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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Dec 2022
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देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनेंगी मिर्जापुर की सानिया मिर्ज़ा

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ज़िले के छोटे से गाँव की रहने वाली सानिया मिर्जा ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। एनडीए से पास आउट होकर सानिया देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन सकती हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि अबकी बार फ्लाइंग विंग में दो ही सीट हैं। एनडीए में मात्र 19 पद महिलाओं के लिये आरक्षित हैं। सब कुछ ठीक रहा तो एनडीए से पास आउट होकर सानिया को देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि सानिया मिर्जापुर देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के छोटे से गाँव जसोवर की रहने वाली हैं। प्राइमरी से लेकर 10वीं तक की शिक्षा गाँव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से पूरी की। उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा में ज़िला टॉपर भी रही हैं। इसके बाद सानिया ने शहर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की।
  • सानिया ने बीते 10 अप्रैल को एनडीए की परीक्षा दी। नवंबर में जारी लिस्ट में उनका चयन हुआ है। वे फ्लाइंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं। वह एनडीए ट्रेनिंग के लिये 27 दिसंबर को पुणे में ज्वाइन करेंगी।

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सीसीआरएएस-सीएआरआई, झाँसी को एनएबीएल की मान्यता

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2022 को आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) के तहत प्रमुख संस्थान केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी को एनएबीएल की आधिकारिक मान्यता मिल गई।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी (उत्तर प्रदेश) सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसमें अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएँ (रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी), आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम और संग्रहालय एवं नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी (एनआरडीआर) हैं।
  • केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झाँसी के अलावा केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), नई दिल्ली को एनएबीएच की आधिकारिक मान्यता मिली है। केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली एनएबीएच की आधिकारिक मान्यता प्राप्त करने वाला सीसीआरएएस के तहत पहला संस्थान है।
  • इन दो सीसीआरएएस संस्थानों के अलावा, पंचकर्म के लिये राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (एनएआरआईपी), चेरुथुरुथी, त्रिशूर, केरल को भी अपनी नैदानिक ​​प्रयोगशाला सेवाओं के लिये एनएबीएल एम (ईएल) टी की आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। एनएआरआईपी, केरल केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत प्रमुख अनुसंधान संस्थाओं में से एक है।
  • उल्लेखनीय है कि एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद का मूल बोर्ड है, जिसकी स्थापना स्वास्थ्य सेवा संगठनों के मान्यता कार्यक्रमों को स्थापित करने और उन्हें चलाने के लिये की गई है। आधिकारिक मान्यता राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है।

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रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों के लिये लखनऊ में आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी कमांड अस्पताल के निर्माण को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के लिये लखनऊ में एक आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी कमांड अस्पताल के निर्माण को मंज़ूरी दी। कमांड अस्पताल एक ग्रीन फील्ड बहुमंज़िला अस्पताल होगा, जिसमें 780 भर्ती मरीज बेड के साथ-साथ 100 क्राइसिस एक्सपेंशन बेड के लिये तकनीकी सुविधा की व्यवस्था होगी, ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य भारत में आधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण से सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ेगा और कर्मियों को वांछित सहायता मिलेगी।
  • मौजूदा कमांड अस्पताल लखनऊ सशस्त्र बलों का सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक है जो 22 सैन्य अस्पतालों, दो वायु सेना अस्पतालों और 109 पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिक के लिये एक तृतीयक देखभाल रेफरल अस्पताल है।
  • यह मध्य भारत के छह राज्यों के साथ-साथ नेपाल में फैले 5 लाख से अधिक आश्रित ग्राहकों की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करता है। अस्पताल के बिस्तर हमेशा 80% से अधिक भरे होते हैं।
  • दवाओं और सर्जरी की सभी सुपर स्पेशियलिटी के लिये तृतीयक देखभाल केंद्र होने के अलावा, अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिये घातक रोग उपचार केंद्र (एमडीटीसी) भी है। अस्पताल प्रशिक्षुओं, स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं, एमएनएस कैडेटों और नर्सिंग सहायकों को भी प्रशिक्षित करता है।
  • मौजूदा अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए रक्षा मंत्री ने 94 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत की एक विशेष परियोजना को मंज़ूरी दी। कमांड अस्पताल, लखनऊ की योजना देश में लागू नवीनतम इमारत कोड और अस्पताल नियमों के अनुरूप बनाई गई है।
  • यह प्रगतिशील रोगी देखभाल सेवाओं के लिये ज़ोन के अनुसार नियोजित किया गया है जो रोगी की आवाजाही को कम और नियंत्रित करता है, अस्पताल के संक्रमण (एचएआई) को कम करता है, नियोजित बायोमेडिकल वेस्ट (बीएमडब्ल्यू) अलगाव और निपटान, सभी विकलांग अनुकूल सेवाओं के साथ आपात स्थिति में आपदा निकासी योजना, निदान और चिकित्सीय दोनों के लिये विकिरण का सुरक्षित उपयोग अस्पताल में शामिल कई आधुनिक विशिष्टताओं में से शामिल हैं।
  • डेटा और ऊर्जा संरक्षण पर तेजी से पहुँच के लिये भवन प्रबंधन प्रणाली के साथ-साथ अस्पताल सूचना प्रणाली जैसी एकीकृत सेवाओं को भी परियोजना में शामिल किया गया है।    

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