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स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Jun 2022
  • 1 min read
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बिहार Switch to English

किसानों को गेहूँ-धान खरीद पर 10 हज़ार करोड़ रुपए की गारंटी देगी बिहार सरकार

चर्चा में क्यों? 

21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार के किसानों को गेहूँ और धान की खरीद पर 10 हज़ार करोड़ रुपए की गारंटी देने के फैसले को मंज़ूरी दे दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • वित्तीय वर्ष 2022-23 में गेहूँ और धान की खरीद के लिये राज्य सरकार 10 हज़ार करोड़ रुपए की गारंटी देगी। यह गारंटी कॉमर्शियल बैंकों, नाबार्ड जैसे संस्थानों से कर्ज़ लेने पर मिलेगी।   
  • बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को क्रियाशील पूँजी के रूप में विभिन्न वित्तीय संस्थानों से त्रैमासिक ब्याज दर पर लिये जाने वाले कर्ज़ हेतु 10 हज़ार करोड़ रुपए की राजकीय गारंटी देने की मंज़ूरी कैबिनेट ने दी है।  
  • बैठक में 13 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। कैबिनेट ने कृषि यांत्रिकीकरण योजना के लिये इस साल 94 करोड़ 5 लाख 54 हज़ार रुपए खर्च करने की मंज़ूरी दी। इसके तहत राज्य के किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी तक अनुदान मिलेगा।   
  • राज्य सरकार पराली प्रबंधन से जुड़े हैपी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्र बेलर, रीपर-कम-बाइंडर जैसे यंत्रों पर अनुदान के लिये 31 करोड़ रुपए खर्च करेगी। 

बिहार Switch to English

पढ़ाई और रोज़गार करने वाले दिव्यांगों को मिलेगी बैट्री से चलने वाली ट्राईसाइकिल

चर्चा में क्यों? 

21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पढ़ाई और रोज़गार करने वाले दिव्यांगों को बैट्री से चलने वाली ट्राईसाइकिल देने का फैसला लिया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट ने सीएम दिव्यांगजन सशक्तीकरण छात्र योजना के तहत संचालित संबल योजना के अंतर्गत यह मंज़ूरी दी है।   
  • बिहार सरकार मौज़ूदा वित्त वर्ष में राज्य भर में दिव्यांगों को 10 हज़ार बैट्रीचालित ट्राईसाइकिल का वितरण करेगी। ये ट्राईसाइकिलपहले आओ, पहले पाओके आधार पर दिव्यांगों को बाँटी जाएंगी।   
  • दिव्यांगों को बैट्री ट्राईसाइकिल के लिये पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता में गठित कमिटी योग्य लाभार्थियों का चयन करेगी। इस योजना के लिये 42 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई है।   
  • अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि ग्रेजुएशन और इसके ऊपर की पढ़ाई कर रहे दिव्यांग विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। विद्यार्थी अपने घर या हॉस्टल से लंबी दूरी तय करके बैट्रीचालित ट्राईसाइकिल के ज़रिये आसानी से कॉलेज-यूनिवर्सिटी जा सकेंगे।   
  • इसके साथ ही बिहार में ही रहकर रोज़गार से जुड़े दिव्यांगों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, ताकि वे बैट्री ट्राईसाइकिल का इस्तेमाल करके अपने परिवार का पेट पाल सकें।   
  • इस योजना के तहत लाभार्थी का बिहार का निवासी होना ज़रूरी है। शर्त यह है कि वह राज्य में ही रहकर पढ़ाई या रोज़गार कर रहा हो। लाभार्थी के परिवार की सालाना आय 2 लाख रुपए से ज़्यादा नहीं होनी चाहिये। 17 साल या उससे ऊपर के 60 फीसदी दिव्यांगों को इसका लाभ मिलेगा। 

राजस्थान Switch to English

सौर कृषि आजीविका योजना (स्काय) के अंतर्गत 1 लाख सोलर पंप होंगे स्थापित

चर्चा में क्यों? 

