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उत्तर प्रदेश में कृषि निर्यात नीति, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिये नीति में विभिन्न संशोधन किये गए हैं।
- इसके तहत नीति के प्रस्तर 6.2.1, प्रस्तर 6.2.2, प्रस्तर 6.2.3.2 एवं प्रस्तर 6.2.3.3 में संशोधन किया गया है।
- उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 प्रख्यापित है।
- उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 में निर्यात क्लस्टर्स हेतु 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरंतरता को समाप्त करते हुए विकास खंड के सीमांतर्गत न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होने का प्रावधान किया गया है।
- इस नीति में क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाइयों के लिये निर्यात आधारित प्रोत्साहन धनराशि दिये जाने, परिवहन अनुदान दिये जाने एवं क्लस्टर सूची में संशोधन की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए भुगतान समयांतर्गत सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव (कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग) की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय स्वीकृति समिति का गठन किये जाने का प्रावधान किया गया है।
- इसके सदस्य सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार एवं अन्य सदस्य शासन द्वारा नामित अधिकारी होंगे।
- उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्रावधानानुसार उत्तर प्रदेश में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मंडी शुल्क/विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है।
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