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‘जागती जोत’ के ‘पंडित भरत व्यास विशेषांक’का विमोचन
चर्चा में क्यों?
21 जनवरी, 2022 को राजस्थान के कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जयपुर स्थित अपने राजकीय आवास पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर की मुखपत्रिका ‘जागती जोत’के ‘पंडित भरत व्यास विशेषांक’का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस विशेषांक के माध्यम से पंडित व्यास द्वारा रचित साहित्य के संबंध में, विशेषकर युवा पीढ़ी को महती जानकारी और प्रेरणा मिल सकेगी।
- इस अवसर पर डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि मरुधरा के अमर गीतकार पं. भरत व्यास राजस्थानी भाषा से बहुत प्रेम करते थे। उनके अनेक गीतों में राजस्थान की माटी की महक है और भक्ति-शक्ति-प्रेम के साक्षात् दर्शन होते हैं।
- राजस्थान की जिन प्रतिभाओं ने प्रदेश का नाम देश-विदेश में रोशन किया है, उन बहुआयामी व्यक्तित्व व कृतित्व के धनी लोगों में पं. भरत व्यास का नाम प्रमुख है। वे एक सफल गीतकार होने के साथ-साथ बेहतरीन अभिनेता, निर्देशक, संगीतकार, कथाकार व आशुकवि भी थे।
- पंडित भरत व्यास ने बीकानेर, चूरू, कोलकाता में रंगकर्मी के रूप में अपनी अनूठी छाप छोड़ी। बाद में वे मुंबई गए व अनेक फिल्मों में सैकड़ों कालजयी गीतों की रचना की। पंडित व्यास द्वारा रचित गीत- ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’आज भी शिक्षण संस्थाओं और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर प्रार्थना के रूप में गाया जाता है।
- उनके द्वारा लिखित अन्य गीत- जरा सामने तो आओ छलिये, आ लौट के आजा मेरे मीत, आधा है चंद्रमा, यह कहानी है दीये की और तूफान की, सहित ऐसे अनेक गीत हैं, जो इतने वर्ष बाद भी प्रासंगिक और मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं।
- अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि जागती जोत के जनवरी माह के इस विशेषांक में देश के लब्धप्रतिष्ठ राजस्थानी साहित्यकारों के पं. भरत व्यास के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधारित आलेख, गीत, अनुवाद आदि सम्मिलित किये गए हैं।
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