उत्तर प्रदेश में कृषि निर्यात नीति, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत | उत्तर प्रदेश | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिये नीति में विभिन्न संशोधन किये गए हैं।
- इसके तहत नीति के प्रस्तर 6.2.1, प्रस्तर 6.2.2, प्रस्तर 6.2.3.2 एवं प्रस्तर 6.2.3.3 में संशोधन किया गया है।
- उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 प्रख्यापित है।
- उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, 2019 में निर्यात क्लस्टर्स हेतु 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरंतरता को समाप्त करते हुए विकास खंड के सीमांतर्गत न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होने का प्रावधान किया गया है।
- इस नीति में क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाइयों के लिये निर्यात आधारित प्रोत्साहन धनराशि दिये जाने, परिवहन अनुदान दिये जाने एवं क्लस्टर सूची में संशोधन की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए भुगतान समयांतर्गत सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव (कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग) की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय स्वीकृति समिति का गठन किये जाने का प्रावधान किया गया है।
- इसके सदस्य सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार एवं अन्य सदस्य शासन द्वारा नामित अधिकारी होंगे।
- उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्रावधानानुसार उत्तर प्रदेश में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मंडी शुल्क/विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है।
सोन चिरैया आजीविका उत्सव, 2021 का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शिवाजी नगर भोपाल में महिला हाट-बाज़ार में राज्यस्तरीय ‘सोन चिरैया आजीविका उत्सव, 2021’ का शुभारंभ किया। यह आजीविका उत्सव 31 अक्तूबर, 2021 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ‘दीन दयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन’ के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को अब सोन चिरैया ब्रांड के नाम से जाना जाएगा। स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को सोन चिरैया ब्रांड के नाम से प्रदेश और देश में नई पहचान मिलेगी।
- इस राज्यस्तरीय उत्सव में प्रदेश के 24 नगरीय निकायों के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों, जैसे- सज़ावटी सामान, जरदोजी की वस्तुएँ, ऑर्गेनिक उत्पाद, जूट के उत्पाद, ज्वैलरी, गिफ्ट आइटम, अगरबत्ती, अचार, बड़ी-पापड़, मसाले और खिलौने आदि का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जा रहा है।
- इसके साथ ही उत्सव में महिलाओं द्वारा रंगोली, चित्रकला, मेहंदी, गायन आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। उत्सव में स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा तैयार किये गए स्वच्छ एवं स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ विक्रय के लिये उपलब्ध हैं।
- नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय के लिये स्थान उपलब्ध कराने हेतु सभी शहरों में हाट-बाज़ार बनाए जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि अभी मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों में 35 हज़ार स्व-सहायता समूह हैं, जिनमें 3 लाख 50 हज़ार महिलाएँ जुड़ी हुई हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म्स कमेटी | मध्य प्रदेश | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सुधारों से जुड़े परिणाम आधारित वितरण क्षेत्र योजना के लिये मध्य प्रदेश राज्य शासन ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म्स कमिटी का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रबंध संचालक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को समिति का संयोजक बनाया गया है। समिति में अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, प्रमुख सचिव वित्त, वन, ऊर्जा, राजस्व, पंचायत तथा नगरीय विकास एवं आवास सदस्य बनाए गए हैं।
- यह समिति राज्य स्तर पर योजना की प्रगति की समीक्षा करेगी। साथ ही, मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के लिये कार्ययोजना संबंधी अनुशंसा करेगी।
- भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी के अनुमोदन के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर अनुशंसा प्रस्तुत करेगी। समिति परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के साथ ही गुणवत्ता की समीक्षा भी करेगी।
