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स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Feb 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को मंजूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म निर्माण के लिये वातावरण तैयार करने और विभिन्न आवश्यक संसाधनों का शूटिंग के लिये समग्र विकास करने हेतु फिल्म नीति लागू की है।
  • उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने के लिये राज्य में फिल्मों की शूटिंग के साथ फिल्म में राज्य के कलाकारों को किरदार अदा करने का मौका देने पर सब्सिडी दी जाएगी।
  • फिल्म निर्माण के लिये कुल शूटिंग दिवस के दो तिहाई दिन उत्तर प्रदेश में शूटिंग करने पर दो करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, फिल्म प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने पर भी 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी।
  • नोएडा में एक हज़ार एकड़ में फिल्मसिटी बनाई जा रही है। प्रदेश के अन्य ज़िलों में भी फिल्म निर्माण की सुविधाओं के विकास की योजना है। फिल्मसिटी में बनने वाली फिल्मों को भी इस नीति के अनुसार रियायत दी जाएगी।
  • फिल्म नीति के तहत ये सुविधाएँ भी मिलेंगी -
  • शूटिंग के लिये सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने, नियमानुसार भुगतान करने पर शासकीय गेस्ट हाउस, पर्यटन अतिथि गृह की व्यवस्था की जाएगी। विभागों के स्तर से आने वाली कठिनाइयों का समाधान भी किया जाएगा।
  • आउटडोर शूटिंग करने वाली इकाइयों को पर्यटन निगम के गेस्ट हाउस व होटल में कमरे के किराए पर 25 फीसदी छूट दी जाएगी।
  • प्रदेश में अवधी, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी क्षेत्रीय फिल्मों के लिये निर्माण पर 50 फीसदी, हिन्दी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं पर फिल्म बनाने पर 25 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इसमें कुल शूटिंग दिवस के कम से कम 50 फीसदी यूपी में शूटिंग होने पर एक करोड़ रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी।
  • वेब सीरीज की शूटिंग पर प्रति एपिसोड 10 लाख या एक करोड़ रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी। वेब फिल्म में पाँच मुख्य कलाकार उत्तर प्रदेश के होने पर 25 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश Switch to English

बलिया के राजीव रघुवंशी बने देश के नए DCGI

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के दोकटी थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी देश के नए ड्रग कंट्रोलर जनरल नियुक्त किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी डॉ. वीजी सोमानी का स्थान लेंगे। उनका कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो गया था।
  • गौरतलब है कि डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी के नाम से 250 से ज्यादा पेटेंट दवाएँ भी हैं।
  • डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी भारतीय फार्माकोपिया आयोग के सचिव-सह-वैज्ञानिक पद पर कार्यरत थे। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले महीने डीसीजीआई के पद के लिये उनके नाम की सिफारिश की थी। इसको संज्ञान लेकर मंत्रिमंडल समिति ने आदेश पारित किया है।
  • विदित है कि डीसीजीआई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) का प्रमुख पद होता है, जो देश भर में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जिम्मेदार होता है। इसके पास नई दवाओं को मंजूरी देने और क्लीनिकल ट्रायल को विनियमित करने का भी अधिकार होता है।  

राजस्थान Switch to English

जोधपुर डिस्कॉम एवं नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के बीच एमओयू पर किये गए हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में जयपुर स्थित शासन सचिवालय परिसर में आयोजित बैठक में जोधपुर डिस्कॉम एवं नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • जोधपुर डिस्कॉम एवं नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच हुए एमओयू के तहत अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे पर राज्य में तीन ज़िलों हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर के कुल छह स्थानों पर 11 सोलर पावर प्लांट विकसित किये जाएंगे।
  • कुल 27.43 मेगावाट क्षमता के ये पावर प्लांट सौर कृषि आजीविका योजना (पीएम कुसुम) के तहत लगाए जाएंगे। ये पावर प्लांट हनुमानगढ़ ज़िले के कोल्हा गाँव, बीकानेर ज़िले के मलकीसर-गोपल्यान रोड, नौरंगदेसर एवं रासीसर गाँव तथा जोधपुर ज़िले के भीकमकोर गाँव में लगेंगे तथा 8 सबस्टेशन को कवर करेंगे।

उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के माध्यम से यह कार्य योजना तैयार की है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस हाइवेज के किनारे सौलर पैनल लगाए जाने हैं। यह योजना पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर विकसित की जाएगी।


राजस्थान Switch to English

सीकर के दरीबा में बेसमेटल व हनुमानगढ़ के सतीपुरा क्षेत्र में मिले पोटाश के भंडार

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को राजस्थान के माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को मिनरल एक्सप्लोरेशन के दौरान सीकर ज़िले के दरीबा में खनिज बेसमेटल के भंडार मिले हैं और हनुमानगढ़ जिले के जोखिया साउथ ब्लॉक और खुनजा नार्थ ब्लॉक में पोटाश के भंडार मिले हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जीएसआई ने सीकर क्षेत्र में जी 2 स्तर और हनुमानगढ़ के क्षेत्र में जी 3 स्तर की खोज पूरी कर ली है जिससे इन क्षेत्रों में नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर अब खनन लीज के लिये ऑक्शन की कार्यवाही की जा सकती है।
  • उन्होंने बताया कि जीएसआई की रिपोर्ट के अनुसार सीकर ज़िले के दरीबा ब्लॉक में जी 2 स्तर के एक्सप्लोरेशन के परिणाम स्वरुप 33 प्रतिशत कॉपर बेसमेटल के 2.81 मिलियन टन भंडार होने की संभावना है तो दूसरी और नागौर-गंगानगर बेसिन के हनुमानगढ़ के सतीपुरा सब बेसिन में जी 3 के एक्सप्लोरेशन के परिणामस्वरुप खनिज पोटाश के करीब 340 मिलियन टन के भंडार मिले हैं।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि समयवद्ध कार्ययोजना बनाकर इन ब्लॉकों के ऑक्शन की आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से पूरी की जाए ताकि बेसमेटल व पोटाश जैसे बहुमूल्य खनिजों का दोहन हो सके, विेदेशों से आयात पर निर्भरता कम हो और प्रदेश की राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।
  • उल्लेखनीय है कि एसीएस माइंस को राज्य व केंद्र सरकार के ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की बैठक के दौरान जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उपमहानिदेशक रामजीवन ने एक्सप्लोरेशन रिपोर्ट दी।
  • जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उपमहानिदेशक रामजीवन ने बताया कि प्रदेश में खनिज खोज कार्य खनिज विभाग के साथ ही केंद्र सरकार के जीएसआई, एमईसीएल, आईबीएम सहित संस्थाओं द्वारा एक्सप्लोरेशन रिपोर्ट सबमिट की जाती है।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की नई वेबसाइट लांच

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के अध्यक्ष अश्विनी भगत ने राज्य सिविल सेवा अपील अधिकरण की नई एवं अपडेटेड वेबसाइट को लांच किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि अधिकरण द्वारा राज्य के कार्मिकों की सेवा संबंधी वादों की सुनवाई की जाती है। आमजन को राजस्थान सरकार द्वारा त्वरित न्याय एवं पारदर्शिता के साथ सूचनाओं के संप्रेषण के लिये इस वेबसाइट को लांच किया गया है।
  • अधिकरण के रजिस्ट्रार पंकज ओझा ने बताया कि वेबसाइट को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया है।
  • इस वेबसाइट में एसएमएस के माध्यम से अलर्ट की सुविधा, जोधपुर बेंच के केसेज का ऑनलाइन इंद्राज करना, सभी प्रकार के स्टे एवं निर्णय अपलोड करने की सुविधा, वाद सूची को केस परपज के अनुसार बेंचों में विभाजन, अधिवक्ताओं की सूचना, केस री-ओपन की सुविधा, केस लिंक एवं टैग करने की सुविधा, रोस्टर संधारण की सुविधा, एमआईएस तैयार करने की सुविधाएँ एवं एक से अधिक प्राइवेट पार्टी की एंट्री जैसी सुविधाएँ सम्मिलित की गईं हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

