मुख्यमंत्री ने पन्ना गौरव दिवस पर ‘जुगल किशोर सरकार लोक’बनाने की घोषणा की | मध्य प्रदेश | 23 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल की जयंती पर पन्ना गौरव दिवस के आयोजन में उज्जैन के ‘महाकाल लोक’की तर्ज पर पन्ना में ‘जुगल किशोर सरकार लोक’बनाए जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- स्थानीय छत्रसाल स्टेडियम में हुए गौरव दिवस समारोह में पन्ना को पवित्र धार्मिक नगरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जुगल किशोर सरकार लोक में चारों मंदिर परिसर सम्मिलित किये जाएंगे। जुगल किशोर लोक सुझाव और सलाह लेकर बनाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने लोगों को महाराजा छत्रसाल से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने के उद्देश्य से धर्मसागर तालाब में उनकी प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।
- गौरव दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने पन्ना ज़िले के विकास के लिये 178 करोड़ 51 लाख रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया।
- मुख्यमंत्री ने जन-प्रतिनिधियों की माँग पर कहा कि जब 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों/ज़िलेों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का फैसला होगा, तब उसमें पन्ना को भी शामिल किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में कृषि महाविद्यालय की मांग की गई थी, बाद में उसे तत्कालीन सरकार द्वारा अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसे अब पन्ना में पुन: वापस लाया गया है।
- गौरतलब है कि मध्यकालीन राजपूत योद्धा महाराजा छत्रसाल बुंदेला (4 मई, 1649-20 दिसम्बर, 1731) भारत के मध्ययुग के एक महान प्रतापी योद्धा थे। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को युद्ध में पराजित करके बुंदेलखंड में अपना स्वतंत्र हिन्दू राज्य स्थापित किया और ‘महाराजा’की पदवी प्राप्त की।
- महाराजा छत्रसाल का जन्म राजपूत परिवार में हुआ था और वे ओरछा के रुद्र प्रताप सिंह के वंशज थे। वे अपने समय के महान वीर, संगठक, कुशल और प्रतापी राजा थे। उनका जीवन मुगलों की सत्ता के खिलाफ संघर्ष और बुंदेलखंड की स्वतंत्रता स्थापित करने के लिये जूझते हुए निकला।
एच.एम.आई. तकनीक से ऊर्जीकृत हुआ प्रदेश में पहला 220 के.व्ही. स्तर का पॉवर ट्रांसफार्मर | मध्य प्रदेश | 23 May 2023
चर्चा में क्यों?
22 मई, 2023 को एमपी ट्रांसको (मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी) के मुख्य अभियंता अतुल जोशी ने बताया कि कंपनी ने नवाचार करते हुए प्रदेश में पहली बार 220 के.व्ही. वोल्टेज स्तर पर 160 एम.व्ही.ए. क्षमता का पॉवर ट्रांसफॉर्मर स्काडा नियंत्रण कक्ष जबलपुर से एच.एम.आई. (ह्यूमन मशीन इंटरफेस) तकनीक के सहारे रिमोट से ऊर्जीकृत किया है।
प्रमुख बिंदु
- एमपी ट्रांसको में इस एडवांस्ड टेक्नोलोजी का उपयोग अभी तक नये 132 के.व्ही. वोल्टेज स्तर के सब स्टेशनों और 132 के.व्ही. की लाइनों में सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जो रिमोट से ऊर्जीकृत किये गए हैं।
- यह पहली बार है जब 220 के.व्ही. वोल्टेज स्तर पर इस तकनीक का उपयोग कर 160 एम.व्ही.ए. जैसा अति-संवेदनशील उपकरण रिमोट से ऊर्जीकृत किया गया है।
- जबलपुर नयागाँव स्थित 220 के.व्ही. सब स्टेशन में लगभग 6 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से स्थापित नए 160 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर को इस टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कर ऊर्जीकृत किया गया है।
- इस ट्रांसफार्मर के ऊर्जीकृत होने से महाकौशल क्षेत्र की पारेषण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। महाकौशल क्षेत्र के 8 ज़िलों में मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी अपने 58 सब स्टेशनों से विद्युत पारेषण करती है, जिसमें 400 के.व्ही. के दो सब स्टेशन 220 के.व्ही. के 9 सब स्टेशन तथा 132 के.व्ही. के 47 सब स्टेशन शामिल हैं।
- इनमें 400 के.व्ही. साइड 830 एम.व्ही.ए., 220 के.व्ही. साइड 3660 एम.व्ही.ए. तथा 132 के.व्ही. साइड 4607 एम.व्ही.ए. इस प्रकार कुल 9097 एम.व्ही.ए. की ट्रांसफारमेशन कैपेसिटी विद्यमान है।
- महाकौशल क्षेत्र के नरसिंहपुर, दमोह, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और कटनी ज़िलों को अब आवश्यकता पड़ने पर जबलपुर से तकरीबन 50 मेगावाट की अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय है कि जबलपुर के इस सब स्टेशन में अमरकंटक, बिरसिंहपुर, बरगी विद्युत उत्पादन केंद्रों के अलावा पॉवर ग्रिड से विद्युत का पारेषण होता है।
- ह्यूमन मशीन इंटरफेस तकनीक में मानव और कंप्यूटर मशीनों का उपयोग कर रिमोट से उपकरणों को नियंत्रित किया जाता है। एमपी ट्रांसको के प्रदेश में क्रियाशील 3 स्काडा कंट्रोल सेंटर में एडीएमएस के सहारे इस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- विदित है कि एमपी ट्रांसको ने पूर्व में भी अपने सिस्टम में अनेक नवाचार किये हैं। इसमें देश में सर्वप्रथम स्टेट लोड डिस्पेच सिस्टम में साइबर सिक्यूरिटी सिस्टम लागू करना, स्काडा प्रणाली लागू करना, ट्रांसमिशन लाइनों की ड्रोन से पेट्रोलिंग, 400 के.व्ही. के सब स्टेशनों को रिमोट से संचालित करने की योजना जैसे नवाचार शामिल हैं।