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स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Aug 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उच्च शिक्षा में भी ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ (उच्च शिक्षा) का विस्तार करते हुए इसमें सभी ग्रेजुएट पास युवाओं को जोड़ने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • कैबिनेट ने योजना के तहत प्रशिक्षुओं को निजी प्रतिष्ठानों की ओर से दिये जाने वाले स्टाइपेंड में 1000 रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार की ओर से किये जाने पर सहमति दी है।
  • इस योजना में स्टाइपेंड की राशि को भी बढ़ाकर प्रतिमाह 9 हज़ार रुपए किया गया है। इसमें राज्य सरकार की ओर से एक हज़ार रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि बाकी राशि केंद्र सरकार एवं एंटप्रेन्योर्स द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इस राशि में 50 फीसदी, यानी 4500 रुपए भारत सरकार व 50 फीसदी संबंधित 3500 रुपए संस्थान देते हैं। अब संस्थान की ओर से दी जाने वाली राशि में अतिरिक्त 1000 रुपए प्रदेश सरकार देगी।
  • शासन ने 2023-24 में इसके लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है तथा शिक्षा विभाग को इसके लिये नोडल विभाग बनाया गया है।
  • प्रस्तावित योजना के माध्यम से निजी क्षेत्र के संस्थानों को अधिक-से-अधिक गैर-तकनीकी डिप्लोमा होल्डर एवं डिग्री होल्डर युवाओं को प्रशिक्षु के रूप में नियोजित करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • योजना के तहत प्रदेश के गैर-तकनीकी डिप्लोमा होल्डर्स तथा ग्रेजुएट युवाओं को एक वर्ष का रोज़गार प्राप्त होगा, जबकि निजी, शासकीय संस्थानों को कुशल कार्मिक मिलेंगे।

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बिहार Switch to English

बिहार पर्यटन विभाग एवं भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मध्य समझौता

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को बिहार में रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन विभाग और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समझौता हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • 300-300 पर्यटकों की क्षमता वाले रो पैक्स वैसेल नाम के दो जलयान पटना और भागलपुर में चलेंगे। दोनों जलयान राज्य में क्रूज पर्यटकीय सुविधाओं के लिहाज से आकर्षण के नए केंद्र होंगे।
  • जलयान एमवी स्वामी परमहंस का परिचालन पटना के दीघा घाट से कंगन घाट तक होगा।
  • पर्यटक क्रूज पटना के सभी घाटों का परिभ्रमण करते हुए कंगनघाट से गुरु गोबिंद सिंह की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमिंदर साहिब के भी दर्शन के लिये जा सकेंगे।
  • वहीं, भागलपुर में एमवी राजेंद्र प्रसाद जलयान कहलगाँव, सुल्तानगंज, बटेश्वर स्थान होते हुए विक्रमशिला (डॉल्फिन सेंचुरी) के बीच संचालित होगा।
  • यह जलयान करीब 15 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से पटना और भागलपुर के गंगा घाटों की सैर कराएगा। परीक्षण सफल होने के बाद इसके व्यावसायिक कार्यक्रम का उद्घाटन आने वाले दिनों में उपमुख्यमंत्री करेंगे।
  • बिहार पर्यटन विकास निगम ने जलयान की किराये की सूची भी जारी कर दी है। जलयान से 45 मिनट घूमने के लिये आम लोगों को 300 रुपए देने पड़ेंगे।
  • एक घंटे की पैकेज बुकिंग का किराया 30000 रुपए, 2 घंटे का 50000 रुपए, 4 घंटे का 100000 रुपए, 6 घंटे का 125000 रुपए और 8 घंटे का 150000 रुपए निर्धारित किया गया है।
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राजस्थान Switch to English

