्रिज नाम दिया गया है। एप्रोच छोड़कर पुल की लंबाई 2.561 किमी होगी। यह पुल उत्तराखंड में सबसे लंबा वाहनों की आवाजाही वाला होगा।
- रिंग रोड दो चरणों में तैयार होना है। रिंग रोड का पहला चरण बहादराबाद बाईपास से शुरू होगा और श्यामपुर थाना क्षेत्र के अंजनी चौकी एनएच 74 पर खत्म होगा। इससे हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के वाहन सीधे नजीबाबाद-हरिद्वार हाईवे के लिये आवाजाही कर पाएंगे। इनका निर्माण और आवंटन एनएचएआई करेगी।
- रिंग रोड के पहले चरण में 15 किमी 300 मीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिये रेल मंत्रालय के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड का चयन हुआ है। रिंग रोड के पहले चरण का बजट 1566 करोड़ रुपए था। बजट में कटौती होकर अब 1100 करोड़ रुपए है।
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