राजस्थान Switch to English
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल के शुभंकर का अनावरण
चर्चा में क्यों?
22 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाई मानसिंह स्टेडियम के इनडोर हॉल में गाँव-ढाणियों में होने वाले राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल के शुभंकर ‘शेरू’का अनावरण किया एवं थीम सॉन्ग भी जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 29 अगस्त से शुरू हो रहे ग्रामीण ओलंपिक खेलों के लिये 40 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
- ग्रामीण खिलाड़ियों को खोज कर आगे लाना, उनकी प्रतिभा को तराशना, उन्हें प्रोत्साहित करना तथा आमजन में खेल भावना को बढ़ावा देना राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक का मुख्य उद्देश्य है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक सभी आयुवर्ग के लिये है। इन खेलों में लगभग 30 लाख खिलाड़ी भाग ले रहे हैं तथा 2 लाख टीमें बनाई गई हैं।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड सहित राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया है। स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 50 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख से 1 करोड़ रुपए राशि दी जा रही है।
- इसके अलावा एशियाई एवं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली 30 लाख, 20 लाख एवं 10 लाख रुपए की ईनामी राशि को बढ़ाकर क्रमश: 1 करोड़, 60 लाख एवं 30 लाख रुपए किया गया है।
- उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 229 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरी दी गई है। इसके अलावा प्रशिक्षकों के लिये भी पेंशन स्कीम लागू की गई है। खिलाड़ियों के लिये सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है तथा उन्हें डीएसपी स्तर तक की नौकरियाँ दी जा रही हैं।
- उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर 29 अगस्त से 1 सितंबर, ब्लॉक स्तर पर 12 सितंबर से 15 सितंबर, ज़िला स्तर पर 22 सितंबर से 25 सितंबर तथा राज्य स्तर पर 2 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक प्रस्तावित है।
- खेलों का आयोजन खेल विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है।
- राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में कबड्डी (बालक/बालिका वर्ग), शूटिंग बॉल (बालक वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक/बालिका वर्ग), टेनिसबॉल क्रिकेट (बालक/बालिका वर्ग) एवं हॉकी (बालक/बालिका वर्ग) सहित 6 खेल शामिल होंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
12वें नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
22 अगस्त, 2022 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के प्रो. जगदीशचंद्र बसु सभागार में दीप प्रज्वलित कर 12वें नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मैपकास्ट द्वारा आयोजित इस फिल्म फेस्टिवल में 71 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह फिल्म फेस्टिवल 26 अगस्त तक चलेगा। उद्घाटन सत्र को छोड़कर अन्य दिनों में फिल्म का प्रदर्शन रवींद्र भवन में होगा।
- मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने फेस्टिवल का उद्घाटन करने के बाद घोषणा करते हुए कहा कि भारत को आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बनाने तथा विज्ञान को जन-जन तक ले जाने के लिये आगामी एक वर्ष में विज्ञान फिल्मों का प्रदर्शन मध्य प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में उत्सव के रूप में किया जाएगा।
- विज्ञान फिल्मोत्सव का शुभारंभ महान भारतीय वैज्ञानिक पी.सी. रे पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के साथ हुआ। विज्ञान भारती और संस्कृति मंत्रालय द्वारा बनाई गई यह फिल्म आधुनिक रसायन शास्त्र के पितृपुरुष प्रफुल्ल चंद्र रे, स्वाधीनता के पहले शिक्षा जगत, रोज़गार, गरीबी उन्मूलन और भारत में रासायनिक उद्योग के विकास में असाधारण योगदान पर केंद्रित थी।
- ओशन (महासागर) पर प्रदर्शित दूसरी डॉक्यूमेंट्री में महासागरों की अद्भुत जैव विविधता पर मँडराते खतरों और उसे बचाने पर ज़ोर दिया गया है।
- समारोह के दौरान होने वाली विभिन्न स्पर्धाओं के लिये करीब 16 लाख रुपए कीमत के पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में वितरित किये जाएंगे।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव में निम्नांकित प्रतिस्पर्धी श्रेणियों में डाक्यूमेंट्री फिल्में, शॉर्ट फिल्म, एनिमेशन फिल्म, डाक्यू ड्रामा, साइंस फिक्शन आमंत्रित किये जाते हैं एवं लगभग 16 लाख रुपए के नकद पुरस्कार इंटरफेस, फ्यूजन श्रेणी (स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं), आउट ऑफ बॉक्स श्रेणी-कालेज विद्यार्थियों, इंद्रधनुष श्रेणी (स्कूल विद्यार्थियों) आदि में भारत सरकार की ओर से दिये जाते हैं।
हरियाणा Switch to English
हैफेड ने लॉन्च किया मल्टीग्रेन आटा, बिस्कुट और नमकीन
चर्चा में क्यों?