‘राजस्थान मिशन-2030’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2030 तक राजस्थान को हर क्षेत्र में भारत का सिरमौर बनाने की दिशा में महत्त्वाकांक्षी ‘राजस्थान मिशन-2030’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के बिड़ला सभागार में मिशन के उद्घाटन समारोह में कहा कि प्रदेश की प्रगति को 10 गुना गति देने में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
  • राज्य सरकार 1 करोड़ लोगों से उनके सपनों के राजस्थान के लिये सलाह और सुझाव लेगी। इन्हीं के आधार पर ‘विज़न-2030 डॉक्यूमेंट’तैयार कर जारी किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विशेषज्ञों, अधिकारियों, गैर-सरकारी संगठनों, युवाओं, महिलाओं, विद्यार्थियों और आमजन से संवाद किया। सभी ने प्रदेश की प्रगति में अपनी अपेक्षाएँ, विचार और सुझाव बताए।
  • बालिकाओं ने राजस्थान को महिला/बालिका सुरक्षा की दृष्टि से अग्रणी बनाने, उड़ान योजना के विस्तार, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था, ई-मार्केटिंग को बढ़ावा देने, विद्यालयों और महाविद्यालयों में करिअर ओरिएंटेड ट्रेनिंग कराने, उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की अधिकाधिक उपस्थिति अनिवार्य कराने, यूपीएससी की तरह आरपीएससी का कैलेंडर जारी कराने, एग्री टूरिज्म, एग्री फार्मिंग के प्रोत्साहन सहित अनेक सुझाव दिये।
  • सभी 50 ज़िलों से जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आमजन वी.सी से जुड़े। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उदयपुर के राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की।
  • विज़न डॉक्यूमेंट की यात्रा में वेबसाइट mission2030.rajasthan.gov.in, टोल फ्री नंबर, वीडियो मैसेज, कॉन्टेस्ट, निबंध प्रतियोगिताओं के ज़रिये सुझाव और विचार लिये जाएंगे। मुख्यमंत्री स्वयं भी विभिन्न हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ संवाद करेंगे। संभाग और ज़िला स्तर पर भी कार्यक्रम होंगे। विभागीय अधिकारियों को भी सुझाव देने होंगे।
  • राजीव गांधी युवा मित्र और महात्मा गांधी प्रेरकों द्वारा फेस टू फेस सर्वे किया जाएगा। इसके बाद पहले विभागीय डॉक्यूमेंट जारी किया जाएगा, फिर मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद के नेतृत्व में राज्य का विज़न-2030 डॉक्यूमेंट देश के सामने होगा। इसमें व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित होगी।
  • कार्यक्रम में आयोजना मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि मिशन-2030 में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य अपनी जनहितैषी योजनाओं से देश का मॉडल स्टेट बना हुआ है, यह प्रगति निरंतर रहेगी।
  • मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान हेल्थ इन्श्योरेंस प्रदान करने, सबसे अधिक नए मेडिकल सब-सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, मेडिकल कॉलेज, नए महाविद्यालय खोलने, देश में सबसे पहले शांति एवं अहिंसा विभाग शुरू करने, ओपीएस बहाली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने, सौर ऊर्जा, दूध, ऊन, अनाज, तिलहन, दलहन, बाजरा, चना उत्पादन, महात्मा गांधी नरेगा में सर्वाधिक रोज़गार देने, पर्यटन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ, जन अभाव-अभियोग निराकरण करने, आरटीएच, गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट लागू करने, उड़ान योजना, इंदिरा रसोई योजना, 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने सहित विभिन्न क्षेत्रों में पहला राज्य बन गया है।
  • साथ ही, 11.04 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ रेट में राज्य देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन के साथ राज्य ने विकास के नए आयाम स्थापित कर अनूठी पहचान बनाई है।

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राजस्थान Switch to English

मल्टीकल्चरल सेंटर बनेगा जयपुर का रवींद्र मंच

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांस्कृतिक गतिविधियों के हृदयस्थल जयपुर के रवींद्र मंच को मल्टीकल्चरल सेंटर के रूप में विकसित करने तथा जयपुर कथक केंद्र आधुनिकीकरण करने के आशय के वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार द्वारा दोनों ही केंद्रों के सौंदर्यीकरण, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण के लिये 4 करोड़ रुपए व्यय किये जाएंगे।
  • रवींद्र मंच पर 3 करोड़ रुपए से विकास कार्य होंगे, जबकि कथक नृत्य शैली के प्रमुख जयपुर कथक केंद्र में 1 करोड़ रुपए की लागत से केंद्र का आधुनिकीकरण होगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।

