हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाएगी | हरियाणा | 23 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ गतिरोध के बीच अंबाला ज़िले में हरियाणा पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों की संपत्ति कुर्क करके तथा बैंक खाते ज़ब्त करके की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- दिल्ली कूच को लेकर किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की लगातार किसान संगठनों द्वारा कोशिश की जा रही है और रोज़ाना पुलिस प्रशासन पर पथराव कर अशांति फैलाकर कानून व्यवस्था को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
- यदि आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया जाता है, तो लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 (PDPP अधिनियम) में संशोधन किया गया है।
- सर्वोच्च न्यायालय के प्रावधानों के तहत, आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले या आंदोलन का आह्वान करने वाले लोगों और उस संगठन के पदाधिकारियों को किसी भी नुकसान के लिये ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।
- हरियाणा लोक प्रशासन संपत्ति वसूली अधिनियम, 2021 के अनुसार, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की स्थिति में, नुकसान पहुँचाने वाले व्यक्ति की संपत्ति कुर्क करके और बैंक खाते ज़ब्त करके सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान है।
- पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 की कार्रवाई की है।
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984
- इस अधिनियम के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को दुर्भावनापूर्ण कृत्य द्वारा नुकसान पहुँचाता है तो उसे पाँच साल तक की जेल अथवा जुर्माना या दोनों सज़ा से दंडित किया जा सकता है। इस कानून के प्रावधानों को भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के साथ जोड़ा जा सकता है।
- इस अधिनियम के अनुसार लोक संपत्तियों में निम्नलिखित को शामिल किया गया है- कोई ऐसा भवन या संपत्ति जिसका प्रयोग जल, प्रकाश, शक्ति या उर्जा के उत्पादन और वितरण में किया जाता है, तेल संबंधी प्रतिष्ठान, खान या कारखाना, सीवेज संबंधी कार्यस्थल, लोक परिवहन या दूर-संचार का कोई साधन या इस संबंध में उपयोग किया जाने वाला कोई भवन, प्रतिष्ठान तथा संपत्ति आदि।
हरियाणा लोक प्रशासन संपत्ति वसूली अधिनियम, 2021
- विधेयक में दंगों और हिंसक अव्यवस्था सहित वैध या गैरकानूनी, किसी सभा द्वारा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान व्यक्तियों द्वारा की गई संपत्तियों के नुकसान की वसूली का प्रावधान है।
- यह पीड़ितों को मुआवज़ा भी सुनिश्चित करता है।
- वसूली न केवल हिंसा में शामिल लोगों से की जाएगी, बल्कि विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों, आयोजकों, इसकी योजना में शामिल लोगों और प्रोत्साहन प्रदान करने वालों तथा प्रतिभागियों से भी की जाएगी।
- दायित्व निर्धारित करने, क्षति का आकलन करने और मुआवज़ा देने के लिये दावा न्यायाधिकरण के गठन का प्रावधान है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980
- NSA सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिये वर्ष 1980 में बनाया गया एक निवारक निरोध कानून है।
- निवारक निरोध कानून भविष्य में किसी व्यक्ति को अपराध करने से रोकने और/या भविष्य में अभियोजन से बचने के लिये उसे हिरासत में लेना है।
- संविधान का अनुच्छेद 22 (3) (b) राज्य को सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के कारणों से निवारक निरोध तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध की अनुमति देता है।
- अनुच्छेद 22(4) में कहा गया है कि निवारक नज़रबंदी का प्रावधान करने वाला कोई भी कानून किसी व्यक्ति को तीन महीने से अधिक की अवधि के लिये हिरासत में रखने का अधिकार नहीं देगा।
- यह अधिनियम एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के गठन का भी प्रावधान करता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर प्रधानमंत्री को सलाह देती है।