उत्तर प्रदेश सरकार देगी 11 लाख रुपए का उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान | उत्तर प्रदेश | 23 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
22 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव रघुनाथ प्रसाद वर्मा ने बताया कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार के यशभारती सम्मान की तर्ज पर अब राज्य सरकार भी देश-विदेश में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली विभूतियों को ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान’ से नवाज़ेगी।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव रघुनाथ प्रसाद वर्मा की ओर से इस नई सम्मान योजना के लिये 50 लाख रुपए की धनराशि की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई।
- इस योजना के तहत चार विभूतियों को क्रमश: 11-11 लाख रुपए की राशि के सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार यश भारती पुरस्कार को दो साल पहले ही बंद कर चुकी है। यश भारती सम्मान के तहत 11 लाख रुपए ऐसी हस्तियों को दिये जाते थे, जिन्होंने देश-विदेश में राज्य का नाम रोशन किया हो। इसकी जगह अब संस्कृति मंत्रलय ने उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान की शुरूआत की है।
- उन्होंने बताया कि आगामी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के शुभारंभ समारोह में मुख्यमंत्री इस नई पुरस्कार योजना की शुरुआत करते हुए चार विभूतियों को सम्मानित कर सकते हैं।
- उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान योजना के लिये जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के ऐसे ख्यातिलब्ध महानुभावों, जिन्होंने विभिन्न विधाओं और कार्यक्षेत्रों जैसे- कला एवं संस्कृति, कृषि, उद्यमिता, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, साहित्य, शिक्षा, खेल, समाजसेवा, पर्यावरण, महिला सशक्तीकरण, ग्राम्य विकास आदि में व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित किए। इसके अलावा इन नए उत्कृष्ट आयामों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव हासिल किया गया हो, उन्हें उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
- इस सम्मान के लिये नामित व्यक्ति को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिये। विभिन्न विधाओं, कार्यक्षेत्र के ऐसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त महानुभाव, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और दीर्घ साधना के आधार पर श्रेष्ठ उपलब्धि हासिल की हो, जिन्होंने देश-विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया हो।
- राज्य सरकार या केंद्र सरकार से पूर्व में किसी अन्य राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार या सम्मान प्राप्त विभूतियों को इस सम्मान योजना की पात्रता परिधि में नहीं रखा जाएगा।
- योजना के तहत हर साल संस्कृति निदेशक द्वारा निर्धारित प्रारूप पर डीएम से नामांकन प्राप्त किये जाएंगे। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों व विधाओं से संबंधित नामांकन संबंधित विभागीय सचिव/प्रमुख सचिव के माध्यम से और मान्यता प्राप्त संगीत, नृत्य, नाटक, फिल्म व मीडिया की शिक्षण तथा प्रदर्शन संस्थानों व अन्य स्रोतों से प्राप्त नामांकन भी प्राप्त किये जा सकते हैं। प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर चयन समिति गठित कर नाम प्रस्तावित कर सकता है।
- इन श्रेणियों में से चयनित होंगी विभूतियाँ-
- शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत (गायन, वादन, नृत्य)
- ललित कला, नाट्य विधा, फिल्म व मीडिया
- समाज सेवा, युवा कल्याण, समाज कल्याण, महिला एवं दिव्यांगजन कल्याण
- कृषि, उद्यान, दुग्ध विकास, गौसेवा, पशुपालन, वन एवं वन्यजीव तथा पर्यावरण संरक्षण
- उद्यमिता, कौशल विकास, रोजगार सृजन, स्वावलंबन
- अन्य क्षेत्रों जैसे शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान करने वाली विभूतियों, जिन्हें स्क्रीनिंग कमेटी सुपात्र समझे।