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मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास ‘समत्व भवन’में हुई, जिसमें अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रि-परिषद द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में वृद्धि के लिये स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को 01 जुलाई, 2023 (भुगतान माह अगस्त, 2023) से देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गई है। मंत्री परिषद के निर्णय के अनुसार महँगाई राहत की दर सातवें वेतनमान के अंतर्गत 42% और छठवें वेतनमान के अंतर्गत 221% की गई है। इस निर्णय से शासन पर अनुमानित 410 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय भार संभावित है ।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा ज़िला बैतूल में नवीन अनुविभाग आमला के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा ज़िला पंचायत सदस्यों एवं जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। ज़िला पंचायत सदस्यों का मानदेय 4500 से बढ़ाकर 13 हज़ार 500 रुपए और जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 4500 रुपए करने का निर्णय लिया गया है।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा रबी वर्ष 2022-23 (विपणन वर्ष 2023-24) एवं आगामी दो वर्षों में भारत सरकार के प्राईस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत चना, मसूर एवं सरसों तथा ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • साथ ही रबी वर्ष 2021-22 (रबी विपणन वर्ष 2022-23) में प्राईस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चना के लिये 8 लाख 71 हज़ार 100 मीट्रिक टन एवं मसूर के लिये 1 लाख 67 हज़ार 130 मीट्रिक टन तथा सरसों के लिये 3 लाख 48 हज़ार 935 मीट्रिक टन के नियत उपार्जन लक्ष्य के भीतर चने के 8 लाख 01 हज़ार 662.86 मीट्रिक टन का उपार्जन राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा किये जाने का कार्योत्तर अनुमोदन किया गया

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मध्य प्रदेश Switch to English

