उत्तराखंड Switch to English
एक अप्रैल से कबाड़ हो जाएंगे प्रदेश के 5500 सरकारी वाहन
चर्चा में क्यों?
21 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में सरकारी विभागों, निगमों, निकायों, परिवहन निगम, विभाग, स्वायत्त संस्थाओं के 5500 वाहन 01 अप्रैल से कबाड़ बन जाएंगे। इन वाहनों की आरसी का नवीनीकरण नहीं होगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है, जो कि एक अप्रैल 2023 से प्रभावी हो जाएगी।
- इसके दायरे में आने वाले वाहनों की जगह नए वाहन खरीदने या किराए पर वाहन लेने के लिये सरकार को 300 से 550 करोड़ खर्च करने पड़ेंगे।
- संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि दिसंबर माह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्क्रैप पॉलिसी के तहत मोटर यान अधिनियम में संशोधन का ड्राफ्ट जारी करते हुए सभी राज्यों से सुझाव मांगे थे।
- उत्तराखंड ने जो सुझाव दिया था, उसमें बताया था कि 5500 वाहनों के कबाड़ में जाने के बजाय अगर उन्हें नीलाम किया जाए तो अपेक्षाकृत कम 11 करोड़ का नुकसान होगा। इसके अलावा दस लाख प्रति वाहन के हिसाब से देखें तो नए वाहन खरीदने को उत्तराखंड को 550 करोड़ की आवश्यकता होगी।
- इसके बाद राज्य में 15 साल से पुराने किसी भी सरकारी वाहन का नवीनीकरण नहीं होगा, बल्कि उसे कबाड़ में देना होगा, जिसके लिये हर जिले में तीन कबाड़ केंद्र बनाए जा रहे हैं।
- संयुक्त परिवहन आयुक्त ने बताया कि नई नीति के तहत एक अप्रैल से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का रिन्यूअल नहीं होगा। वह स्क्रैप में ही जाएंगे। 5500 वाहनों के कबाड़ बनने के बाद सभी विभागों को नए वाहन खरीदने होंगे। एक वाहन की औसत कीमत 10 लाख मानें तो राज्य को 550 करोड़ की जरूरत होगी।
- सनत कुमार सिंह ने बताया कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत 1 अप्रैल, 2023 से सभी तरह के भारी व्यावसायिक वाहनों को अनिवार्य तौर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा, जबकि प्राइवेट वाहनों के लिये यह व्यवस्था जून 2024 से लागू होगी।
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