उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश सरकार ने लागू की एलएडीसीएस प्रणाली
चर्चा में क्यों?
22 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता को फ्री कानूनी सहायता देने और छोटे-छोटे विवादों को समझौते के आधार पर निपटाने के लिये उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत दो वर्ष के लिये ‘कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (एलएडीसीएस)’ को लागू किया है।
प्रमुख बिंदु
- एलएडीसीएस प्रणाली में चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट काउंसिल की सेवाओं के माध्यम से आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
- आपराधिक मामलों में सार्वजनिक रक्षक प्रणाली की तर्ज पर आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जा सकेगी।
- एलएडीसीएस को लागू करने का उद्देश्य समाज के कमज़ोर और निर्बल वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये न्यायालय आधारित कानूनी सेवाओं को मज़बूत करना है।
- यह पात्र व्यक्तियों को आपराधिक मामलों में गुणात्मक और सक्षम कानूनी सेवाएँ प्रदान करेगा।
- किसी व्यक्ति द्वारा किये जा रहे अवैध व्यापार से पीड़ित इसका सीधा लाभ ले सकेगा। इसका लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्य उठा सकते हैं।
- एलएडीसीएस का लाभ लेने के लिये पात्रता -
- प्रदेश की पीड़ित की महिलाओं, बेटियाँ और बच्चे।
- दृष्टिहीनता, कुष्ठ रोग, बहरेपन, दिमागी कमज़ोरी आदि निर्योग्यता से ग्रस्त व्यक्ति एवं खानाबादोश व्यक्ति।
- सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, वर्गीय अत्याचार, बाढ़, अकाल, भूकंप अथवा औद्योगिक आपदा से पीड़ित व्यक्ति।
- औद्योगिक कामगार।
- किशोर अपचारी अर्थात् 18 वर्ष तक की आयु के बालक।
- अभिरक्षा में निरुद्ध व्यक्ति।
- सुरक्षा गृह, मानसिक अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में भर्ती मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति।
- ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3,00,000 रुपए से कम हो।
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