22 अगस्त, 2022 को हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) ने अपने उपभोक्ता उत्पादों की श्रृंखला का विस्तार करते हुए मल्टीग्रेन आटा, बिस्कुट और नमकीन को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- हैफेड ब्रांड में लॉन्च किये गए उत्पादों में मल्टीग्रेन आटा, बिस्किट की पाँच अलग-अलग किस्में, यानी जीरा, नारियल, आटा-गुड़-सौंफ, नान-खटाई और ड्राई फ्रूट बिस्कुट शामिल हैं। अन्य उत्पादों में छह अलग-अलग प्रकार के नमकीन नामत: पंजाबी तड़का, गुजराती-मिक्स, खट्टा-मीठा, बीकानेरी भुंजिया, मूंगफली पकौड़ा और लहसुन पकौड़ा शामिल हैं।
- हैफेड ने ‘मैसर्स चंडीगढ़ स्वीट्स’के माध्यम से हैफेड ब्रांड में बिस्कुट और नमकीन उत्पादों के निर्माण और पैकिंग के लिये हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (एचडीडीसीएफ) के साथ गठबंधन किया है (जिसकी प्रमुख हिस्सेदारी हल्दीराम दिल्ली द्वारा ली गई है)।
- इसी तरह, हैफेड ने हैफेड ब्रांड में मल्टीग्रेन आटा के निर्माण और पैकिंग के लिये एक एजेंसी को शामिल किया है। मल्टीग्रेन आटे की मुख्य सामग्री में चना, रागी, जौ, सोयाबीन, मक्का, ज्वार, ओट्स, साइलियम हस्क और श्यामा तुलसी शामिल हैं।
- मल्टीग्रेन आटे की लगभग दस सामग्रियों का अनूठा संयोजन स्वास्थ्य, पाचन और मानव शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिये बहुत फायदेमंद है। हैफेड अपने मौज़ूदा नेटवर्क हैफेड आउटलेट्स, वितरकों और संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से नए लॉन्च किये गए उपभोक्ता उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देगा।
- इस अवसर पर हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत ने कहा कि हैफेड ने अपनी बिक्री को बढ़ावा देने और मौज़ूदा प्रतिस्पर्धी बाज़ार में अपने ग्राहक-आधार को व्यापक बनाने के लिये पहल की है। यह बाज़ार में अपने उपभोक्ता उत्पादों के माध्यम से फेडरेशन की समग्र उपस्थिति को और अधिक मज़बूत करेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश के सबसे बड़े जैन कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2022 को श्वेतांबर जैन संत ललितप्रभ एवं अन्य जैन मुनिगणों ने राजधानी रायपुर के कोतवाली चौक पर प्रदेश के सबसे बड़े 35 फीट जैन कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- कोतवाली चौक पर निर्मित इस कीर्ति स्तंभ को बनाने में राजस्थान के लाल पत्थरों का उपयोग किया गया है।
- इस कीर्ति स्तंभ में जैन धर्म के सभी प्रतीक चिह्नों का उपयोग किया गया है। स्तंभ के चारों ओर चार शेरों को भी दर्शाया गया है। गुजरात के कारीगरों ने पत्थरों पर जैन धर्म के प्रतीकों को खूबसूरती से उकेरा है।
- इस कीर्ति स्तंभ की खासियत यह है कि इसमें कहीं भी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। नीचे से ऊपर तक लाल पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है। आंधी, तूफान में भी यह सालों-साल सुरक्षित रहेगा।
- पहले यह स्तंभ केवल आठ फीट ऊँचाई वाला था, जिसे सड़क चौड़ीकरण के दौरान तोड़कर नया बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने 26 लाख से अधिक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत 1750 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस’के अवसर पर प्रदेश के 26 लाख से अधिक किसानों को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’की दूसरी किश्त और ‘गोधन न्याय योजना’के हितग्राहियों के खाते में 24 करोड़ रुपए अंतरित किये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’की दूसरी किश्त के रूप में किसानों के खातों में 1745 करोड़ रुपए और ‘गोधन न्याय योजना’के हितग्राहियों गोबर विक्रेताओं, महिला स्व-सहायता समूहों और गोठान समितियों के खातों में 5 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि का अंतरण किया।
- ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के अंतर्गत खरीफ सीजन 2021 के लिये 26 लाख 21 हज़ार 352 पंजीकृत किसानों के बैंक खातों में इनपुट सब्सिडी की द्वितीय किश्त 1745 करोड़ रुपए ऑनलाईन माध्यम से अंतरित की गई। इससे पूर्व 21 मई, 2022 को राज्य के किसानों को इस योजना की प्रथम किश्त के रूप में 1745 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।
- द्वितीय किस्त में भुगतान की गई राशि को मिलाकर किसानों को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के शुरू होने के बाद से अब तक 14 हज़ार 665 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
- इस योजना में खरीफ 2019 में 43 लाख किसानों को 4 किश्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 5627 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसी प्रकार खरीफ वर्ष 2020 के 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई। किसानों को फसल लागत मूल्य कम करने, उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिये इनपुट सब्सिडी की यह राशि दी जा रही है।