खजुराहो में ‘सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और बहाली पर पोशाक खजाने की वापसी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन हॉल में ‘सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और बहाली पर पोशाक खजाने की वापसी’शीर्षक वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर रि-एड्रेस रिटर्न ऑफ (ट्रेजर्स) का विमोचन भी किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 2014 से 2022 तक 229 देश से लाई गई और विरासत से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं की वापसी करवाई गई है। इनमें से चयनित वस्तुएँ प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं।
  • इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत और दुनिया भर में सांस्कृतिक विरासत की सफल वापसी के चुनिंदा उदाहरणों के माध्यम से सांस्कृतिक संपत्ति के प्रत्यावर्तन की भावना, आवश्यकता और भविष्य को प्रदर्शित करना है। प्रदर्शनी सांस्कृतिक वस्तुओं, उनके इतिहास और उनकी सफल वापसी के आसपास की कहानियों को दर्शाने का माध्यम बनी है।
  • भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान व राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रदर्शनी पुन (विज्ञापन) पोशाक खजाने की वापसी का आयोजन किया गया है।
  • इस प्रदर्शनी को संस्कृति मंत्रालय ने पूरे भारत में आयोजित जी-20 के संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की बैठकों का हिस्सा बनाया है। प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये जा रहे सबसे महत्त्वपूर्ण टुकड़ों में से महिला है जिसे 2015 में कनाडा से भारत वापस लाया गया था। इसे अब खजुराहो में एएसआई साइट संग्रहालय में रखा गया है।
  • प्रदर्शनी में भारत भर से लगभग 26 पुरावशेषों को चित्रित किया गया है, जो दुनिया के अन्य हिस्सों से प्रत्यावर्तन के कुछ उत्साहजनक उदाहरणों के साथ-साथ अब तक भारत लौटी पुरावशेषों की तस्वीरों और दृश्यों के साथ पूरक हैं।
  • विदित है कि अब तक विभिन्न देशों से कुल 242 पुरावशेषों को भारत में प्रत्यावर्तित किया गया है। कई अन्य अभी वापसी की प्रक्रिया में हैं।
  • सांस्कृतिक संपत्ति को वापस लाने की दिशा में किये गए वैश्विक प्रयास देशों के बीच सांस्कृतिक और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उत्तम उदाहरण हैं। ये कला और पुरातनता के टुकड़े, अवैध तस्करी के पिछले शिकार अब सांस्कृतिक राजदूतों और सांस्कृतिक विरासत के प्रत्यावर्तन के अधिवक्ताओं के रूप में प्रदर्शित किये जा रहे हैं। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री ने खजुराहो में सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के छतरपुर ज़िले के खजुराहो में जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक के आयोजन के अवसर पर मध्य प्रदेश के जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा आदिवर्त को मध्य प्रदेश जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय के रूप में परिकल्पित किया गया है। सांस्कृतिक गाँव आदिवर्त के पहले चरण में 7 जनजातियों के गाँव के परिदृश्य को शामिल किया गया है।
  • आदिवर्त में प्रदेश की प्रमुख जनजातियों क्रमश: गोंड, बैगा, भील, भारिया, कोरकू, कोल एवं सहरिया के साथ पाँचों सांस्कृतिक अंचल क्रमश: बघेलखंड, बुंदेलखंड, मालवा, निमाड़ एवं चंबल के प्रतिनिधिक आवासों और जीवन उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर प्रदर्शित किया गया है।
  • संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आदिवर्त संग्रहालय के माध्यम से जनजातीय कलाकारों को स्थानीय उत्पाद और पेंटिंग इत्यादि के विक्रय का बेहतर मौका मिलेगा। इससे कलाकारों की आजीविका भी सुदृढ़ होगी। 