‘मध्य प्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023’ की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा आत्म-समर्पण करने वाले नक्सलियों को लाभकारी रोज़गार और उद्यमशीलता के अवसरों को प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मध्य प्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023’ स्वीकृत की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति राज्य में उत्पन्न वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
  • इस नीति का मुख्य उद्देश्य हिंसा का रास्ता त्यागकर स्वेच्छा से आत्म-समर्पण करने वालों को मुख्यधारा में शामिल करना है।
  • म.प्र. नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास-सह-राहत नीति 2023 में नक्सली/नक्सलवादी एवं आत्म-समर्पणकर्त्ता को स्पष्ट एवं वृहत् रूप से परिभाषित किया गया है। आत्म-समर्पणकर्त्ता के निर्धारण के लिये निश्चित मापदंड निर्धारित किये गए हैं।
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता को लाभ देने के लिये राज्यस्तरीय जाँच समिति का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्त्ता को लाभ देने के लिये राज्यस्तरीय जाँच समिति की अवधारणा नहीं है।)
  • आत्म-समर्पण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिये सक्षम अधिकारियों की परिधि बढ़ाई गई है, जैसे- आत्म-समर्पणकर्त्ता स्वेच्छा से किसी पुलिस अधिकारी, कार्यपालिक दंडाधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सहायक सेनानी से अन्यून रैंक के अधिकारी (जहाँ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात है) या राज्य सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्म-समर्पण कर सकेगा। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पण के लिये पुलिस अधीक्षक को माध्यम निर्धारित किया गया है।)
  • नक्सली द्वारा आत्म-समर्पण किये जाने के पश्चात् की प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता द्वारा शस्त्रों के साथ समर्पण किये जाने पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्गीकरण किया गया है।
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता ने यदि शस्त्रों (शस्त्र चालू हालत स्थिति में हो तो) के साथ समर्पण किया है तो ऐसी स्थिति में 07 श्रेणियों में शस्त्रों का वर्गीकरण किया जाकर 20 हज़ार से 4 लाख 50 हज़ार रुपए तक अनुग्रह राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में इस विषय पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्णन नहीं है।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता को गृह निर्माण के लिये 1 लाख 50 हज़ार रुपए अनुदान का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इंदिरा आवास योजना में अनुदान की राशि उपलब्ध कराना प्रावधानित है।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता को विवाह के लिये 50 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता को बिना शर्त 5 लाख रुपए प्रोत्साहन अथवा इनाम राशि प्रदान करने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्त्ता के नक्सल विरोधी अभियान में सहयोग के आधार पर घोषित इनाम राशि दिये जाने का प्रावधान है।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता को अचल संपत्ति /जमीन क्रय के लिये 20 लाख रुपए अनुदान राशि का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, केवल गरीबी रेखा के नीचे आने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को भू-आवंटन का प्रावधान किया गया गया है।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता के शिक्षण के लिये 1 लाख 50 हज़ार रुपए का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, शासकीय योजनाओं में अस्पष्ट प्रावधान किये गए हैं।)
  • आत्म-समर्पणकर्त्ता की उपयोगिता के आधार पर गोपनीय सैनिक अथवा उसके सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान में सफलता प्राप्त होने पर पुलिस विभाग में शासकीय नौकरी प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में शासकीय सेवा में नियुक्त होने की पात्रता रखने पर उसे नियुक्ति दिये जाने पर विचार किये जाने का प्रावधान है, अन्यथा उसे पात्रता अनुसार होमगार्ड के रूप में नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है।)
  • नक्सल पीड़ित परिवार एवं शारीरिक अक्षमता के संबंध में स्पष्ट एवं बृहद् उल्लेख है।
  • हिंसा में व्यक्ति/सुरक्षाकर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में अनुग्रह राशि में वृद्धि की गई है। आम नागरिक को 15 लाख रुपए एवं सुरक्षाकर्मी को 20 लाख रुपए प्रावधानित हैं। (पूर्व नीति में आम व्यक्ति को 1 लाख रुपए एवं सुरक्षाकर्मी को 2 लाख रुपए प्रदान किये जाने का प्रावधान है।)
  • नक्सल हिंसा में व्यक्ति/सुरक्षाकर्मी के शारीरिक अक्षम हो जाने पर 4 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में स्थायी असमर्थ को 50 हज़ार एवं गंभीर घायल को 10 हज़ार रुपए प्रदान किये जाने का प्रावधान है।)
  • मृतक के आश्रित को शासकीय सेवा में लिये जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में यदि मृतक का कोई सदस्य शासकीय सेवा में न हो तथा पात्रता रखने पर नियुक्ति पर विचार किये जाने का प्रावधान है।)
  • अचल संपत्ति को क्षति होने की स्थिति में राहत राशि का प्रावधान किया गया है, जैसे- पूरा मकान ध्वस्त होने पर 1 एक 50 हज़ार रुपए तथा आंशिक क्षति होने पर क्षति अनुसार अधिकतम 50 हज़ार रुपए का भुगतान किया जाएगा। (पूर्व नीति में क्षति होने पर कच्चे मकान हेतु 5 हज़ार रुपए एवं पक्के मकान के लिये 15 हज़ार रुपए क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।) नक्सलियों के पुनर्वास के लिये समय-सीमा एवं प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया है

मध्य प्रदेश Switch to English

‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’योजना का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना के तहत युवाओं को काम सिखाने के बदले 8 से 10 हज़ार रुपए स्टाइपेंड के रूप में दिये जाएंगे। काम सीखने के बाद वे खुद का स्वरोज़गार शुरू कर सकते हैं। साथ ही उद्योगों में परमानेंट जॉब भी मिल सकेगी।
  • उल्लेखनीय है कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना में प्रशिक्षण कंपनियों का पंजीयन 7 जून, 2023 से शुरू किया गया था। अब तक 16 हज़ार 744 कंपनियाँ पंजीकृत हो चुकी हैं। अब तक 70 हज़ार 386 पद प्रकाशित हुए हैं।
  • साथ ही इस योजना में युवाओं का रजिस्ट्रेशन 4 जुलाई, 2023 से प्रारंभ हुआ था। इसमें अब तक 8 लाख 71 हज़ार 330 युवा पंजीकृत हुए और अब तक 15 हज़ार 92 अनुबंध निर्मित हुए हैं।
  • इस योजना में 46 क्षेत्रों के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री सीखो कमाओ ‘लर्न एंड अर्न’कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग मिलेगी।
  • छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और अपना कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।
  • प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा, ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान अपने खर्च उठा सकें -
    • 12वीं उत्तीर्ण को 8000 रुपए
    • आईटीआई उत्तीर्ण को 8500 रुपए
    • डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 रुपए
    • स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को 10000 रुपए
  • इस योजना में अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ
    • उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
      • नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण।
      • व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड।
      • मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन।
      • नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।
  • उद्योगों को मिलने वाले लाभ -
    • इस योजना के माध्यम से उद्योगों को अपनी ज़रूरत के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का अवसर मिलेगा।
    • प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिष्ठान छात्रों की परख करके तथा प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने संस्थान में नौकरी दे सकेंगे।
    • इस प्रकार उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
    • उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव प्राप्त होगा।
    • एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह 75% स्टाइपेंड की बचत होगी।
    • एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम 9,000 रुपए तक की बचत होगी।
    • छात्र-अभ्यर्थी पर एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट लागू नहीं होगा