शासकीय सेवकों के डी.ए. में 8% की वृद्धि | मध्य प्रदेश | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने शासकीय सेवकों तथा स्थाईकर्मी को देय महँगाई भत्ते की दर में अक्तूबर 2021 से 8 प्रतिशत वृद्धि के आदेश जारी कर दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों को जनवरी 2019 से सातवें वेतनमान में 12% की दर से महँगाई भत्ता दिया जा रहा था। 21 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महँगाई भत्ता दर में 8% की वृद्धि की घोषणा की थी। इस प्रकार सातवें वेतनमान के अनुसार, अब 20 प्रतिशत महँगाई भत्ता देय होगा।
- महँगाई भत्ते में वृद्धि करते हुए वित्त विभाग ने महँगाई भत्ते के भुगतान के संबंध में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि महँगाई भत्ते का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन हेतु वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा।
- इसके अतिरिक्त ऐसे सभी शासकीय सेवक, जो जुलाई 2020 या जनवरी 2021 की वार्षिक वेतन वृद्धि का काल्पनिक रूप से पात्रता है, उन्हें जुलाई 2020 से 1 जनवरी, 2021 को देय वार्षिक वेतन वृद्धि के परिणामस्वरूप देय एरियर्स का भुगतान दो बराबर किश्तों में किया जाएगा। पहली किश्त (50%) का भुगतान नवंबर 2021 में और दूसरी किश्त (50%) का भुगतान मार्च 2022 में होगा।
- 1 मार्च, 2022 के पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके या होने जा रहे शासकीय सेवकों को एरियर्स की देय राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन लॉजिस्टिक्स | मध्य प्रदेश | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश में पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन लॉजिस्टिक्स की स्थापना हेतु देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर और भारत सरकार की स्वायत्त संस्था लॉजिस्टिक्स सेंटर काउंसिल के मध्य दो ‘मेमोरंडम ऑफ एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- यह सेंटर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्थापित किया जाएगा। ‘लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल’ की हर राज्य में एक सेंटर देने की योजना है।
- उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में लॉजिस्टिक के कोर्स शुरू होने से प्रदेश के युवाओं के लिये रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
- भौगोलिक दृष्टि से मध्य प्रदेश केंद्र में स्थित होने के कारण औद्योगिक दृष्टिकोण से भी यह प्रयास उद्योगों को जोड़ने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि यह सेंटर देश में पहली बार खुलने जा रहा है।
- इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाले पहले ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन लॉजिस्टिक’ में बी.ई. एवं बी.टेक. के अंतिम वर्ष में लॉजिस्टिक्स में स्पेशलाइजेशन (60 सीट) एवं इंडस्ट्री अप्रेंटीशिप प्रोग्राम तथा लॉजिस्टिक एवं डाटा साइंस में दो वर्षीय एम.एस. प्रोग्राम (30 सीट) लॉजिस्टिक सेक्टर काउंसिल की सहभागिता से प्रारंभ होगा।
- विश्वविद्यालय में लगभग में पाँच हज़ार युवाओं को ‘लॉजिस्टिक्स स्किल डेवलपमेंट’ की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिये औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा।
श्रेष्ठ राज्य कृषि नेतृत्व पुरस्कार, 2021 | हरियाणा | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 12वें कृषि नेतृत्व सम्मेलन व नेतृत्व पुरस्कार, 2021 के दौरान हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल को श्रेष्ठ राज्य कृषि नेतृत्व पुरस्कार, 2021 प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा को कृषि क्षेत्र में पिछले सात वर्षों से किये जा रहे नवाचार व नई पद्धतियों को लागू करने के फलस्वरूप प्रदेश को राज्यों की श्रेणी में श्रेष्ठ राज्य कृषि नेतृत्व पुरस्कार, 2021 से नवाजा गया है।
- इस कार्यक्रम में प्रदेश के प्रगतिशील किसान कंवल सिंह चौहान को भी पुरस्कृत किया गया।
- इस अवसर पर जे.पी. दलाल ने कहा कि हरियाणा ने इनोवेशन के लिये जो कदम उठाए हैं, उनमें पानी का सही उपयोग करना, कम पानी में तैयार होने वाली फसलों का विविधीकरण और किसान की आमदनी बढ़ाने के लिये तरह-तरह की अनेक योजनाएँ शामिल हैं।
हरियाणा संस्कृत अकादमी ने की वर्ष 2019 और 2020 के लिये पुरस्कारों की घोषणा | हरियाणा | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2019 और 2020 के लिये पुरस्कारों की घोषणा कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि वर्ष 2019 के लिये प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्र (हिमाचल प्रदेश) और वर्ष 2020 के लिये प्रो. डॉ. मान सिंह (उत्तराखंड) को संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान के लिये चुना गया है।
- हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान वर्ष 2019 के लिये प्रो. सुधीकांत भारद्वाज (दिल्ली) को, वर्ष 2020 के लिये कैप्टन रामभगत (महेंद्रगढ़) और महर्षि वाल्मीकि सम्मान वर्ष 2019 के लिये डॉ. सत्येंद्र प्रकाश (गुरुग्राम) तथा वर्ष 2020 के लिये प्रो. वीरेंद्र कुमार अलंकार (गोहाना) का चयन किया गया है।
- आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान के लिये वर्ष 2019 हेतु डॉ. दिव्या त्रिपाठी (पंचकूला), वर्ष 2020 के लिये डॉ. जगदीश प्रसाद शर्मा (यमुनानगर) तथा महर्षि वेदव्यास सम्मान के लिये वर्ष 2019 हेतु डॉ. राधेश्याम शर्मा (करनाल) व वर्ष 2020 के लिये डॉ. जयभगवान शर्मा (झज्जर) का चयन किया गया है।
- महर्षि विश्वामित्र सम्मान हेतु वर्ष 2019 के लिये डॉ. सुधीर कुमार (पंचकूला), वर्ष 2020 हेतु डॉ. देवी सिंह (जीरकपुर) तथा महाकवि बाणभट्ट सम्मान हेतु वर्ष 2019 के लिये डॉ. सुधीर कुमार आर्य (दिल्ली) और वर्ष 2020 के लिये सुशील कुमार शास्त्री (हिसार) को चयनित किया गया है।
- ‘गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान’ हेतु वर्ष 2019 के लिये आचार्य हरिदत्त (रोहतक) तथा ‘विद्या मार्तण्ड पं. सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान’ हेतु वर्ष 2019 के लिये श्रीमती कुसुमलता (कुरुक्षेत्र) व वर्ष 2020 के लिये आचार्या सीमा रानी (कुरुक्षेत्र) को चुना गया है।
- विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान हेतु वर्ष 2019 के लिये डॉ. मुरलीधर शास्त्री (भिवानी) और वर्ष 2020 के लिये डॉ. अशोक कुमार मिश्र (अंबाला) को चुना गया है।
- पं. युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान हेतु वर्ष 2019 के लिये आचार्य हिमांशुधर (भिवानी) तथा वर्ष 2020 के लिये आचार्य देवेंद्र कुमार (सोनीपत ) को चुना गया है।
- स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान हेतु वर्ष 2019 के लिये भगवती आर्य, कन्या गुरुकुल जसात (गुरुग्राम) व वर्ष 2020 के लिये रतिराम संस्कृत महाविद्यालय (जींद) का चयन किया गया है।
- पुस्तक-पुरस्कारों में ‘गद्य विधा’ वर्ग में वर्ष 2019 के लिये डॉ. जितेंद्र कुमार (पंचकूला) को उनकी पुस्तक ‘मम सांस्कृतिक यात्रा’ के लिये चुना गया है। वर्ष 2020 में ‘पद्य विधा’ में जयपाल शास्त्री (भिवानी) को उनकी पुस्तक ‘अथ-काव्यमिदं में जीवनपाथेयं’ के लिये, डॉ. पीयूष अग्रवाल (अंबाला) का उनकी पुस्तक ‘नाट्यत्रयं’ (नाटक) के लिये चयन किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान और हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान के लिये साहित्यकार को दो लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।
- महर्षि वाल्मीकि सम्मान, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान, महर्षि वेदव्यास सम्मान, महर्षि विश्वामित्र सम्मान के लिये 1.5 लाख रुपए प्रदान किये जाते हैं। इनके अलावा, महाकवि बाणभट्ट सम्मान, गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्या मार्तण्ड पंडित सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं. युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान, स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान और विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान के लिये 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। पुस्तक-पुरस्कार के लिये 31 हज़ार रुपए प्रदान किये जाते हैं।
‘सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय प्रधानाचार्य’ का पुरस्कार | झारखंड | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विज्ञान ओलंपियाड फाउंडेशन (SOF) द्वारा डीपीएस बोकारो के प्रधानाचार्य ए.एस. गंगवार को वर्ष 2020-21 के लिये ‘सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय प्रधानाचार्य पुरस्कार’ (Best International Principal Award) से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- नेतृत्व गुणों, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी पहल और छात्रों की अकादमिक उत्कृष्टता की मान्यता में SOF की अकादमिक परिषद ने गंगवार को यह सम्मान दिया है।
- एक नेता के रूप में शिक्षकों की टीम को दृढ़ता और समर्पण के साथ छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिये प्रेरित करने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका की पूरे देश में सराहना की गई।
