न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Jun 2023
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश सरकार ने लागू की एलएडीसीएस प्रणाली

चर्चा में क्यों?  

22 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता को फ्री कानूनी सहायता देने और छोटे-छोटे विवादों को समझौते के आधार पर निपटाने के लिये उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत दो वर्ष के लिये ‘कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (एलएडीसीएस)’ को लागू किया है।   

 प्रमुख बिंदु  

  • एलएडीसीएस प्रणाली में चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट काउंसिल की सेवाओं के माध्यम से आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।   
  • आपराधिक मामलों में सार्वजनिक रक्षक प्रणाली की तर्ज पर आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जा सकेगी। 
  • एलएडीसीएस को लागू करने का उद्देश्य समाज के कमज़ोर और निर्बल वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये न्यायालय आधारित कानूनी सेवाओं को मज़बूत करना है।  
  • यह पात्र व्यक्तियों को आपराधिक मामलों में गुणात्मक और सक्षम कानूनी सेवाएँ प्रदान करेगा।   
  • किसी व्यक्ति द्वारा किये जा रहे अवैध व्यापार से पीड़ित इसका सीधा लाभ ले सकेगा। इसका लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्य उठा सकते हैं।  
  • एलएडीसीएस का लाभ लेने के लिये पात्रता - 
    • प्रदेश की पीड़ित की महिलाओं, बेटियाँ और बच्चे।   
    • दृष्टिहीनता, कुष्ठ रोग, बहरेपन, दिमागी कमज़ोरी आदि निर्योग्यता से ग्रस्त व्यक्ति एवं खानाबादोश व्यक्ति।   
    • सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, वर्गीय अत्याचार, बाढ़, अकाल, भूकंप अथवा औद्योगिक आपदा से पीड़ित व्यक्ति।   
    • औद्योगिक कामगार।  
    • किशोर अपचारी अर्थात् 18 वर्ष तक की आयु के बालक।  
    • अभिरक्षा में निरुद्ध व्यक्ति।  
    • सुरक्षा गृह, मानसिक अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में भर्ती मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति।  
    • ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3,00,000 रुपए से कम हो। 

बिहार Switch to English

राष्ट्रपति ने बिहार की एएनएम गायत्री कुमारी को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया

चर्चा में क्यों?  

22 जून, 2023 को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में बिहार की शेखपुरा ज़िले के गवय गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम गायत्री कुमारी को वर्ष 2023 के लिये ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल’पुरस्कार से सम्मानित किया।   

 प्रमुख बिंदु  

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने समारोह में वर्ष 2022 एवं 2023 के लिये कुल 30 नर्सों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया है।  
  • गायत्री कुमारी को यह पुरस्कार उनके सेवा कार्यों को देखते हुए दिया गया है। इन्होने परिवार नियोजन, टीकाकरण, कोविड-19 महामारी के दौरान योद्धा के रूप में काम करने के साथ-साथ पुरुष नसबंदी के अभियान में बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है।  
  • विदित है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 1973 में संस्थापित राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार, नर्सों और नर्सिंग प्रोफेशनलों को समाज को प्रदान की गई उनकी सराहनीय सेवाओं के सम्मानस्वरूप दिया जाता है। 


राजस्थान Switch to English

चिकित्सा मंत्री ने किया पीसीटीएस मोबाइल एप लॉन्च

चर्चा में क्यों?