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झारखंड Switch to English

देश में पहली बार वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस का आयोजन, झारखंड को मिली मेज़बानी

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को झारखंड एशियन वीमेंस हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी 2023 की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • हॉकी खिलाड़ियों की नर्सरी के तौर पर पहचान बना चुकी झारखंड की राजधानी राँची एशियन विमेन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी करने जा रही है। यह मैच देश में पहली बार हो रहें।
  • राज्य के खेल मंत्री हाफिज अल हसन और हॉकी इंडिया के प्रेसिडेंट दिलीप तिर्की ने लोगो अनावरण के साथ तारीखों की घोषणा भी की है।
  • इस टूर्नामेंट में कुल 21 मैच खेले जाएंगे। 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में प्रत्येक दिन 3 मैचो का आयोजन किया जाएगा। सभी मैच राँची के मोराबादी स्थित मरांग गोमके जयपाल सिंह स्टेडियम में खेले जाएंगे।
  • इस चैंपियंस ट्रॉफी में भारत समेत एशिया की छह टॉप टीमें शामिल हो रही हैं। इसमें भारत के अलावा चीन, कोरिया, जापान, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें हैं।
  • झारखंड सरकार की ओर से इस मैच के लिये कोई भी शुल्क नहीं रखा गया है, वहीं भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान झारखंड की असुंता लकड़ा ने इस आयोजन को हॉकी के लिये माइलस्टोन बताया है

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छत्तीसगढ़ Switch to English

अंबिकापुर को मिली इंडोर स्टेडियम और डिजिटल लाइब्रेरी की सौगात

चर्चा में क्यों?

  • 22 अगस्त, 2023 को अंबिकापुर के पीजी कॉलेज हॉकी स्टेडियम में युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर की तरह अंबिकापुर में भी खेलप्रेमियों के लिये 100 करोड़ रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की।

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केआर टेक्निकल कॉलेज की दिव्यांग छात्रा तमन्ना सिंह की मांग पर मूक-बधिर बच्चों के लिये राज्यस्तर पर एक रेजिडेंशियल कॉलेज आरंभ करने की घोषणा भी की। अब तक ऐसे बच्चों के लिये केवल स्कूल की ही सुविधा है।
  • भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गईं घोषणाएँ-
  • संभागीय मुख्यालय अंबिकापुर में विशाल इंडोर स्टेडियम बनाया जाएगा, जो रायपुर के इंडोर स्टेडियम की तरह होगा। इसके लिये 100 करोड़ रुपए प्रदान करने की घोषणा की गई है।
  • राजधानी रायपुर के नालंदा परिसर की तरह अंबिकापुर में डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा की।
  • सरगुजा संभाग के सभी ज़िलों में शासकीय बीएड कॉलेज खोले जाएंगे।
  • ज़िला मुख्यालय सूरजपुर में युसु खेल अकादमी खोले जाने की घोषणा की।
  • मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ज़िले में लॉ कॉलेज की घोषणा की।
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छत्तीसगढ़ Switch to English

सरगुजा संभाग के प्रथम स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेज़ी माध्यम महाविद्यालय का हुआ लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