- SOF हर साल दुनिया के 22 देशों में फैले 1400 से अधिक शहरों के 42,800 स्कूलों में राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड, भारतीय अर्थशास्त्र ओलंपियाड, राष्ट्रीय कंप्यूटर ओलंपियाड, अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड परीक्षा आयोजित करता है।
- उल्लेखनीय है कि गंगवार पूर्वी क्षेत्र के उन गिने-चुने प्रधानाध्यापकों में शामिल हैं, जिन्हें इस वर्ष यह पुरस्कार मिला है। गंगवार को शिक्षा में उनकी सेवा के लिये कई प्रतिष्ठित सम्मान भी मिले हैं, जिनमें संदीपनी विशिष्ट गुरुजन सम्मान, विद्यापति शिक्षक सम्मान, प्रगतिशील प्रधानाचार्य पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय प्रधानाचार्य पुरस्कार (2019-20) शामिल हैं।
‘सर्वश्रेष्ठ नागरिक’ का पुरस्कार | झारखंड | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अविभाजित बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा की 135वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में जमशेदपुर के जाने-माने समाजसेवी और बीजेपी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले को ‘सर्वश्रेष्ठ नागरिक’ सम्मान से नवाजा गया।
प्रमुख बिंदु
- श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के महासचिव हरि बल्लभ सिंह अर्सी ने अमरप्रीत सिंह काले को शॉल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ‘युग संघर्ष’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
- इसके अलावा अर्का जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. राजी ने प्रो. अरविंद पांडे, डॉ. मनोज पाठक, प्रो. अश्विनी कुमार सिंह, किशोर यादव, धर्मेंद्र चौहान, जुगुन पांडे और सूरज साह को समाज सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया।
- इस अवसर पर ‘युग संघर्ष’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
‘हैंडबुक ऑफ ओस्टियोपोरोसिस ए प्रीवेंटेबल डिजीज’ | छत्तीसगढ़ | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में ‘हैंडबुक ऑफ ओस्टियोपोरोसिस ए प्रीवेंटेबल डिजीज’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तक के लेखक शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्वशासी पीजी कॉलेज कालीबाड़ी रायपुर की डीन एवं प्रोफेसर डॉ. नंदा गुरवारा और पीजी नर्स़िग कॉलेज भिलाई के प्रोफेसर डॉ. डेजी अब्राहम हैं।
- इस पुस्तक में ओस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण तथा उपचारात्मक परीक्षण और बचाव के उपाय व सही खान-पान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जो ओस्टियोपोरोसिस बीमारी के प्रति जनजागरूकता लाने सहित बचाव में काफी सहायक होगी।
- ज्ञातव्य है कि ओस्टियोपोरोसिस एक आम बीमारी है, जो भारत में 3 महिलाओं में से एक महिला और 8 पुरुषों में से एक पुरुष को प्रभावित करती है। यह हड्डियों को कमज़ोर तथा भंगुरमय कर देती है, जिससे कि व्यक्ति के थोड़े से टेंशन में होने पर, गिरने पर, खाँसने पर अथवा उम्र-दराज लोगों को फ्रैक्चर की समस्या आती है। यह फ्रैक्चर कमर, कलाई अथवा रीढ़ की हड्डी में होता है।
सर्वश्रेष्ठ बागवानी राज्य का पुरस्कार | उत्तराखंड | 23 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एग्रीकल्चर ट्रू ग्रुप द्वारा आयोजित 12वें कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उत्तराखंड के कृषि और बागवानी मंत्री सुबोध उनियाल को देश में सर्वश्रेष्ठ बागवानी राज्य का पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड ने किसानों की आय बढ़ाने के लिये एकीकृत कृषि का मॉडल अपनाया है। राज्य सरकार 20,000 मशरूम उत्पादकों को बढ़ावा दे रही है और ज़िला योजना के तहत 40 प्रतिशत धनराशि कृषि एवं बागवानी गतिविधियों के लिये आरक्षित की गई है। इससे राज्य में पॉली हाउस निर्माण और उच्च घनत्व वाले फल वृक्षारोपण को बढ़ावा मिल रहा है।
- इसके साथ ही राज्य सरकार किसानों को पाँच लाख रुपए का ब्याजमुक्त ऋण और तीन लाख रुपए का कम ब्याज वाला ऋण प्रदान कर रही है।
- उनियाल ने कहा कि राज्य ने अधिक उपज देने वाले फलों की खेती पर ध्यान केंद्रित किया है, किसानों को गैर-मौसमी सब्जियाँ उगाने के लिये प्रोत्साहित किया है और नर्सरी अधिनियम को लागू किया है।
- ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड देश का एकमात्र राज्य है, जिसने नर्सरी एक्ट के तहत छह माह की कैद का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने पैकेजिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा देकर ‘उत्तराखंड सेब’ का एक अलग ब्रांड विकसित किया है।