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आगरा मास्टर प्लान-2031
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा ‘आगरा मास्टर प्लान- 2031’ को सार्वजनिक कर दिया गया है। इसमें ताजमहल और महताब बाग की ओर से रामबाग तक ताज धरोहर क्षेत्र का प्रस्ताव शामिल किया गया है। इसके तहत कई नए नियम बनाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- आगरा मास्टर प्लान-2031 में प्राधिकरण ने पहली बार ताज धरोहर क्षेत्र का गठन किया है, जिसमें तीन नियम शामिल किये गए हैं। ताज के अलावा रामबाग तक यमुना के दोनों ओर फैले ताज धरोहर क्षेत्र में स्मारकों से 100 मीटर के अंदर कोई निर्माण की अनुमति नहीं होगी।
- नियम के तहत 100 से 300 मीटर तक पुरातत्त्व विभाग के अनुमोदन पर एक मंजिल या 3.75 मीटर ऊँचे और बाकी जगहों पर दो मंजिला यानी 7.50 मीटर से ज्यादा ऊँचाई वाले भवनों की अनुमति नहीं दी जाएगी अर्थात् ताज से रामबाग के बीच दोनों ओर दो मंजिला से ऊँचे भवन नहीं बनाए जा सकेंगे। इससे यमुना किनारे मॉल, अपार्टमेंट, बहुमंजिला भवनों का निर्माण नहीं किया जा सकेगा।
- प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को महायोजना का हिस्सा बनाया है जिसके तहत ताजमहल के 500 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकेगा। इसके बाद 500 मीटर से 750 मीटर दूरी तक एक मंजिला भवन और 750 मीटर से एक किमी दूरी तक दो मंजिला भवन से ज्यादा नहीं बन पाएंगे। ऐसे निर्माण, टावर और पुनर्निर्माण नहीं होंगे जिनसे दक्षिणी गेट चबूतरे से ताज के बैक ग्राउंड का दृश्य खराब नज़र आए।
- ताज से रामबाग तक यमुना नदी के दोनों ओर प्रस्तावित ताज धरोहर क्षेत्र के आवासीय क्षेत्रों में चल रही औद्योगिक इकाइयों को स्थानांतरित किया जाएगा। बल्केश्वर, कटरा वजीर खाँ, रामबाग के पास की कॉलोनियों में यमुना नदी के किनारे चेन फैक्टरियों समेत औद्योगिक इकाइयाँ चल रही हैं।
- आगरा मास्टर मास्टर प्लान-2031 में पूरे ताज धरोहर क्षेत्र में चलने वाली इकाइयों को महायोजना में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके साथ ही शहर में चल रही थोक मंडियों को भी शहर से बाहर करने का प्रस्ताव है। जिन मंडियों को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा, उनकी खाली पड़ी जमीन पर पार्किंग और अन्य सेवाओं को मुहैया कराया जाएगा और केवल फुटकर की दुकानों को विकसित किया जाएगा।
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देश का तीसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर बनारस
चर्चा में क्यों?
22 जनवरी, 2022 को जारी देश भर के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की सूची के अनुसार बनारस देश का तीसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। टॉप टेन प्रदूषित शहरों की सूची में प्रदेश के नौ शहर शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- जौनपुर देश का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। जौनपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 325 और बनारस का एक्यूआई 282 दर्ज किया गया। जौनपुर जहाँ दूसरे नंबर पर है, वहीं बनारस का स्थान तीसरा रहा।
- आईक्यू एयर की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार बनारस 282 एक्यूआई के साथ ऑरेंज जोन में है। शहर में सबसे अधिक प्रदूषित बलभद्र कॉलोनी, रामनगर, साकेत नगर, जंगमबाड़ी, नाटी इमली रोड, मछली मार्केट और लंका का रहा।
- टॉप टेन प्रदूषित शहर हैं- 1. घाटमपुर-333, 2. जौनपुर-325, 3. वाराणसी-282, 4. सीतापुर-264, 5. मड़ियाहूं-258, 6.उन्नाव-236, 7. नानपारा-227, 8. पटना-222, 9. अकबरपुर-219, 10. कानपुर-204
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