21 जून, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने राज्य में गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की ऑनलाईन ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग के लिये पीसीटीएस मोबाइल एप लॉन्च किया साथ ही इससे संबंधित पोस्टर का विमोचन भी किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • पीसीटीएस मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश की 53 हज़ार से ज्यादा आशाएँ मोबाइल पर उनके क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं की डे-टू-डे रिपोर्टिंग कर सकेंगी और इस कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी। 
  • चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस एप के माध्यम से राज्य की आशा सहयोगिनी बच्चों एवं महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह अपडेट रहेगी। उन्हें पता रहेगा कि किस दिन किन बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण होना है या किसी अन्य सेवा का लाभ दिया जाना है।  
  • इससे महिलाओं और बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत किया जा सकेगा और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सूचकांकों में और सुधार होगा। 
  • इस एप के माध्यम से प्रदेश की किसी भी आशा और एएनएम से विभाग के अधिकारी सीधी बात कर प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य सेवाओं की ऑनलाईन एंट्री आदि कार्य इसके माध्यम से किये जा सकेंगे।  
  • मिशन निदेशक एनएचम डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि यह एप प्रदेश की आशा सहयोगिनियों के कार्य को सुगम और प्रभावी बनाने के लिये विभाग की एक अभिनव पहल है, जिसे एनआईसी राजस्थान और डेमोग्राफर अनुभाग के माध्यम से तैयार करवाया गया है।  
  • उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डेटा एंट्री की सुविधा के अभाव के कारण इससे पूर्व आशाओं को गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के डेटा को अपने क्षेत्र की पीएचसी/सीएचसी/अन्य चिकित्सा संस्थान पर जाकर अपडेट करवाना पड़ता था, जिससे समय पर ऑनलाईन सूचना भेजने में अनावश्यक विलंब होता था। इस एप के माध्यम से रियल टाईम सूचना प्राप्त हो सकेगी। 
  • इस एप पर आशा द्वारा मासिक कार्य योजना, एएनसी, पीएनसी/एचबीएनसी, टीकाकरण, नसबंदी, अंतराल साधन की सर्विसेज की नामवार सूची, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच, प्रसव पश्चात् देखभाल, शिशु टीकाकरण, बच्चों का ग्रोथ चार्ट, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर की जानकारी संबंधी सेवाएँ उपलब्ध होगी। 
  • इनके अलावा बच्चों को 3, 6, 9, 12 व 15 माह पर दी जाने वाली एचबीवाईसी सेवाएँ, महिला की पीसीटीएस आईडी को सर्च करने की सुविधा, सुझावपरक वीडियो, आशा को आशा सॉफ्ट के माध्यम से भुगतान की गई प्रोत्साहन राशि का विवरण तथा रेफर करने हेतु नजदीकी संस्थाओं की जिओ मैपिंग के माध्यम से जानकारी की सेवाएँ उपलब्ध होगी। 
  • एप के क्रियान्वयन एवं कवरेज में प्रदेश के 14 हज़ार 843 उप स्वास्थ्य केंद्र, 214 जनता क्लिनिक, 2 हज़ार 655 पीएचसी, 769 सीएचसी, 46 ज़िला अस्पताल, 67 उप ज़िला अस्पताल, 13 सैटेलाईट अस्पताल, 141 मेडिकल कॉलेज/सिटी डिस्पेंसरी तथा 47 अन्य चिकित्सा संस्थान शामिल हैं।  
  • गौरतलब है कि पूर्व में विभाग द्वारा नवाचार के तहत वर्ष 2008 में पीसीटीएस सॉफ्टवेयर लॉन्च किया गया था। इस दौरान यह देखा गया कि वर्ष 2008 में प्रदेश की शिशु मृत्यु दर प्रति हज़ार जीवित जन्म पर 63 थी, जो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व पीसीटीएस सॉफ्टवेयर की मदद से वर्ष 2020 में घटकर 32 प्रति हज़ार जीवित जन्म रह गई। इसी प्रकार मातृ मृत्यु दर भी 318 से घटकर 113 रह गई।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान राज्य स्वर्ण रजत कला विकास बोर्ड का होगा गठन

चर्चा में क्यों?

21 जून, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य स्वर्ण रजत कला विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इसका मुख्यालय जयपुर में होगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल 3 वर्ष का रहेगा।  
  • साथ ही उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासनए सचिव/शासनए सचिव अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे।  
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी सचिव का कार्य करेंगे। 
  • बोर्ड में राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक या उनके प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।  
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा।

राजस्थान Switch to English

आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

चर्चा में क्यों?

