पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन | उत्तर प्रदेश | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
प्रमुख बिंदु
- सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हुआ। लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के सम्मान में उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है तथा 23 अगस्त, 2021 के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
- गौरतलब है कि कल्याण सिंह भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य ‘उत्तर प्रदेश’ के दो बार (जून 1991 से दिसंबर 1992 और सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक) मुख्यमंत्री रहे।
- कल्याण सिंह ने 2014-2019 के बीच राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया।
- उनके पहले कार्यकाल को 26 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में लंबे समय से विवादित बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिये याद किया जाता है।
10 ऑक्सीजन संयंत्रों का वर्चुअल लोकार्पण | मध्य प्रदेश | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के 10 अस्पतालों में साढ़े छह करोड़ रुपए की लागत के नव-स्थापित ऑक्सीजन संयंत्रों का वर्चुअली लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इन 10 ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 5500 एलपीएम (लीटर प्रति मिनिट) ऑक्सीजन उत्पादन की है। इन ऑक्सीजन प्लांटों के स्थापित होने से ऑक्सीजन में मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर बन जाएगा।
- इन प्लांटों को सीहोर ज़िले में आष्टा और रेहटी, विदिशा ज़िले में विदिशा और सिरोंज, खरगौन ज़िले में खरगौन और बड़वाह, सागर ज़िले में खुरई के अलावा कटनी, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर ज़िलों में स्थापित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में मार्च 2020 की स्थिति में किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट नहीं था। प्रदेश में वर्तमान में 190 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इनमें से अभी तक 68 प्लांट्स स्थापित और 65 प्लांट्स क्रियाशील किये जा चुके हैं। सितंबर माह तक शेष सभी प्लांट्स क्रियाशील हो जाएंगे।
- मध्य प्रदेश में लोकार्पित ऑक्सीजन प्लांट निम्नलिखित हैं-
लोकार्पित ऑक्सीजन प्लांट
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स्वास्थ्य संस्था
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उत्पादन क्षमता
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स्वास्थ्य संस्था
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उत्पादन क्षमता
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी, ज़िला सीहोर
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200 एलपीएम
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ज़िला चिकित्सालय, खरगौन
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250 एलपीएम
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सिविल अस्पताल आष्टा, ज़िला सीहोर
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300 एलपीएम
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सिविल अस्पताल बड़वाह, ज़िला खरगौन
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500 एलपीएम
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ज़िला चिकित्सालय, विदिशा
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1000 एलपीएम
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ज़िला चिकित्सालय, टीकमगढ़
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500 एलपीएम
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सिविल अस्पताल सिरोंज, ज़िला विदिशा
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250 एलपीएम
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ज़िला चिकित्सालय, नरसिंहपुर
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1000 एलपीएम
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ज़िला चिकित्सालय, कटनी
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1000 एलपीएम
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सिविल अस्पताल खुरई, ज़िला सागर
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500 एलपीएम
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जल प्रबंधन के लिये हरियाणा को मिला पुरस्कार | हरियाणा | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
22 अगस्त, 2021 को हरियाणा के सिंचाई और जल संसाधन विभाग को केंद्रीय जल मंत्रालय के सहयोग से ‘एनर्जी एंड एनवायरनमेंट फाउंडेशन’ द्वारा प्लैटिनम श्रेणी में ‘एनर्जी एनवायरनमेंट फाउंडेशन ग्लोबल इनोवेशन इन वॉटर टेक्नोलॉजी अवार्ड 2021’ से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान हरियाणा को यह सम्मान दिया।
- हरियाणा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता सतबीर कादियान ने बताया कि हरियाणा को यह पुरस्कार जल प्रबंधन की उत्कृष्ट योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मिला है।
- उन्होंने कहा कि राज्य की लिफ्ट नहर प्रणाली की लगातार सराहना हो रही है और इसकी जल प्रबंधन नीतियों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है।
नव घोषित ज़िला मनेंद्रगढ़ का नाम अब ‘मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर’ | छत्तीसगढ़ | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि हाल ही में घोषित चार नए ज़िलों में से एक ज़िला मनेंद्रगढ़, अब ‘मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर’ के नाम से जाना जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री बघेल ने अपने सरकारी आवास पर दो नए घोषित ज़िलों- ‘मनेंद्रगढ़’ और ‘शक्ति’ के लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
