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लखनऊ में शुरू होगी देश की पहली नाइट सफारी
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राजधानी लखनऊ में देश की पहली नाइट सफारी शुरू करने के उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस बारे में पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सिंगापुर की विश्व की पहली नाईट सफारी की तर्ज़ पर 2027.46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कुकरैल वन क्षेत्र में 350 एकड़ में नाईट सफारी विकसित की जाएगी और 150 एकड़ में प्राणि उद्यान बनाया जाएगा।
- यह नाइट सफारी बिल्कुल सिंगापुर की तर्ज़ पर विकसित होगी, जहाँ टाइगर, तेंदुआ और भालू के लिये अलग-अलग सफारी बनाई जाएंगी। लखनऊ के ऐतिहासिक नवाब वाज़िद अली शाह प्राणि उद्यान को वर्तमान जगह से हटाकर नाइट सफारी में शिफ्ट किया जाएगा। कुकरैल नदी को खूबसूरत रिवरफ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। नाइट सफारी में टॉय ट्रेन भी चलाई जाएगी।
- गौरतलब है कि देश की यह पहली नाइट सफारी होगी। वर्तमान में देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाइट सफारी नहीं है।
- नाइट सफारी का प्रवेश द्वार भव्य एवं आकर्षक होगा। यहाँ व्याख्या केंद्र, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। इसके अलावा 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी बनाने की योजना है।
- वन्य जीव बाड़े में न रखकर खुले आकाश में केटल ग्रिड में रखे जाएंगे। यहाँ एक ओपन एयर निशाचर चिड़ियाघर होगा, जो केवल रात में खुलेगा। सफारी में रात में जानवरों के लिये चंद्रमा की रोशनी की तरह मंद प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। दिन में पर्यटकों के लिये आधुनिक थीम पार्क बनाया जाएगा।
- विश्वस्तरीय सुविधाओं के तहत नाइट सफारी में स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन की सवारी और जीप की सवारी भी की जा सकेगी। इसके अलावा कैनोपी वाक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट आदि सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
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उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के गठन को कैबिनेट की मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में राज्य के वन अभयारण्यों के बाहर अनुमेय क्षेत्र में पर्यटन अवसंरचना सुविधाओं के विकास एवं प्रबंधन के लिये उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड (UP Eco-Tourism Development Board ) के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- ईका-टूरिज्म बोर्ड का मुख्यालय लखनऊ में होगा तथा मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे।
- इस बोर्ड में 10 विभागों (पर्यटन, वन, आयुष, ग्रामीण विकास, सिंचाई, शहरी विकास, कृषि, बागवानी, खेल और परिवहन) को शामिल किया गया है।
- बोर्ड की संरचना में ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड तथा ईको-टूरिज्म कार्यकारी समिति रहेगी। कार्यकारी समिति पर्यावरण पर्यटन विकास बोर्ड के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक कार्रवाई हेतु ज़िम्मेदार होगी।
- इको-टूरिज्म विकास बोर्ड ट्रैकिंग, हाइकिंग, साइकलिंग, कारवां टूरिज्म, सीप्लेन और रिवर क्रूज, एडवेंचर टूरिज्म के साथ-साथ होटल, रिसॉर्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं, बैलूनिंग, जंगल कैंपिंग और ईको-पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिये कल्याण पर्यटन, जैसे– आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा जैसी गतिविधियों को अंजाम देने की सुविधा प्रदान करेगा।
- विकास बोर्ड के सदस्य दो प्रकार के होंगे। इनमें शासकीय (पदेन) सदस्य एवं विशेष आमंत्री सदस्य रहेंगे। कृषि मंत्री, वन मंत्री, आयुष मंत्री, वित्त मंत्री, पर्यटन मंत्री, सिंचाई मंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश वन निगम के एमडी बोर्ड के सदस्य रहेंगे।
- अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव पर्यटन बोर्ड के सदस्य सचिव होंगे। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन इसके समन्वयक की भूमिका में होंगे।
- आईआरसीटीसी के प्रतिनिधि, सशस्त्र सीमा बल उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड इंडिया के प्रतिनिधि, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के प्रतिनिधि, कछुआ कंजर्वेशन फंड के प्रतिनिधि, कतर्नियाघाट फाउंडेशन के प्रतिनिधि, पाँच नामित पर्यावरण एवं पर्यटन विशेषज्ञ विशेष आमंत्री होंगे। इसके अलावा विशेष आमंत्री के रूप में पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली दो अन्य ख्यातिप्राप्त संस्थाओं का चयन प्रत्येक दो वर्ष के लिये किया जाएगा।
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