22 जून, 2023 को ‘द एशिया एचआरडी कॉन्ग्रेस’ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के साथ मंडल द्वारा निर्मित कोचिंग हब, एआईएस रेजिडेंसी, जयपुर चौपाटी और मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिये 4 पुरस्कारों से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • जयपुर के एक 5 सितारा होटल में आयोजित भव्य समारोह में पवन अरोड़ा को व्यक्तिगत पुरस्कारों की श्रेणी में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।  
  • ‘द एशिया एचआरडी कॉन्ग्रेस’ ने कोचिंग हब को इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर, एआईएस रेजिडेंसी को बेस्ट इनोवेशन इन प्रोडक्ट डिजाइन, मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत बन रहे फ्लैट्स को डेवलपर ऑफ द ईयर (एफोर्डिंग हाउसिंग) और जयपुर चौपाटी को डेवलपर ऑफ द ईयर (रिटेल) की श्रेणी में सम्मानित किया गया है। 
  • गौरतलब है कि समारोह में सराहे गए कोचिंग हब, जयपुर चौपाटी, एआईएस रेजीडेंसी और मुख्यमंत्री जन आवास योजना इससे पूर्व भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खासी चर्चित रह चुके हैं।  
  • प्रताप नगर और मानसरोवर में स्थापित चौपाटी के लजीज क्यूजीन और व्यंजनों के तो शहरवासी दीवाने हैं। चौपाटियों के शुरुआती 5 महीनों में अधिकतम फुटफाल के लिये तो दो अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। चौपाटियों पर चलने वाला लाइव बैंड के आगंतुक खासे मुरीद हैं।  
  • प्रताप नगर में बना कोचिंग हब देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहाँ अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन में निजी कोचिंग संस्थान एक साथ संचालित होने को हैं।  
  • मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत बने आवास भी गुणवत्ता और सुविधाओं के मामले में हर स्तर पर खरे उतरते हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया सर्विस (एआईएस) रेजिडेंसी देश की एकमात्र अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रेजिडेंसी है, जिसे कई बार राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा चुका है। 
  • उल्लेखनीय है कि आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा की अगुवाई में पिछले चार वर्षों में मंडल को कुल 27 अवार्ड मिल चुके हैं। इनमें मकान विक्रय में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, स्कॉच अवार्ड-2021, अवार्ड ऑफ एक्सीलेंसी, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा सम्मान, नेशनल हाउसिंग अवार्ड, आई.बी.सी और ‘स्टार ऑफ गवर्नेंस-गोल्ड अवार्ड’ और नरेडको द्वारा दिये ‘रियल एस्टेट कॉन्क्लेव’, ‘ओएमजी-बुक ऑफ रिकार्डस’जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड शामिल हैं। 


राजस्थान Switch to English

नीरज तंबोलिया ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड -2022’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?  

22 जून, 2023 को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में जयपुर स्थित जे.के. लोन अस्पताल में कार्यरत सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नीरज तंबोलिया को नर्सिंग क्षेत्र में उनके समर्पण और उत्कृष्ट सेवाभाव के लिये ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड-2022’ से सम्मानित किया। 

 प्रमुख बिंदु  

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने समारोह में वर्ष 2022 एवं 2023 के लिये कुल 30 नर्सों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया है।  
  • जे.के. लोन अस्पताल में कार्यरत सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नीरज तंबोलिया ने अपने 31 वर्ष के सेवाकाल के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन काम किया है। उन्हें रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को बचाने, आईसीयू में शार्ट सर्किट से लगी आग से रोगियों को निकालने में तथा कोरोना के दौरान रोगियों को निस्वार्थ सेवाभाव और साहस के साथ बचाने के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा के कार्यों में अनवरत सहयोग देने के लिये राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड 2022 दिया गया है। 
  • विदित है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 1973 में संस्थापित राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार नर्सों और नर्सिंग प्रोफेशनलों को समाज को प्रदान की गई उनकी सराहनीय सेवाओं के सम्मानस्वरूप दिया जाता है। 


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश में हर वाइब्रेंट विलेज में बनेगा हेलीपैड

चर्चा में क्यों?

