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उत्तराखंड में सड़कों से जुड़ेंगे 100 से अधिक जनसंख्या वाले जनजातीय क्षेत्र
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत उत्तराखंड के जनजातीय वाले ऐसे क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ा जाएगा, जिनकी आबादी 100 से अधिक है।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड को अभी तक चार सड़कें और आठ पुल मिले हैं।
- पीएम ग्राम सड़क योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में प्रथम चरण में देहरादून जिले की हसनपुर, हरिद्वार की जसपुर चमरिया, चंपावत की खिर्दवाड़ी और पिथौरागढ़ की छिपलतरा बसावटों को सड़क मार्गों से जोड़ने के लिए चयन किया गया है।
- उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की नोडल एजेंसी यूआरआरडीए (उत्तराखंड रूरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी) को सड़क और पुलों के निर्माण की जिम्मेदारी दिया गया है।
- कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत 2 किमी से लेकर 13 किमी तक की सड़क बनाई जाएगी।
- विदित हो कि उत्तराखंड में पांच जनजातियां भोटिया, थारू, जौनसारी, बोक्सा और राजी निवास करती हैं। इन्हें वर्ष 1967 में अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था। इनमें से बोक्सा और राजी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में शामिल हैं।
- गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर खूंटी, झारखंड से इस अभियान की घोषणा की थी।
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