22 जून, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट-सी (फीडर लेवल सोलराइज़ेशन) के तहत सौर कृषि आजीविका योजना (स्काय) पर आयोजित समीक्षा बैठक में योजना के अंतर्गत 1 लाख सोलर पंप स्थापित करने के निर्देश दिये। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव ने योजना के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये 33/11 केवी जीएसएस की प्रस्तावित संख्या को 80 से और अधिक बढ़ाने के निर्देश भी दिये 
  • बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर आत्माराम सावंत ने बताया कि प्रस्तावित स्काय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये एक पोर्टल शीघ्र शुरू किया जाएगा, जिसके माध्यम से पंजीकरण कर किसान अपनी ज़मीन को जीएसएस स्थापित करने हेतु 25 साल तक के लिये लीज किराए पर दे सकेंगे।  
  • उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक विकासकर्त्ता भी ज़मीन का चयन कर सकेंगे और सोलर ऊर्जा प्लांट का निर्माण कर सकेंगे। टोंक में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4.24 मेगावाट का कार्य अवार्ड किया गया है, जिसके तहत 656 किसानों को सोलर ऊर्जा मिलेगी।  
  • स्काय योजना के प्रमुख फीचर्स हैं 
    • किसान को ज़मीन के लिये आकर्षक लीज़ मनी दी जाएगी। 
    • किसानों को 8 लाख रुपए तक की ज़मीन (डीएलसी रेट के अनुसार) पर 80 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर वार्षिक लीज़ किराया 
    • 20 लाख रुपए से अधिक की ज़मीन पर 1 लाख 60 हज़ार रुपए तक का प्रति हेक्टेयर लीज़ किराया 
    • हर दो साल में लीज़ किराया में 5 प्रतिशत की वृद्धि। 

राजस्थान Switch to English

1 जुलाई से राजकीय कार्यालयों में एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुएँ प्रतिबंधित

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में राजस्थान सरकार ने सभी राजकीय कार्यालयों में 1 जुलाई से एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। पर्यावरण जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गए हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • पर्यावरण जलवायु परिवर्तन के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि प्रतिबंधित वस्तुओं में सभी प्रकार के प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक/थर्माकोल (पॉलीस्टाइरीन) डिस्पोजेबल कटलरी, जैसे- कटोरे, ट्रे, कंटेनर आदि, जिनका उपयोग खाने योग्य/पेय परोसने के लिये किया जाता है तथा कृत्रिम फूल, बैनर, झंडे, फूलदान पेट बोतलें शामिल हैं।
  • आदेश में बताया गया है कि कोई भी सरकारी कार्यालय उपर्युक्त एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग नहीं करेगा और कंपोस्टेबल प्लास्टिक, बायो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक, प्राकृतिक कपड़े, पुनर्चक्रित कागज़ सामग्री आदि जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकता है, जिनका पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।  
  • विभाग ने वर्तमान आदेश पूर्व में लागू किये गए नियमों के क्रम में जारी किया है। आदेश में बताया गया है कि प्लास्टिक अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2016 को पर्यावरण को अनुकूल तरीके से प्लास्टिक के प्रबंधन के लिये अधिसूचित किया गया है।   
  • इन नियमों के प्रावधानों का पालन करने के लिये राज्य सरकार ने 21 जुलाई, 2010 को राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है।
  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 12 अगस्त, 2021 को एक अधिसूचना जारी कर निर्धारित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित कर दिया है।

राजस्थान Switch to English

जोधपुर व डूँगरपुर ज़िले के 1-1 राजकीय विद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर

चर्चा में क्यों? 

21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर और डूँगरपुर ज़िले के 1-1 राजकीय विद्यालय का नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर ज़िले की सैखाला पंचायत समिति के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, गिलाकौर का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री मंगल सिंह के नाम पर करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।   
  • इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने डूँगरपुर ज़िले की झौथरी पंचायत समिति के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, करावाड़ा का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री धुलजी भाई वर्मा के नाम पर करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया।  
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले वीर सेनानियों के त्याग, बलिदान, संघर्ष एवं जीवन आदर्शों से युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सकेगी।  

राजस्थान Switch to English

एमएसएमई के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये करौली ज़िले को मिला देश में दूसरा स्थान

