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स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Nov 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

गीडा में कपिला कृषि उद्योग की तरफ से 100 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

21 नवंबर, 2023 को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के सीईओ अनुज मलिक ने बताया कि कपिला कृषि उद्योग की तरफ से गीडा में करीब 100 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई है।  

प्रमुख बिंदु  

  • अनुज मलिक ने बताया कि पेप्सिको जैसी कई बड़ी कंपनियों के साथ कपिला कृषि उद्योग कंपनी भी गीडा में उद्योगों को रफ्तार देने आ रही है। गीडा सेक्टर 27 में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से पशु आहार बनाने वाली कंपनी फैक्टरी लगाने जा रही है। 
  • इससे करीब 500 लोगों को प्रत्यक्ष व 500 को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह कंपनी पशु आहार बनाने की प्रचलित ब्रांड में से एक है। इसके गीडा में निवेश करने से अन्य बड़े उद्योगों को भी गोरखपुर के लिये आकर्षित करने में मदद मिलेगी। 
  • कंपनी को इसके लिये सेक्टर 27 में 62 हज़ार वर्ग मीटर जमीन भी आवंटित कर दी गई है। गीडा के स्थापना दिवस समारोह में बड़े उद्यमियों के साथ मुख्यमंत्री बैठक कर निवेश प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। 
  • गीडा क्षेत्र में लगातार बड़ी कंपनियों की तरफ से निवेश किया जा रहा है। पिछले महीने ज्ञान डेयरी और उससे पहले तत्वा प्लास्टिक फैक्टरी का उद्घाटन हुआ था। पेप्सिको कंपनी की ओर से निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा अल्कोहल फैक्टरी का भी निर्माण हो रहा है। 


बिहार Switch to English

मछली के मामले में आत्मनिर्भर हुआ बिहार

चर्चा में क्यों?

22 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार अब मछली के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है। राज्य में प्रत्येक वर्ष 8.02 लाख मीट्रिक टन मछली की मांग के मुकाबले वर्तमान में 7.62 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है।  

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य में वर्तमान में प्रत्येक साल प्रति व्यक्ति 6.464 किलोग्राम मछली की खपत है। कतला मछली बिहारियों की पहली पसंद है। वहीं रोहू दूसरे स्थान पर तथा मृगल (नैनी) का तीसरा स्थान है।  
  • कतला मछली का बिहार में उत्पादन 164.189 हज़ार मीट्रिक टन है। रोहू का उत्पादन 154.794 हज़ार मीट्रिक टन तथा मृगल का उत्पादन 107.586 हज़ार मीट्रिक टन है।  
  • पंगेशियस, कॉमन, सिल्वर और ग्रास कार्प का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। बिहार का प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 6.464 किलोग्राम मछली खा जाता है। 
  • राज्यभर से अभी 37.0545 हज़ार मीट्रिक टन मछलियाँ दूसरे राज्यों में भेजी जा रही हैं जबकि 38.462 हज़ार मीट्रिक टन दूसरे राज्यों से बिहार में मछलियाँ आ रही हैं। 
  • राज्य में सिल्वर कार्प का उत्पादन 80.4113 हज़ार मीट्रिक टन, ग्रास कार्प का 96.49262 हज़ार मीट्रिक टन, कॉमन कार्प का 92.66252 हज़ार मीट्रिक टन, कैट फीस का 45.8596 हज़ार मीट्रिक टन तथा पंगेशियस मछली का उत्पादन 52.8796 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष हो रहा है। साथ ही अन्य मछलियों का उत्पादन 48.5901 हज़ार टन प्रतिवर्ष हो रहा है।  
  • मछली उत्पादन में बिहार अब देश के शीर्ष 04 राज्यों में शामिल हो गया है। बिहार में मछली पालन में सबसे बड़ा योगदान शेखपुरा ज़िले का है। सरकार के आर्थिक सहयोग की वजह से शेखपुरा ज़िला जमुई, नालंदा, नवादा, लखीसराय, पटना, बेगूसराय आदि ज़िलों को ताजी मछली उपलब्ध करा रहा है।

मध्य प्रदेश Switch to English

54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सहभागिता

चर्चा में क्यों?

