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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Jan 2023
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अब भिवाड़ी में भी होगी एसीबी चौकी

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के अलवर ज़िले में संचालित 2 भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चौकियों में से 1 चौकी को भिवाड़ी में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि भिवाड़ी राजस्थान के अलवर ज़िले का ही एक नगर है, जहाँ एसीबी की चौकी स्थापित होगी।
  • वर्तमान में अलवर ज़िले में एसीबी की 2 चौकियाँ संचालित हैं तथा भिवाड़ी में एक भी चौकी स्थापित नहीं है। भिवाड़ी एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण वहाँ राज्य एवं केंद्र सरकार के कई विभागों के कार्यालय स्थित हैं।
  • वर्तमान में भिवाड़ी की परिवेदनाओं पर अलवर चौकी ही कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आमजन और शिकायतकर्त्ताओं को चौकी तक पहुँचने में सुविधा होगी।

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समूचे प्रदेश में एक माह का खान सुरक्षा अभियान शुरू

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2023 को राजस्थान के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि राज्य के माइंस विभाग द्वारा 23 जनवरी से समूचे प्रदेश में खान सुरक्षा अभियान शुरू किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि अभियान के दौरान जोन, वृत्त, खंड, उपखंड अधिकारियों के साथ ही विभाग के सतर्कता अधिकारियों द्वारा खनिज खनन/उत्पादन करने वाले कम से कम 15 खनन पट्टों/30 क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों का निरीक्षण कर खनन सुरक्षा नियमों व प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी कम से कम पाँच खनन लाइसेंसधारियों के यहाँ जाकर निरीक्षण करना होगा।
  • एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर सुरक्षित खनन कराने आवश्यक प्रावधानों की पालना सुनिश्चित कराने के लिये कदम उठाने पर ज़ोर दिया गया था। इसके लिये विभाग द्वारा 23 जनवरी से 22 फरवरी तक एक माह का अभियान आरंभ किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 (आरएमएमसीआर), खान संरक्षण एवं विकास नियमावली, 2017 (एमसीडीआर) और मेटलिफेरस माइंस रेगुलेशन 1961 (एमएमआर) के साथ ही माइंस अधिनियम 1952 की विभिन्न धाराओं में सुरक्षित खनन के संबंध में आवश्यक प्रावधान उपलब्ध हैं।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दौरान खनन पटेा व क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों के लिये पर्यावरण विभाग द्वारा जारी कंसेट टू ऑपरेट और एनवायरमेंट क्लीयरेंस में निर्देशित प्रावधानों, पर्यावरण व खनिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये जारी सुरक्षा प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 में नियमानुसार सुरक्षित एवं वैज्ञानिक विधि से खनिक श्रमिकों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियाँ संचालित करने का प्रावधान है। खान अधिनियम के अनुसार खनिक श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेयजल व्यवस्था, शौचालय, चिकित्सकीय उपकरण आदि की उपलब्धता होना ज़रूरी है।
  • इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, खनन क्षेत्र की सीमांकन, खनन गतिविधियों के सुपरविजन के लिये क्वालीफाईड व्यत्ति को नियोजित किया जाना आवश्यक है। सुरक्षा मानकों की पालना नहीं करने की स्थिति में खनन गतिविधियों को बंद करवा कर आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है।
  • एसीएस माइंस ने बताया कि एमसीडीआर के तहत खनन कार्यों के दौरान वैज्ञानिक विधि से खनिज संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियाँ संचालित करने का प्रावधान है। अभियान के दौरान इनकी पालना के साथ ही एबेंडोनेड माइंस के पुनर्भरण एवं माइंस क्लोजर प्लान की पालना का निरीक्षण किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि इसके साथ ही खानों के ओवरबर्डन या वेस्ट आदि निर्धारित स्थान पर रखने और बेक फिलिंग प्रावधानों की पालना भी देखी जाएगी।
  • डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमएमआर, 1961 में ओपन कास्ट माइंस की बेंच, हाईट, विड्थ, साइड के स्लोप एंगल, डीप होल ब्लास्टिंग और भारी मशीनरी के उपयोग के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश है ताकि खनन कार्य सुरक्षित व वैज्ञानिक तरीके से हो सके। 

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