प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Dec 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आग्रह पर भारत सरकार ने दी तत्काल अनुमति: सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लेगा एफसीआई

चर्चा में क्यों

21 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आग्रह को भारत सरकार ने तत्काल स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि छत्तीसगढ़ से उसना चावल उपार्जित किए जाने की अनुमति काफी दिनों से लंबित थी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की स्थिति एवं कस्टम मिलिंग की ओर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल का ध्यान आकर्षित करते हुए 21 दिसंबर को पत्र लिखा था।
  • मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री के निर्देश पर भारत सरकार के खाद्य विभाग मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ से 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल उपार्जन की स्वीकृति का पत्र जारी कर दिया गया है।
  • मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में सेंट्रल पूल में चावल उपार्जन का कोटा 61 लाख मेट्रिक टन से बढ़ाकर 74 लाख मेट्रिक टन करने के साथ ही राज्य से 59 लाख मेट्रिक टन अरवा तथा 15 लाख मेट्रिक टन उसना चावल लिए जाने का अनुरोध किया है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 20 दिसंबर की स्थिति में समर्थन मूल्य पर 8.68 लाख किसानों से 39.63 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है एवं प्रतिदिन 3 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा धान की आवक हो रही है।
  • इस साल किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 130 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है, जिसके कस्टम मिलिंग से 88 लाख मेट्रिक टन चावल निर्मित होगा। इसमें से केंद्रीय पूल में लगभग 74 लाख मेट्रिक टन (भारतीय खाद्य निगम में 58 मेट्रिक लाख टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 16 लाख टन) एवं स्टेट पूल में 14 लाख टन चावल का उपार्जन किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश हेतु केंद्रीय पूल में 61 लाख टन चावल उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में कुछ किस्म के धान के मिलिंग में ज्यादा ब्रोकन आने के कारण निर्धारित गुणवत्ता का अरवा चावल नहीं बनने से अरवा मिलिंग में कठिनाईयां आती है। ऐसे धान की उसना मिलिंग कराने से कस्टम मिलिंग में गति आयेगी।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow