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स्वाइन फीवर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के सारण ज़िले में एक हज़ार से अधिक सूअरों की मृत्यु हो गई है, जिसके लिये प्रथमदृष्टया स्वाइन फीवर को उत्तरदायी माना जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
गौरतलब है कि स्वाइन फीवर एक संक्रामक पशु रोग है। इसके मुख्यत: दो प्रकार होते हैं-
- अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF)
- यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है तथा रक्तस्रावी बुखार का एक तीव्र रूप धारण कर लेता है।
- ASF मनुष्यों के लिये खतरा नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलता है।
- क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF)
- सीएसएफ को हॉग हैज़ा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह फ्लेविविरिडे परिवार के जीनस पेस्टीवायरस के वायरस के कारण होता है, जो उन वायरस से निकटता से संबंधित है, जो मवेशियों में गोजातीय वायरल दस्त और भेड़ में बॉर्डर रोग का कारण बनते हैं।
- ICAR-IVRI ने विदेशी स्ट्रेन से लैपिनाइज्ड वैक्सीन वायरस का उपयोग कर एक सेल कल्चर सीएसएफ वैक्सीन (लाइव एटेंयूएटेड) विकसित किया है।
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