हरियाणा Switch to English

केंद्रीय मंत्री ने फरीदाबाद स्थित टीएचएसटीआई में 120 करोड़ रुपए की विभिन्न सुविधाओं का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हरियाणा के फरीदाबाद ज़िले में स्थित ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) में 120 करोड़ रुपये की विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि टीएचएसटीआई में जो 50 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा, उसमें ऑब्जर्वेशनल कॉहोर्ट अध्ययन और चरण 1 और चरण 2 नैदानिक ​​परीक्षणों जैसे नैदानिक ​​अनुसंधान करने की सुविधाएँ होंगी।  
  • उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीन का परीक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ साझेदारी के अंतर्गत टीएचटीएसआई की प्रयोगशाला में हुआ और यह भारत में ऑमिक्रॉन वायरस को कल्चर करने वाली पहली प्रयोगशाला थी।
  • उल्लेखनीय है कि टीएचएसटीआई, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के अंतर्गत आने वाले शीर्ष संस्थानों में से एक है और इस संस्थान ने मातृ-शिशु के स्वास्थ्य, टीका विकास, क्षय रोग और डेंगू के विरुद्ध चिकित्सीय अणुओं और नए नैदानिक ​​उपकरणों जैसे अनुसंधान के कई क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम किया है।
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसमें बीएसएल-3 प्रयोगशाला, प्रयोगात्मक पशु सुविधा, एक बड़ी बायोरिपोजिटरी और आणविक अनुसंधान के लिये अत्याधुनिक उपकरण जैसी विश्व-स्तरीय सुविधाएँ हैं।
  • टीएचएसटीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार गर्ग ने बताया कि यहाँ के वैज्ञानिक विश्व-स्तरीय टीके और उत्पाद विकसित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं और भविष्य में ज़रूरत पड़ी तो ह्यूमन चैलेंज मॉडल को भी अपनाया जाएगा। 

झारखंड Switch to English

नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में झारखंड को 21 गोल्ड समेत 32 पदक

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के भिलाई में आयोजित नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में झारखंड के खिलाड़ियों ने 21 गोल्ड, सात सिल्वर और चार ब्रांज समेत कुल 32 पदक जीते।

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ के भिलाई में 17-22 फरवरी तक आयोजित नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में झारखंड की आश्रिता तिर्की को सीनियर स्ट्रांगवुमैन ऑफ इंडिया, अखलाक खान को जूनियर स्ट्रांगमैन ऑफ इंडिया और आफताब आलम को बेस्ट लिफ्टर का खिताब मिला।
  • झारखंड की ओर से गोल्ड जीतनेवालों में हर्ष आनंद, मंजीत टोप्पो, आनंद कर्मकार, मोनू कुमार, आफताब खान, अक्षय शुक्ला, असीम खलखो, भास्कर दुबे अखलाक खान, मोहम्मद उसमान, वसीम अंसारी, आश्रिता तिर्की, अंजलि कुमारी, कंवलजीत कौर, इशा श्रेया कुजूर शामिल हैं।
  • इस चैंपियनशिप में राजन पांडेय, रोहित बिरुली, हर्ष आनंद, मोनू कुमार, आयुष कुमार, आनंद कर्मकार, स्नेहा कुमारी खुशबू सोय ने सिल्वर, जबकि नील अमृत, यशराज, कृष्णा नायक, आकाश मिंज ने ब्रांज जीता।
  • विदित है कि झारखंड पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव अशोक कुमार गुप्ता नेशनल रेफरी की भूमिका में थे।

छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिये ज़िला ग्रंथालय के ई-लाइब्रेरी में 18 लाख रुपए की लागत से बनेगा ई-लाइब्रेरी क्लासरूम

