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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Dec 2021
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मुख्यमंत्री ने दिये ड्रोन निर्माण इकाई लगाने निर्देश

चर्चा में क्यों? 

22 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा राहत, कृषि और कानून व्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मानव रहित विमानों के महत्त्व को देखते हुए अधिकारियों को उत्तर प्रदेश में ड्रोन निर्माण इकाई स्थापित करने के लिये एक ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। 

प्रमुख बिंदु 

  • लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को ड्रोन के उपयोग पर नियमों और विनियमों को चार्ट करने तथा राज्य के गाँवों एवं शहरों के समृद्ध इतिहास को संकलित करने की योजना बनाने के भी निर्देश दिये।
  • उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ड्रोन तकनीक पर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा, जिसके लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से आवश्यक मदद ली जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य भर के शहरों और ग्राम पंचायतों के समृद्ध पौराणिक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक इतिहास का दस्तावेज़ीकरण करने के लिये इस संबंध में आँकड़ों के संकलन करने और शहरी एवं ग्रामीण विकास विभागों को उत्तर प्रदेश दिवस की तर्ज़ पर क्रमश: ‘ग्राम दिवस’और ‘नगर दिवस’मनाने की योजना तैयार करने के निर्देश दिये।

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‘वारतां विक्रमाजीत दी’की प्रस्तुति के साथ विक्रमोत्सव-21 का समापन

चर्चा में क्यों? 

22 दिसंबर, 2021 को ‘वारतां विक्रमाजीत दी’की प्रस्तुति के साथ महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ का प्रतिष्ठा आयोजन तीन दिवसीय विक्रमोत्सव-2021 का औपचारिक समापन हुआ। विक्रमोत्सव-2021 में भारी ठंड के बीच भी तीनों दिन नाट्य प्रस्तुति को देखने के लिये बड़ी संख्या में कलारसिकों की भागीदारी दिखी।

प्रमुख बिंदु 

  • विक्रमोत्सव-2021 के प्रथम दिन महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’की प्रस्तुति रंग निर्देशक संजीव मालवीय के निर्देशन में हुई। यह महानाट्य कभी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में हुआ था, जिसे निर्देशक मालवीय द्वारा पारंपरिक और थ्रीडी सिस्टम में समेट कर करीब दो घंटे की अवधि में प्रस्तुत किया गया। 
  • इसी कड़ी में दूसरी प्रस्तुति मालवा की माच शैली में खेल माच का ‘राजा विक्रम’की प्रस्तुति पंडित ओमप्रकाश शर्मा के निर्देशन में हुई। 
  • विक्रमोत्सव-2021 की तीसरी और अंतिम प्रस्तुति ‘वारतां विक्रमाजीत दी’थी। वरिष्ठ नाट्य निर्देशक राजीव सिंह की इस प्रस्तुति में पंजाबी लोकगीतों में विक्रमादित्य को खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस नाटक के माध्यम से यह बात भी स्थापित हो जाती है कि विक्रमादित्य की कीर्ति केवल मालवांचल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के हर राज्य में है। 
  • महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमोत्सव अब देश के प्रमुख शहरों-अयोध्या, पटना, बनारस, आगरा, मथुरा, चंडीगढ़, पुणे, जयपुर, दिल्ली एवं बंगलूरू में आयोजित किया जाएगा। साथ ही ‘भारत विक्रम’शीर्षक से भारत उत्कर्ष एवं नव-जागरण पर केंद्रित व्याख्यान माला देश के प्रमुख शहरों में भी आयोजित किये जाने की योजना है। 
  • उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव देश के अन्य शहरों में किये जाने का उद्देश्य विक्रम कीर्ति से समाज को परिचित कराना है। विक्रम कीर्ति सार्वभौमिक रही है और यही बात समाज तक पहुँचानी है।

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पाँचदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित होने वाले पाँचदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का शुभारंभ किया। यह मेला 26 दिसंबर, 2021 तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का आयोजन मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जा रहा है। मेले की थीम ‘लघु वनोपज से स्वास्थ्य सुरक्षा’है।  
  • इसके आयोजन का मुख्य उद्देश्य वनोपज उत्पाद से जुड़े हितग्राहियों को बेहतर बाज़ार और वनोपज का अधिक-से-अधिक मूल्य दिलवाना है। इसमें भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका के विषय विशेषज्ञ आभासी तरीके से भाग लेंगे।
  • अंतर्राष्ट्रीय मेले में वन विभाग की योजनाओं पर केंद्रित प्रदर्शनी लगाई गई है। मेले में दुर्लभ किस्म की जड़ी-बूटियाँ और वन समितियों एवं वन-धन केंद्रों द्वारा तैयार किये गए उत्पाद आम लोगों को उपलब्ध हो सकेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि मेले में अकाष्ठीय वनोपज, औषधीय पौधों, वनोपज से जुड़े संग्राहकों, व्यापारियों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों और नीति-निर्धारकों को मंच उपलब्ध कराया जाएगा। वनों से महुआ, अचार, गुठली, चिरौंजी, शहद, जड़ी-बूटी आदि संचित करने वाले वनवासियों को शासन की सहायता से एक अच्छा बाज़ार और व्यापार का अवसर मिल सकेगा।

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