21 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के सीमांत जिलों में प्रत्येक वाइब्रेंट विलेज में हेलीपैड बनाया जाएगा। साथ ही इन गांवों में ब्रैकफास्ट टूरिज़्म को बढ़ावा दिया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तरकाशी और चमोली के जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना बनाने के निर्देश दिए। 
  • राज्य सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी अपने जिलों में वाइब्रेंट विलेज में जाकर देखें कि किन-किन सेवाओं की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज के तहत क्षेत्र में अटल स्कूलों की शुरुआत की जाए। पर्यटन की दृष्टि से इन गांवों में और क्या-क्या गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं, इस दिशा में भी कार्य किया जाए। 
  • उन्होंने वाइब्रेंट विलेज के लिये योजनाओं को प्राथमिकता पर लेने के निर्देश देते हुए  कहा कि इन गांवों में बिजली, पानी, सड़क, अस्पताल आदि की उपलब्धता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। 
  • मुख्य सचिव ने कहा कि इन गाँवों के लिये योजनाएँ इस प्रकार से तैयार की जाएँ कि स्थानीय लोगों को रोज़गार प्राप्त हो सके। इन क्षेत्रों में बुग्याल और ट्रैकिंग रूट्स को विकसित कर क्षेत्रवासियों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कौशल विकास विभाग को, क्षेत्र के युवाओं को कई ट्रेड्स में निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करने के भी निर्देश दिये।


उत्तराखंड Switch to English

राष्ट्रपति ने सैन्य नर्सिंग सेवा की मेजर जनरल स्मिता देवरानी और ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया

चर्चा में क्यों?  

22 जून, 2023 को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, जो सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) की अपर महानिदेशक (एडीजी) मेजर जनरल स्मिता देवरानी और दक्षिणी कमान मुख्यालय ब्रिगेडियर एमएनएस, ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को क्रमश: वर्ष 2022 एवं 2023 के लिये राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया।   

 प्रमुख बिंदु  

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने समारोह में वर्ष 2022 एवं 2023 के लिये कुल 30 नर्सों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किया है।  
  • उत्तराखंड के कोटद्वार ज़िले की रहने वाली देवरानी बहनों को दिया गया पुरस्कार उनके लगभग चार दशकों के उल्लेखनीय योगदान और सेवा के लिये एक उपयुक्त सम्मान है। 
  • इनके अलावा राष्ट्रपति ने उत्तराखंड की ही मंजू कैरा को वर्ष 2022 के लिये राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित किया।   
  • विदित है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 1973 में संस्थापित राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार नर्सों और नर्सिंग प्रोफेशनलों को समाज को प्रदान की गई उनकी सराहनीय सेवाओं के सम्मानस्वरूप दिया जाता है।  
  • मेजर जनरल स्मिता देवरानी को 1983 में एमएनएस में कमीशन किया गया था। 01 अक्तूबर, 2021 को एडीजी एमएनएस का कार्यभार सँभालने से पूर्व, वह आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) की प्रिंसिपल मैट्रन, ब्रिगेडियर एमएनएस, मुख्यालय (मध्य कमान); प्रिंसिपल मैट्रन, कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमांड) और निदेशक एमएनएस (प्रशासन) जैसी विभिन्न प्रमुख नैदानिक, कर्मचारी और प्रशासनिक पदों पर रहीं।   
  • ब्रिगेडियर अमिता देवरानी को 1986 में सेवा में कमीशन किया गया था। उन्होंने 01 सितंबर, 2021 को दक्षिणी कमान के ब्रिगेडियर एमएनएस का अपना वर्तमान पदभार ग्रहण किया। इससे पूर्व, उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग;  आर्मी हॉस्पिटल, रिसर्च एंड रेफरल कॉलेज ऑफ नर्सिंग और इंडियन नेवल हॉस्पिटल शिप (आईएनएचएस) अश्विनी के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वाइस प्रिंसिपल जैसे विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।  


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2