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में राष्ट्रीय एमएसएमई अवार्ड-2022 में राजस्थान के करौली ज़िले कोएस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्टकी श्रेणी में दूसरा स्थान मिला है। 

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के उप-निदेशक जनरल डी.पी. श्रीवास्तव ने करौली ज़िला कलेक्टर को पत्र के माध्यम से यह सूचना देते हुए बताया कि ज़िले को यह अवार्ड एमएसएमई सेक्टर के विकास तथा प्रमोशन में बेहतरीन योगदान देने के लिये दिया जाएगा।   
  • उन्होंने बताया कि आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत यह पुरस्कार जल्द ही एक समारोह आयोजित कर दिया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि राज्य के सिरोही, धौलपुर, जैसलमेर और करौली ज़िलों कोएस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्टकार्यक्रम के तहत चयन किया जा चुका है, जिनमें से करौली ज़िले ने बेहतरीन कार्य के लिये दूसरा स्थान प्राप्त किया है।  
  • एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्सकार्यक्रम भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके ज़रिये देश के प्रगतिशील ज़िलों को क्षेत्र विशेष में उल्लेखनीय कार्य के लिये सम्मानित किया जाता है।  
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार उद्यमिता (विनिर्माण और सेवा), उत्पाद की गुणवत्ता, नवाचार, निर्यात और विनिर्माण तकनीकों के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करने के लिये 1983 में स्थापित किये गए थे।  
  • राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को अपने लेटर हेड में पुरस्कार के प्रतीक चिह्न का उपयोग करने का अधिकार मिलता और उनके कर्मचारी इस प्रतीक चिह्न वाले लेबल, पिन, टाई या अन्य विशिष्ट तरह के बैज पहन सकते हैं।  

मध्य प्रदेश Switch to English

एशियन पॉवरलिफ्टिंग में राज्य के शैलेंद्र व तुषार ने जीता स्वर्ण एवं रजत पदक

चर्चा में क्यों? 

17 से 21 जून, 2022 तक कोयंबटूर में आयोजित सीनियर एशियन पॉवरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में भोपाल के पॉवरलिफ्टर शैलेंद्र सेवतिया और तुषार कदम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को स्वर्ण और रजत पदक दिलाया। 

प्रमुख बिंदु 

  • प्रतियोगिता के 74 किग्रा. भार वर्ग में शैलेंद्र सेवतिया ने स्क्वाट स्पर्धा में 280 किग्रा., बेंचप्रेस में 185 किग्रा. और डेडलिफ्ट में 275 किग्रा., इस प्रकार कुल 740 किग्रा. भार उठाकर देश को स्वर्ण पदक दिलाया।  
  • इसी प्रकार प्रतियोगिता के 66 किग्रा. भार वर्ग में भोपाल के पॉवर लिफ्टर तुषार कदम ने स्क्वाट में 240 किग्रा., बेंचप्रेस में 155 किग्रा. और डेडस्किट स्पर्धा में 230 किग्रा., इस तरह कुल 625 किग्रा. वज़न उठाकर देश को रजत पदक दिलाया। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के गुणवत्ता परीक्षण के लिये 5 प्रयोगशाला स्थापित

चर्चा में क्यों? 

हाल ही मेंछत्तीसगढ़ हर्बल्सब्रॉन्ड के तहत उत्पादित किये जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये राज्य में 5 गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा हाल ही में आयोजित कार्यक्रम में इसका शुभारंभ किया गया थाइन प्रयोगशालाओं के संचालन का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जाएगा।
  • वन वृत्त स्तर पर रायपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, कांकेर तथा बिलासपुर में स्थापित इन प्रयोगशालाओं में परीक्षण उपरांत प्राथमिक तौर पर उत्पादों की गुणवत्ता संबंधी प्रमाण-पत्र जारी किये जाएंगे। इससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों के विक्रय को देश तथा देश के बाहर और बढ़ावा मिलेगा।   
  • प्रयोगशाला में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप 65 लघु वनोपज एवं 59 औषधीय, 46 खाद्य, 7 कॉस्मेटिक तथा अन्य 22 उत्पादों का परीक्षण किया जाएगा। इनमें संबंधित वृत्त के अंतर्गत आने वाले सभी ज़िला यूनियन तथा वन-धन विकास केंद्रों के उत्पादों का परीक्षण होगा।   
  • गौरतलब है कि राज्य में लघु वनोपजों के प्रसंस्करण में 8 हज़ार 11 स्व-सहायता समूह के सदस्य कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा तैयार किये गए उत्पादों के विपणन के लिये यह आवश्यक है कि समय-समय पर इनकी गुणवत्ता तथा घटकों का परीक्षण मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाए।   
  • छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज, हर्बल उत्पाद एवं हर्बल औषधि के परीक्षण के लिये पर्याप्त प्रयोगशाला नहीं थीं, इसे ध्यान में रखते हुए इन प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है। 

