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राज्यपाल ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंज़ूरी दी
चर्चा में क्यों?
22 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के अपर सचिव विधायी महेश कौशिबा ने बताया कि राज्यपाल ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को मंज़ूरी दे दी है। राजभवन की मुहर लगने के बाद अब अधिनियम राज्य में प्रभावी हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- अपर सचिव महेश कौशिबा ने विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति की पुष्टि करते हुए कहा कि अब राज्य में संशोधन कानून प्रभावी हो गया है। धर्मांतरण विरोधी यह कानून उत्तर प्रदेश से भी सख्त है।
- उल्लेखनीय है कि 16 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को मंज़ूरी दी गई थी।
- संशोधन कानून के तहत अब प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर या धोखे से धर्मांतरण कराने या करने पर 10 साल तक की सजा होगी। नए कानून में 50 हज़ार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब तीन से दस साल तक की सजा होगी, पहले अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पाँच लाख रुपए की प्रतिपूर्ति भी मिल सकेगी।
- प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। पहले यह असंज्ञेय अपराध था।
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