- इसी तरह ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और महिला समूहों को कुल 5 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसके तहत गोबर विक्रेताओं को 64 करोड़ रुपए तथा गोठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 2.60 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
- गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 24 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह गोठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को अब तक 154.02 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के तहत इनपुट सब्सिडी के रूप में धान उत्पादक किसानों को 9 हज़ार रुपए प्रति एकड़, सुगंधित धान तथा खरीफ की अन्य फसल लेने वाले किसानों को 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ और वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 वर्ष तक 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ के मान से राशि दी जाएगी।
- उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज़माफी और समर्थन मूल्य के साथ इनपुट सब्सिडी देने से किसान ऋण के बोझ से उबरकर अब स्वावलंबी बन गए हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सबसे ज़्यादा वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करने वाले किसानों को राज्योत्सव के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में फर्टिलाइजर की गिनी-चुनी फैक्ट्रियाँ हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ ने काफी प्रगति की है, यहाँ गाँव-गाँव में गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से उर्वरक की फैक्ट्री प्रारंभ हो गई है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता और उर्वरता बढ़ रही है। कृषि उत्पाद ज़हरीले तत्त्वों से मुक्त हो रहे हैं। राज्य जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। आने वाले समय में गोठानों में बिजली भी बनाई जाएगी। गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है।
- कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना ’ और ‘गोधन न्याय योजना ’ से छत्तीसगढ़ की इकॉनमी में सुधार हुआ है। बैंकों का किसानों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस योजना से पिछले तीन सालों से किसानों की संख्या 8 लाख बढ़ी है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ और टास्क फोर्स के प्रतिवेदनों का विमोचन किया
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के ज़िला स्तर तक स्थानीयकरण (Localization) एवं सतत् प्रभावी मॉनिटरिंग की सुनिश्चितता हेतु छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF)’ और टास्क फोर्स के प्रतिवेदनों का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया ‘छत्तीसगढ़ एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (सीजी-डीआईएफ)’, एक ऐसा प्रभावी प्रगति मापक फ्रेमवर्क है, जो न केवल एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा, अपितु समस्त ज़िलों के कलेक्टरों को प्रगति में बाधक चिह्नित क्षेत्रों की पहचान कर साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में भी मदद करेगा।
- इसी प्रकार विभिन्न विभागों हेतु उपयोगी अनुशंसाओं को ‘टॉस्क फोर्स रिपोर्ट’के रूप में जारी किये जाने से नवीन गतिविधियों का चयन तथा अपेक्षित क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कई जन-कल्याणकारी योजनाओं यथा ‘मध्याह्न भोजन योजना’, ‘मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना’, ‘यूनिवर्सल सार्वजनिक वितरण प्रणाली’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लिनिक योजना’, ‘महतारी जतन योजना’, ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, ‘सुराजी गाँव योजना’, ‘गोधन न्याय योजना’जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार एस.डी.जी. के उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
- छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’के आधार पर ज़िला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे।
- ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर का समावेश किया गया है।
- छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि राज्य सरकार के विकास एजेंडा प्रमुखत: एसडीजी के साथ परस्पर जुड़े हुए हैं। एसडीजी फ्रेमवर्क लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में संबंधित विभागों को उचित निर्णय के लिये आँकड़े आधारित साक्ष्य प्रदान करता है।
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