- उन्होंने कहा कि नए ज़िलों की घोषणा के पीछे प्रमुख विचार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और अन्य क्षेत्रों में तेज़ी से काम करना था।
- उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से देश का नौवाँ सबसे बड़ा राज्य है, जहाँ कई क्षेत्रों में विरल जनसंख्या है। भौगोलिक स्थिति के कारण सरकारी योजनाओं को आम जनता तक ले जाने में सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। नए ज़िलों के बनने से प्रशासन और जनता के बीच की दूरी कम होगी तथा शासन को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए राज्य में ज़िलों का पुनर्गठन कर मनेंद्रगढ़ सहित चार नए ज़िलों के गठन की घोषणा की थी।
शत-प्रतिशत टीकाकरण वाला प्रदेश का पहला ज़िला बना रायगढ़ | छत्तीसगढ़ | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2021 को राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से घोषणा की गई कि रायगढ़ छत्तीसगढ़ का पहला ज़िला बन गया है, जहाँ सभी वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज मिली है।
प्रमुख बिंदु
- एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ज़िले में टीकाकरण की पहली खुराक का लक्ष्य 20 अगस्त को पूरा कर लिया गया था, जिसकी घोषणा 21 अगस्त को की गई।
- लक्ष्य के अनुसार ज़िले में कुल जनसंख्या 16 लाख 94 हज़ार 234 में से 10 लाख 42 हज़ार 625 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई जानी थी, जिसे पूरा कर लिया गया है।
- यहाँ लक्ष्य के अनुसार 18 साल से अधिक आयु वर्ग के शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। लक्ष्य को पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग व ज़िला प्रशासन को 217 दिन लगे।
- स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से रायगढ़ पूरे प्रदेश में अग्रणी रहा है। बीते 26 जून को ज़िले में महाटीकाकरण अभियान चलाया गया था, जिसमें एक ही दिन में रिकॉर्ड 1.43 लाख से अधिक वयस्कों को टीका लगाया गया था।
स्पुतनिक-वी वैक्सीन | उत्तराखंड | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
22 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा शुरू की गई स्पुतनिक-वी टीकाकरण सेवा का उद्घाटन करते हुए राज्य में पहली बार स्पुतनिक-वी वैक्सीन को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- लॉन्च कार्यक्रम में कुल 100 लोगों को स्पुतनिक-वी वैक्सीन दी गई। ग्राफिक एरा ग्रुप के मुख्य संरक्षक आरसी घनशाला ने स्पुतनिक-वी वैक्सीन की पहली डोज ली।
- ग्राफिक एरा अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पटेल ने कहा कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन को कोविड-19 के खिलाफ 95 प्रतिशत प्रभावी घोषित किया गया है और डेल्टा संस्करण के मामले में यह टीका लगभग 83 प्रतिशत प्रभावी माना जाता है।
- कोविन ऐप पर पंजीकरण के बाद कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क पर ग्राफिक एरा अस्पताल में स्पुतनिक-वी का टीका लगवा सकता है।
- राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में बागेश्वर शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राप्त करने वाला पहला ज़िला, जबकि खिर्सू पहली खुराक का शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राप्त करने वाला पहला ब्लॉक बन गया है।
- गौरतलब है कि उत्तराखंड में अब तक 58 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 टीकाकरण की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि दोनों खुराक प्राप्त करने वालों की संख्या 18 लाख से अधिक है।
देश का सबसे ऊँचा औषधि उद्यान | उत्तराखंड | 23 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में भारत-चीन सीमा के समीप स्थित माणा गाँव में 11,000 फीट की ऊँचाई पर भारत के सबसे ऊँचे औषधि उद्यान का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान शाखा ने माणा वन पंचायत द्वारा दी गई तीन एकड़ से अधिक की ज़मीन पर उद्यान का विकास किया है। इस औषधि उद्यान में हिमालयी क्षेत्र के ऊँचाई वाले अल्पाइन क्षेत्र की औषधीय महत्त्व वाली करीब 40 प्रजातियों को सरक्षित किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट के अनुसार, इनमें से कई प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं। साथ ही राज्य जैव विविधता बोर्ड की लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में शामिल हैं।
- यह उद्यान चार वर्गों में विभाजित है। इसमें पहले वर्ग में बद्रीनाथ (भगवान विष्णु) से जुड़ी प्रजातियाँ बद्री तुलसी, बद्री बेर, बद्री वृक्ष और पवित्र वृक्ष भोजपत्र शामिल हैं।
- दूसरा वर्ग अष्टवर्ग प्रजातियों का है, जो हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली आठ जड़ी-बूटियों का समूह है। इनमें रिद्धि, वृद्धि, जीवक, ऋषभक, काकोली, क्षीर काकोली, मैदा और महा मैदा शामिल हैं, जो च्यवनप्राश की महत्त्वपूर्ण सामग्री हैं। इनमें से चार जड़ी-बूटियाँ लिली परिवार की और चार ऑर्किड परिवार की हैं।
- तीसरे वर्ग में हिम कमल की प्रजातियाँ हैं। इनमें ब्रह्म कमल भी शामिल है, जो उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है। उद्यान में हिम कमल की अन्य प्रजातियों में फेम कमल, नील कमल और कूट शामिल हैं।
- चौथे वर्ग में अतीश, मीठावीश, वनककड़ी एवं चोरू समेत अल्पाइन प्रजातियाँ हैं और ये सभी महत्त्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियाँ हैं तथा इनकी बहुत अधिक मांग रहती है।
- गौरतलब है कि माणा चीन की सीमा से लगे चमोली ज़िले में आखिरी भारतीय गाँव है और यह हिमालय पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर ‘बद्रीनाथ’ के करीब है।