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सौर कृषि आजीविका योजना (स्काय) के अंतर्गत 1 लाख सोलर पंप होंगे स्थापित
चर्चा में क्यों?
22 जून, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट-सी (फीडर लेवल सोलराइज़ेशन) के तहत सौर कृषि आजीविका योजना (स्काय) पर आयोजित समीक्षा बैठक में योजना के अंतर्गत 1 लाख सोलर पंप स्थापित करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव ने योजना के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये 33/11 केवी जीएसएस की प्रस्तावित संख्या को 80 से और अधिक बढ़ाने के निर्देश भी दिये।
- बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर आत्माराम सावंत ने बताया कि प्रस्तावित स्काय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये एक पोर्टल शीघ्र शुरू किया जाएगा, जिसके माध्यम से पंजीकरण कर किसान अपनी ज़मीन को जीएसएस स्थापित करने हेतु 25 साल तक के लिये लीज किराए पर दे सकेंगे।
- उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक विकासकर्त्ता भी ज़मीन का चयन कर सकेंगे और सोलर ऊर्जा प्लांट का निर्माण कर सकेंगे। टोंक में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4.24 मेगावाट का कार्य अवार्ड किया गया है, जिसके तहत 656 किसानों को सोलर ऊर्जा मिलेगी।
- स्काय योजना के प्रमुख फीचर्स हैं-
- किसान को ज़मीन के लिये आकर्षक लीज़ मनी दी जाएगी।
- किसानों को 8 लाख रुपए तक की ज़मीन (डीएलसी रेट के अनुसार) पर 80 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर वार्षिक लीज़ किराया।
- 20 लाख रुपए से अधिक की ज़मीन पर 1 लाख 60 हज़ार रुपए तक का प्रति हेक्टेयर लीज़ किराया।
- हर दो साल में लीज़ किराया में 5 प्रतिशत की वृद्धि।
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1 जुलाई से राजकीय कार्यालयों में एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुएँ प्रतिबंधित
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने सभी राजकीय कार्यालयों में 1 जुलाई से एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि प्रतिबंधित वस्तुओं में सभी प्रकार के प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक/थर्माकोल (पॉलीस्टाइरीन) डिस्पोजेबल कटलरी, जैसे- कटोरे, ट्रे, कंटेनर आदि, जिनका उपयोग खाने योग्य/पेय परोसने के लिये किया जाता है तथा कृत्रिम फूल, बैनर, झंडे, फूलदान व पेट बोतलें शामिल हैं।
- आदेश में बताया गया है कि कोई भी सरकारी कार्यालय उपर्युक्त एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग नहीं करेगा और कंपोस्टेबल प्लास्टिक, बायो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक, प्राकृतिक कपड़े, पुनर्चक्रित कागज़ सामग्री आदि जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकता है, जिनका पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
- विभाग ने वर्तमान आदेश पूर्व में लागू किये गए नियमों के क्रम में जारी किया है। आदेश में बताया गया है कि प्लास्टिक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2016 को पर्यावरण को अनुकूल तरीके से प्लास्टिक के प्रबंधन के लिये अधिसूचित किया गया है।
- इन नियमों के प्रावधानों का पालन करने के लिये राज्य सरकार ने 21 जुलाई, 2010 को राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 12 अगस्त, 2021 को एक अधिसूचना जारी कर निर्धारित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित कर दिया है।
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जोधपुर व डूँगरपुर ज़िले के 1-1 राजकीय विद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर और डूँगरपुर ज़िले के 1-1 राजकीय विद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर ज़िले की सैखाला पंचायत समिति के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, गिलाकौर का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री मंगल सिंह के नाम पर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
- इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने डूँगरपुर ज़िले की झौथरी पंचायत समिति के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, करावाड़ा का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री धुलजी भाई वर्मा के नाम पर करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले वीर सेनानियों के त्याग, बलिदान, संघर्ष एवं जीवन आदर्शों से युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सकेगी।
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एमएसएमई के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये करौली ज़िले को मिला देश में दूसरा स्थान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय एमएसएमई अवार्ड-2022 में राजस्थान के करौली ज़िले को ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट’ की श्रेणी में दूसरा स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के उप-निदेशक जनरल डी.पी. श्रीवास्तव ने करौली ज़िला कलेक्टर को पत्र के माध्यम से यह सूचना देते हुए बताया कि ज़िले को यह अवार्ड एमएसएमई सेक्टर के विकास तथा प्रमोशन में बेहतरीन योगदान देने के लिये दिया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत यह पुरस्कार जल्द ही एक समारोह आयोजित कर दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य के सिरोही, धौलपुर, जैसलमेर और करौली ज़िलों को ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट’ कार्यक्रम के तहत चयन किया जा चुका है, जिनमें से करौली ज़िले ने बेहतरीन कार्य के लिये दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
- ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ कार्यक्रम भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके ज़रिये देश के प्रगतिशील ज़िलों को क्षेत्र विशेष में उल्लेखनीय कार्य के लिये सम्मानित किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार उद्यमिता (विनिर्माण और सेवा), उत्पाद की गुणवत्ता, नवाचार, निर्यात और विनिर्माण तकनीकों के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करने के लिये 1983 में स्थापित किये गए थे।
- राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को अपने लेटर हेड में पुरस्कार के प्रतीक चिह्न का उपयोग करने का अधिकार मिलता और उनके कर्मचारी इस प्रतीक चिह्न वाले लेबल, पिन, टाई या अन्य विशिष्ट तरह के बैज पहन सकते हैं।
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