उत्तर प्रदेश Switch to English
उच्च शिक्षा में भी ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
- 22 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ (उच्च शिक्षा) का विस्तार करते हुए इसमें सभी ग्रेजुएट पास युवाओं को जोड़ने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट ने योजना के तहत प्रशिक्षुओं को निजी प्रतिष्ठानों की ओर से दिये जाने वाले स्टाइपेंड में 1000 रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार की ओर से किये जाने पर सहमति दी है।
- इस योजना में स्टाइपेंड की राशि को भी बढ़ाकर प्रतिमाह 9 हज़ार रुपए किया गया है। इसमें राज्य सरकार की ओर से एक हज़ार रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि बाकी राशि केंद्र सरकार एवं एंटप्रेन्योर्स द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
- इस राशि में 50 फीसदी, यानी 4500 रुपए भारत सरकार व 50 फीसदी संबंधित 3500 रुपए संस्थान देते हैं। अब संस्थान की ओर से दी जाने वाली राशि में अतिरिक्त 1000 रुपए प्रदेश सरकार देगी।
- शासन ने 2023-24 में इसके लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है तथा शिक्षा विभाग को इसके लिये नोडल विभाग बनाया गया है।
- प्रस्तावित योजना के माध्यम से निजी क्षेत्र के संस्थानों को अधिक-से-अधिक गैर-तकनीकी डिप्लोमा होल्डर एवं डिग्री होल्डर युवाओं को प्रशिक्षु के रूप में नियोजित करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- योजना के तहत प्रदेश के गैर-तकनीकी डिप्लोमा होल्डर्स तथा ग्रेजुएट युवाओं को एक वर्ष का रोज़गार प्राप्त होगा, जबकि निजी, शासकीय संस्थानों को कुशल कार्मिक मिलेंगे।
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