22 नवंबर, 2023 को मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने गोवा में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में अपनी सहभागिता की। प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने फिल्म एवं वेब सीरीज इंडस्ट्री से जुड़े हितधारकों को प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिये बुलाया। 

प्रमुख बिंदु  

  • अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने पंकज त्रिपाठी, राज कुमार संतोषी, विजय सेतुपति, दिव्या दत्ता सहित कई अन्य प्रसिद्ध बॉलीवुड कलाकारों, फिल्मकारों, निर्माता-निर्देशकों से मुलाकात कर प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिये आमंत्रित किया।  
  • प्रमुख सचिव ने मध्य प्रदेश की फिल्म नीति के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें फिल्म एवं वेब सीरीज निर्माताओं के लिये एक अनुकूल माहौल विकसित करने के उद्देश्य से बनाई गई नीति, वित्तीय प्रोत्साहन, अनुमतियों में आसानी एवं पारदर्शिता, प्राकृतिक सौंदर्य, बेहतर कनेक्टिविटी, अनुकूल मौसम और अत्याधुनिक फिल्मांकन सुविधायें इत्यादि शामिल है।  
  • मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हितधारकों को प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिये प्रोत्साहित करने और फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के तहत दी जाने वाली सुविधाओं, रियायतों से अवगत कराने हेतु ‘मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना-शासन की पहल और हितधारकों की भूमिका’विषय पर एक नॉलेज सीरीज भी आयोजित की।  
  • मध्य प्रदेश फिल्म नीति की खास बातें- 
  • फिल्म परियोजनाओं की अनुमतियाँ लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल है। 15 कामकाजी दिवसों में फिल्म शूटिंग की अनुमति का प्रावधान है। 
  • ज़िला स्तर पर फिल्म पर्यटन नीति क्रियान्वित करने के लिये प्रत्येक ज़िले में ADM स्तर के अधिकारी को फिल्मांकन अनुमति हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त हैं। 
  • अनुदान में वेब सीरीज, OTT ओरिजिनल कंटेंट, टीवी सीरियल एवं डॉक्युमेंट्री को शामिल किया है। 
  • सभी फिल्मांकन अनुमतियों के लिये सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा है।  
  • स्थानीय कलाकारों हेतु अतिरिक्त वित्तीय अनुदान उपलब्ध हैं एवं फिल्म क्रू का शूटिंग हेतु पर्यटन विभाग के होटल एवं रिसॉर्ट में ठहरने पर छूट का प्रावधान है। 

 


हरियाणा Switch to English

चालू वित्त वर्ष में हरियाणा में अब तक 1.62 लाख टन मत्स्य उत्पादन

चर्चा में क्यों?

21 नवंबर, 2023 को विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया-2023 में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जय प्रकाश दलाल ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक राज्य में 46,493 एकड़ जलक्षेत्र में 1.62 लाख टन मत्स्य उत्पादन हुआ है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जेपी दलाल ने हरियाणा सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिये किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ नई-नई योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं।  
  • अगले पाँच वर्षों में राज्य सरकार ने अतिरिक्त 15,000 एकड़ में लगभग 30,000 टन झींगा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। 
  • उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक राज्य में 46,493 एकड़ जलक्षेत्र में 1.62 लाख टन मत्स्य उत्पादन तथा लगभग 4350 एकड़ में 7500 टन झींगा उत्पादन हुआ है, जिससे मत्स्य पालकों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।  
  • उन्होंने बताया कि गत वित्त वर्ष में 45,015 एकड़ जलक्षेत्र में 2.12 लाख टन मत्स्य उत्पादन हुआ था। 
  • विदित हो कि गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया-2023 सम्मेलन में राज्य मत्स्य पालन मंत्रियों, विभिन्न देशों के राजदूतों, वैश्विक मत्स्य वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, मत्स्य समुदायों और निवेश बैंकरों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों और हितधारकों ने हिस्सा लिया।

उत्तराखंड Switch to English

एमबीबीएस हिंदी पाठ्यक्रम लागू करने के लिये केंद्रीय प्रकोष्ठ और कोर कमेटी गठित

चर्चा में क्यों?

22 नवंबर, 2023 को एमबीबीएस की पढ़ाई में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम लागू करने के लिये सरकार ने केंद्रीय प्रकोष्ठ एवं कोर कमेटी गठित कर दी है। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति कमेटी के अध्यक्ष होंगे। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किये हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा नमामि बंसल की ओर से जारी आदेश के अनुसार कमेटी में चिकित्सा शिक्षा निदेशक सह अध्यक्ष होंगे। जबकि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सदस्य और दून मेडिकल कॉलेज के रेडियोथैरेपी विभागाध्यक्ष प्रो. दौलत सिंह सदस्य सचिव होंगे।  
  • एमबीबीएस में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम लागू करने के लिये मेडिकल कॉलेज स्तर पर उप समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कॉलेज के प्राचार्य या डीन समिति के अध्यक्ष होंगे। प्राचार्य की ओर से नामित संकाय सदस्य को सचिव, तीन संकाय के विभागाध्यक्ष सदस्य नामित होंगे।  
  • इसके अलावा हिंदी भाषा पाठ्यक्रम को लेकर कमेटी की सिफारिशों पर अमल करने के लिये एचएनबी चिकित्सा विवि को नोडल एजेंसी नामित किया गया। 
  • विदित है कि विश्वविद्यालय ने एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी भाषा में करने के लिये पाठ्यक्रम की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। प्रदेश सरकार शीघ्र ही एमबीबीएस कोर्स में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारियाँ कर रही है।  

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