22 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरगुजा संभाग के प्रथम स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • छत्तीसगढ़ में अंग्रेज़ी माध्यम के कुल 10 स्वामी आत्मानंद आदर्श महाविद्यालय खोले जा रहे हैं, जिनमें से अंबिकापुर के केशवपुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालय भवन के जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया गया।  
  • ज्ञातव्य है कि शासकीय महाविद्यालय की कुल प्रवेश क्षमता 1000 है, जिसमें लगभग 610 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद शासकीय विज्ञान महाविद्यालय को अपग्रेड करते हुए सुविधाओ के विस्तार के लिये जीर्णोद्धार तथा निर्माण कार्य हुए। छात्रों के लिये आधुनिक समय अनुरूप तकनीकों, स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक लाईब्रेरी, प्रयोगशाला, अतिरिक्त कक्ष जैसी अन्य सुविधाओं के साथ महाविद्यालय तैयार है। 
  • महाविद्यालय में कुल 2.54 करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोद्धार तथा निर्माण कार्य किये गए हैं।

  


उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना

चर्चा में क्यों? 

22 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला समूहों को ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’को प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की। 

प्रमुख बिंदु 

  • ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’का उद्देश्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाज़ार उपलब्ध कराना है। 
  • इस हेतु प्रत्येक विकास खंड में महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शनी लगवाकर महिला समूहों को विपणन के लिये समुचित अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाएंगे।  
  • महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को ब्लॉक स्तर पर बाज़ार मिलने से जहाँ उनको अपने उत्पादों की बिक्री के लिये एक मंच मिल सकेगा, वहीं दूसरी ओर उत्पादों को एक नई पहचान भी मिलेगी। 
  • प्रदेश में वर्तमान में 37 हज़ार से अधिक महिला समूह कार्यरत् हैं, जिनके द्वारा विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जाता है। हालांकि, कई बार इनको सही बाज़ार न उपलब्ध होने के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
  • इस योजना का संचालन महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।


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यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार, जल्द होगा लागू

चर्चा में क्यों?

22 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिये गठित समिति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। सरकार को मिलने के बाद इसे विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • विधानसभा में स्वीकृति मिलने के बाद उत्तराखंड, देश का पहला समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य बन जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता में समुदाय विशेष को कोई नुकसान नहीं होगा। 
  • विदित है कि रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। समिति ने डेढ़ साल में दो लाख से भी ज़्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये हैं।


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स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस

चर्चा में क्यों?

22 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज़ (यूपीईएस) के शोध छात्रों ने सांप पकड़ने वाला ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो पलक झपकते ही बिना किसी को नुकसान पहुँचाए सांप को पकड़ लेगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस नामक इस परियोजना को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी मंज़ूरी दी है। अब यूनिवर्सिटी की ओर से भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन अनुसंधान संस्थान में डिवाइस के परीक्षण के लिये अनुमति मांगी गई है।   
  • स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस पर प्रधान अन्वेषक डॉ. नीलू ज्योति आहूजा के नेतृत्व में शोध छात्र हुमा नाज और राहुल चमोला तथा नितिन पासी की टीम काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से यह डिवाइस तैयार की जा रही है।  
  • डॉ. नीलू ज्योति आहूजा ने बताया कि इस डिवाइस का विकास सर्पदंश से मौत के मामलों को कम करने और विषरोधी दवाओं के विकास में किया जा सकेगा। 
  • इस डिवाइस सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के लिये विशेषतौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसमें एक कृत्रिम शिकार, माइक्रोकंट्रोलर, जीएसएम मॉड्यूल के साथ कैमरा और इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिदम लगाया गया है, जो बहुत सुरक्षित तरीके से सांपों को पकड़ सकता है, जबकि अभी तक सांपों को पकड़ने के लिये पारंपरिक तरीकों के साथ स्नेक स्टिक इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।  
  • उन्होंने बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में डिवाइस के परीक्षण के लिये उत्तराखंड वन विभाग से अनुमति मांगी गई है, ताकि डिवाइस का परीक्षण पूरा किया जा सके।  
  • इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि संस्थान की ओर से प्राप्त पत्र अनुमति के लिये शासन को भेज दिया गया है। 
  • गौरतलब है कि भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) के तहत किसी भी वन्यप्राणी पर शोध अनुसंधान इत्यादि के लिये राज्य सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है।


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