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बिहार में बाढ़
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार राज्य ,बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें 12 ज़िले जलमग्न हो गए हैं और 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- बाढ़ की स्थिति:
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नेपाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भारी वर्षा के कारण उत्तर और दक्षिण बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है ।
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इस स्थिति के कारण बिहार में, विशेषकर गंगा जैसी नदियों के किनारे, व्यापक बाढ़ आ गई है।
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- प्रभावित क्षेत्र:
- इससे 12 ज़िले प्रभावित हुए हैं, जिनमें बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना , समस्तीपुर, बेगुसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं ।
- निचले क्षेत्रों में रहने वाले कुल 12.67 लाख लोग बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हुए हैं।
- इससे प्रभावित ट्रेनों में पटना-दुमका एक्सप्रेस, सरायगढ़ देवघर स्पेशल, जमालपुर-किउल मेमू स्पेशल और भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस शामिल हैं।
- बिहार आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) ने बताया कि इस बाढ़ से 361 पंचायतें प्रभावित हुई हैं।
बाढ़ क्या है?
- परिचय:
- बाढ़ प्राकृतिक आपदा का सबसे प्रमुख प्रकार है और यह तब होता है जब पानी का अतिप्रवाह भूमि को जलमग्न कर देता है जो आमतौर पर सूखी होती है।
- वर्ष 1998-2017 के बीच, बाढ़ के कारण दुनिया भर में 2 बिलियन लोग प्रभावित हुए हैं।
- कारण:
- बाढ़ के प्रकार:
- आकस्मिक बाढ़: ये तीव्र और अत्यधिक वर्षा के कारण होते हैं, जिससे जल स्तर तेज़ी से बढ़ता है तथा नदियाँ, नाले, चैनल या सड़कें जलमग्न हो जाती हैं।
- नदी द्वारा बाढ़: ऐसा तब होता है जब लगातार बारिश या बर्फ पिघलने से नदी का जलस्तर अपनी क्षमता से अधिक हो जाता है।
- तटीय बाढ़: ये उष्णकटिबंधीय चक्रवातों और सुनामी से संबंधित तूफानी लहरों के कारण होते हैं।
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मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना
चर्चा में क्यों
हाल ही में, बिहार सरकार ने राज्य में छोटे पुलों के निर्माण के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने के लिये "मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना" (MGSNY) को स्वीकृति दी।
प्रमुख बिंदु
- योजना का उद्देश्य :
- "मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना" (MGSNY) का उद्देश्य बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाना है।
- यह योजना विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 छोटे पुलों के निर्माण पर केंद्रित है।
- लक्ष्य क्षेत्र:
- इस पहल में उन दूरदराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है जो अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे के कारण कठिनाइयों का सामना करते हैं।
- इससे मानसून के मौसम में दुर्गमता की समस्या का समाधान होने की उम्मीद है , जब नदी और नालों के जल का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता हैं तथा गाँवों से संपर्क टूट जाता है।
- अपेक्षित लाभ :
- इन पुलों के निर्माण से ग्रामीण आबादी के लिये परिवहन में उल्लेखनीय सुधार होगा , जिससे वस्तु और लोगों की आवाजाही आसान हो सकेगी।
- उन्नत बुनियादी ढाँचा किसानों, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को बाज़ारों से जोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास में योगदान देगा ।
- इससे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में भी सुधार होगा तथा स्कूली बच्चों एवं तत्काल चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले रोगियों के लिये तीव्र व अधिक विश्वसनीय परिवहन सुनिश्चित होगा।
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बिहार पर्यटन एवं बाज़ार नीति-2024
चर्चा में क्यों
हाल ही में, बिहार ने राज्य में पर्यटन बुनियादी ढाँचे और बाज़ार एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु बिहार पर्यटन एवं बाज़ार नीति-2024 को स्वीकृति दी है, जिससे यह सांस्कृतिक, पारिस्थितिक व विरासत पर्यटन का केंद्र बन सके।
प्रमुख बिंदु
- उद्देश्य :
- बिहार में सतत् पर्यटन विकास को बढ़ावा देना तथा पर्यटन स्थल के रूप में इसके आकर्षण को बढ़ाना।
- पर्यटन संबंधी गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना ।
- प्रमुख विशेषताऐं :
- अवसंरचना विकास : इसमें पर्यटकों की सहायता के लिये परिवहन, आवास और सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- विरासत संवर्धन : बोधगया, नालंदा और राजगीर जैसे स्थलों सहित बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करने पर ज़ोर गया है।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी : यह पर्यटन अवसंरचना और सेवाओं में निजी निवेश को बढ़ावा देती है
- यह पर्यटन से संबंधित व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिये वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान करती है।
- विपणन एवं संवर्धन :
- बिहार के अद्वितीय आकर्षणों को उजागर करने हेतु विपणन अभियान शुरू किया गया ।
- व्यापक पहुँच के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का उपयोग ।
- बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
- बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर
- राजगीर में विश्व शांति स्तूप
- नालन्दा, पाटलिपुत्र का प्राचीन शहर
- पश्चिमी चंपारण में वाल्मीकि नगर टाइगर रिज़र्व
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