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव ज़िले के कलेक्टर डोमन सिंह ने राजनांदगाँव ज़िले में अपने नित्य नए-नए प्रयोग करने की कड़ी में ज़िला ग्रंथालय में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को एक अवसर मुहैया कराने के उद्देश्य से ज़िला ग्रंथालय लाइव के प्रथम तल पर 18 लाख रुपए की लागत से ई-लाइब्रेरी क्लासरूम बनाने की स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर कलेक्टर डोमन सिंह ने बताया कि ई-लाइब्रेरी क्लासरूम बन जाने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिलेगी।
  • ई-लाइब्रेरी क्लास रूम के माध्यम से पीएससी, यूपीएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे।
  • लाइब्रेरी का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा किया जाएगा। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के दो सिपाहियों को मिला प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड पुलिस के दो सिपाहियों फैज़ान अली और राजेश कुँवर को प्रधानमंत्री रक्षा पुलिस पदक से नवाज़ा गया है। उन्हें यह पदक मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के हाथों से दिया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • दोनों सिपाहियों ने वर्ष 2019 में रायपुर स्थित एक घर में पार्क कार में आग लगने से फँसे परिवार के छह लोगों को बचाया था।
  • राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 13 से 17 फरवरी तक मध्य प्रदेश के भोपाल में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान ही दोनों सिपाहियों को पदक देने की घोषणा की गई थी।
  • उल्लेखनीय है कि 5 जुलाई, 2019 की रात देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र के दशमेश विहार कॉलोनी के एक घर पर कार में आग लग गई थी। सूचना पर चीता ड्यूटी में नियुक्त कांस्टेबल फैज़ान अली और कांस्टेबल राजेश कुँवर तत्काल वहाँ पहुँचे। कांस्टेबल फैज़ान और राजेश ने जान की परवाह किये बिना अपनी सूझबूझ से छह लोगों की जिंदगी बचाई।

उत्तराखंड Switch to English

अनमैंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर

चर्चा में क्यों?

22 फरवरी, 2023 को उत्तराखंड के पुलिस संचार एडीजी अमित सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में उड़ने वाला हर ड्रोन अब पुलिस की नज़रों के सामने रहेगा। इसके लिये पुलिस अब अनमैंड ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) सॉफ्टवेयर तैयार करा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • पुलिस संचार एडीजी अमित सिन्हा ने बताया कि अनमैंड ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिये दिल्ली की एक कंपनी से करार किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर पर प्रत्येक ड्रोन संचालकों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। पुलिस इस सॉफ्टवेयर का अगले सप्ताह ट्रायल करेगी।
  • दिल्ली की यह कंपनी पुलिस के लिये यूटीएम सॉफ्टवेयर विकसित कर रही है। इस पर हर ड्रोन को पंजीकृत किया जाएगा। इससे टेक ऑफ होने से लेकर रूट और लैंडिंग तक की लाइव लोकेशन पता चल जाएगी। यदि कोई ड्रोन बिना पंजीकरण उड़ाया जा रहा है तो उसे जैमर से जाम भी कर दिया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर पर मालवाहक ड्रोन से लेकर शौकिया ड्रोन उड़ाने वालों को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक कौन, कहाँ और क्यों ड्रोन उड़ा रहा है, इस पर नज़र रखने के लिये पुलिस के पास कोई तंत्र नहीं है, जबकि, प्रदेश के कई हिस्सों में छोटे मालवाहक ड्रोन भी उड़ाए जा रहे हैं। इनसे दवाएँ, ब्लड सैंपल और तमाम तरह की सामग्रियों को दूर-दराज के इलाकों में पहुँचाया जा रहा है। ऐसे में कुछ असामाजिक तत्त्व इसका गलत फायदा भी उठा सकते हैं।
  • वर्तमान में डीजीसीए ने ड्रोन के लिये यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) जरूरी कर दिया है। अब हर ड्रोन का यूआईएन नंबर जारी होता है। पुलिस यह नंबर अपने सॉफ्टवेयर में फीड करेगी। इसके माध्यम से पुलिस को उसकी लोकेशन का पता चल सकेगा। पुलिस का यह सॉफ्टवेयर नो परमिशन नो टेकऑफ के आधार पर काम करेगा।
  • पिछले साल तक आने वाले ड्रोन में यूआईएन नहीं होता था। इसमें आरआईडी (रिमोट आईडेंटिफिकेशन) होता था। आरआईडी रजिस्टर्ड करने के साथ-साथ पुलिस इन ड्रोन में विशेष चिप लगाएगी। यह चिप लोकेशन बताने के लिये लगाई जाएगी।

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