राम मंदिर प्रतिष्ठा: राज्यों ने अवकाश घोषित किया | उत्तर प्रदेश | 24 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में, कई राज्यों ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की या सरकारी कर्मचारियों को आधे दिन की छुट्टी दी।
मुख्य बिंदु:
- केंद्र सरकार के सभी कार्यालय दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहे, कई राज्यों ने भी 22 जनवरी को 'शुष्क दिवस' घोषित किया।
- पूरे देश में केंद्र सरकार के प्रतिष्ठान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा कंपनियाँ, वित्तीय संस्थान और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) आधे दिन के लिये बंद रहे।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ-साथ जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान और उसके स्कूल भी दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन के लिये बंद रहे।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में भी 22 जनवरी को व्यापारिक अवकाश रहा।
अयोध्या राम मंदिर
- यह 3 मंज़िला मंदिर, पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है।
- निर्माण में मकराना संगमरमर और गुलाबी बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट पत्थर तथा रंगीन संगमरमर का उपयोग किया गया है।
- निर्माण में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।
- मुख्य गर्भ गृह में राम लला की मूर्तियाँ हैं, साथ ही रंग मंडप और नृत्य मंडप सहित कई मंडप हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाज़ार है।
- वर्ष 1992 में निगमित, NSE एक परिष्कृत, इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार के रूप में विकसित हुआ है जो इक्विटी ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से विश्व में चौथे स्थान पर है।
- NSE भारत में आधुनिक, पूर्णतः स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रदान करने वाला पहला एक्सचेंज था।
- NSE भारत में सबसे बड़ा निजी वाइड-एरिया नेटवर्क है।
- NIFTY 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) का प्रमुख सूचकांक है।
रैपिड रेल कॉरिडोर के लिये 16,000 करोड़ रुपए की मंज़ूरी | उत्तर प्रदेश | 24 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 16,000 करोड़ रुपए की रैपिड रेल कॉरिडोर परियोजना को मंज़ूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में कई हवाई अड्डों को निर्बाध रूप से जोड़ना है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) इस कॉरिडोर के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे मार्च 2024 तक अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
- एक बार शुरू होने के बाद, चार वर्ष के अनुमानित समापन समय के साथ यह परियोजना दो प्रमुख हवाई अड्डों और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेगी।
- इससे आगामी नोएडा हवाई अड्डे को दिल्ली हवाई अड्डे से यात्री यातायात के अतिप्रवाह को पकड़ने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
- प्रस्तावित नोएडा हवाईअड्डा लिंक गाज़ियाबाद स्टेशन से शुरू होगा, जो दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट के लिये एक इंटरचेंज बिंदु के रूप में कार्य करेगा।
- यात्रियों के पास दिल्ली-मेरठ रेल के शुरुआती स्टेशन सराय काले खाँ के माध्यम से प्रगतिरत दिल्ली-अलवर रैपिड रेल से जुड़ने का विकल्प भी होगा।
- दिल्ली-अलवर रेल, वर्ष 2025 के मध्य तक समाप्त होने की उम्मीद है, इसमें इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और एयरोसिटी का स्टेशन शामिल होगा।
- नोएडा हवाई अड्डे के अधिकारी दिल्ली और गुड़गाँव के साथ एक व्यापक मल्टी-मॉडल परिवहन कनेक्टिविटी नेटवर्क स्थापित करने के लिये हाई-स्पीड बस कॉरिडोर सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को विकसित करने पर भी कार्य कर रहे हैं।
अयोध्या में BHISHM क्यूब | उत्तर प्रदेश | 24 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भीष्म (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री- BHISHM) क्यूब, अयोध्या में स्थित एक अत्याधुनिक स्वदेशी मोबाइल अस्पताल है जो प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री का हिस्सा है।
- यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के दौरान एक चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में एक जीवनरक्षक के रूप में उभरकर आया।
मुख्य बिंदु:
- आरोग्य मैत्री परियोजना में भारत प्राकृतिक आपदाओं या मानवीय संकटों के प्रभाव का सामना करने वाले किसी भी विकासशील देश को महत्त्वपूर्ण चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति करना शामिल है।
- BHISHM क्यूब को त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र देखभाल पर बल देते हुए 200 हताहतों तक के उपचार के लिये तैयार किया गया है।
- यह एड क्यूब (Aid Cube) आपात स्थितियों के दौरान आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता वृद्धि करने हेतु निर्मित कई नवोन्मेषी उपकरणों से युक्त है।
- यह क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय की निगरानी और कुशल प्रबंधन को सुगम बनाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) तथा डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करता है।
- BHISHM क्यूब की सफलता आपात स्थिति के दौरान तत्काल और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मोबाइल अस्पताल इकाइयों के महत्त्व को रेखांकित करती है।