उत्तराखंड Switch to English

15वीं एवं 16वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कॉन्ग्रेस का शुभारंभ

चर्चा में क्यों? 

22 जून, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राफिक एरा में आयोजित 15वीं एवं 16वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कॉन्ग्रेस का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कॉन्ग्रेस और उत्तराखंड के बहुमूल्य उत्पादों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया।   
  • गौरतलब है कि गत वर्ष कोरोना महामारी के कारण साइंस कॉन्ग्रेस का आयोजन नहीं हो पाया था, इसलिये यूकास्ट (UCOST) द्वारा 15वीं एवं 16वीं साइंस कॉन्ग्रेस का साझा आयोजन किया गया।   
  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौज़ूद वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से संकल्प को शक्ति बनाकरविकल्प रहित संकल्पके ध्येय वाक्य के साथ आगे बढ़ें। 
  • उन्होंने कहा कि साल 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लियेविज्ञान एवं प्रौद्योगिकीके क्षेत्र से जुड़े सभी वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों के सुझाव आमंत्रित हैं।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में तीन रोपवे परियोजनाओं को हरी झंडी

चर्चा में क्यों? 

21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 17वीं बैठक में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और चंडीदेवी रोपवे परियोजनाओं को मंज़ूरी दे दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में इन तीन महत्त्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंज़ूरी के साथ ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजने का अनुमोदन किया गया।   
  • इसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ 13 किमी. रोपवे परियोजना के तहत 26.43 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की जानी है, जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड तक करीब 12.5 किमी. रोपवे परियोजना के लिये 27.4782 हेक्टेयर वन भूमि और हरिद्वार में हरकी पैड़ी से चंडीदेवी तक रोपवे परियोजना के लिये 0.29 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की जानी है।  
  • बैठक में उत्तरकाशी ज़िले में संरक्षित वन क्षेत्र में पड़ने वाले रॉकी नॉव से मुलिग्ला तक ऑपरेशनल ट्रैक निर्माण और सुगमा वाई जंक्शन से थांगला-दो तक ऑपरेशनल ट्रैक निर्माण के लिये भी क्रमश: 7.20 हेक्टेयर और 3.4214 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण को मंज़ूरी दी गई।   
  • बैठक में अल्मोड़ा ज़िले के तहत बनने वाले चार मोटर मार्गों के लिये भी भूमि हस्तांरण का अनुमोदन किया गया। हरिद्वार में बनने वाली रिंग रोड के लिये 48.895 हेक्टेयर और जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिये 400.89 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव भी अनुमोदन के बाद नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा।   
  • वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना, विद्युत, हाइड्रो, उप-खनिज चुगान, औद्योगिक विकास के प्रस्तावों पर चर्चा के बाद अनुमोदन किया गया।।  
  • बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन उत्कृष्टता केंद्र और वन्यजीव स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र की प्रदेश में स्थापना की जाएगी। इसके अलावा स्थानीय समुदायों के सहयोग से प्राइमरी रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा, जो वन वन्यजीव संरक्षण के साथ ही वनाग्नि को रोकने पर भी काम करेंगी।    
  • टाइगर रिज़र्व, संरक्षित क्षेत्र अन्य पर्यटन वन क्षेत्रों में पर्यटकों के बर्ताव के संबंध में गाईडलाइन बनाई जाएगी, ताकि स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सके। 

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