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खजुराहो में ‘सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और बहाली पर पोशाक खजाने की वापसी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
22 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन हॉल में ‘सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और बहाली पर पोशाक खजाने की वापसी’शीर्षक वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर रि-एड्रेस रिटर्न ऑफ (ट्रेजर्स) का विमोचन भी किया गया।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 2014 से 2022 तक 229 देश से लाई गई और विरासत से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं की वापसी करवाई गई है। इनमें से चयनित वस्तुएँ प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं।
- इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत और दुनिया भर में सांस्कृतिक विरासत की सफल वापसी के चुनिंदा उदाहरणों के माध्यम से सांस्कृतिक संपत्ति के प्रत्यावर्तन की भावना, आवश्यकता और भविष्य को प्रदर्शित करना है। प्रदर्शनी सांस्कृतिक वस्तुओं, उनके इतिहास और उनकी सफल वापसी के आसपास की कहानियों को दर्शाने का माध्यम बनी है।
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान व राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रदर्शनी पुन (विज्ञापन) पोशाक खजाने की वापसी का आयोजन किया गया है।
- इस प्रदर्शनी को संस्कृति मंत्रालय ने पूरे भारत में आयोजित जी-20 के संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की बैठकों का हिस्सा बनाया है। प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये जा रहे सबसे महत्त्वपूर्ण टुकड़ों में से महिला है जिसे 2015 में कनाडा से भारत वापस लाया गया था। इसे अब खजुराहो में एएसआई साइट संग्रहालय में रखा गया है।
- प्रदर्शनी में भारत भर से लगभग 26 पुरावशेषों को चित्रित किया गया है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों से प्रत्यावर्तन के कुछ उत्साहजनक उदाहरणों के साथ-साथ अब तक भारत लौटी पुरावशेषों की तस्वीरों और दृश्यों के साथ पूरक हैं।
- विदित है कि अब तक विभिन्न देशों से कुल 242 पुरावशेषों को भारत में प्रत्यावर्तित किया गया है। कई अन्य अभी वापसी की प्रक्रिया में हैं।
- सांस्कृतिक संपत्ति को वापस लाने की दिशा में किये गए वैश्विक प्रयास देशों के बीच सांस्कृतिक और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उत्तम उदाहरण हैं। ये कला और पुरातनता के टुकड़े, अवैध तस्करी के पिछले शिकार अब सांस्कृतिक राजदूतों और सांस्कृतिक विरासत के प्रत्यावर्तन के अधिवक्ताओं के रूप में प्रदर्शित किये जा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने खजुराहो में सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
22 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक के आयोजन के अवसर पर मध्य प्रदेश के जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा आदिवर्त को मध्य प्रदेश जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय के रूप में परिकल्पित किया गया है। सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त के पहले चरण में 7 जनजातियों के गाँव के परिदृश्य को शामिल किया गया है।
- आदिवर्त में प्रदेश की प्रमुख जनजातियों क्रमश: गोंड, बैगा, भील, भारिया, कोरकू, कोल एवं सहरिया के साथ पाँचों सांस्कृतिक अंचल क्रमश: बघेलखंड, बुंदेलखंड, मालवा, निमाड़ एवं चंबल के प्रतिनिधिक आवासों और जीवन उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर प्रदर्शित किया गया है।
- संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आदिवर्त संग्रहालय के माध्यम से जनजातीय कलाकारों को स्थानीय उत्पाद और पेंटिंग इत्यादि के विक्रय का बेहतर मौका मिलेगा। इससे कलाकारों की आजीविका भी सुदृढ़ होगी।
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