मध्य प्रदेश Switch to English
संस्कृति विभाग के राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मानों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग ने वर्ष 2021 के राज्य शिखर सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। इसमें राष्ट्रीय एवं राज्य शिखर सम्मान दिये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा प्रति वर्ष कला, संस्कृति, साहित्य, संगीत की विभिन्न विधाओं में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सम्मान प्रदान किया जाता है। विभाग द्वारा इन राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मानों से मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठापित किया गया है।
- राज्य शिखर सम्मान के लिये चयनित सभी कलाकार एवं साहित्यकारों को सम्मानस्वरूप एक-एक लाख रुपए की सम्मान राशि, सम्मान पटिेका एवं शॉल-श्रीफल प्रदान किया जाता है।
- राज्य शिखर सम्मान के लिये चयनित कलाकार/साहित्यकार हैं-
- हिन्दी साहित्य के लिये- डॉ. अश्विनी कुमार दुबे (इंदौर)
- उर्दू साहित्य के लिये- डॉ. नरेंद्र वीरमणि (इंदौर)
- संस्कृत साहित्य के लिये- भगवतीलाल राजपुरोहित (उज्जैन)
- शास्त्रीय संगीत के लिये- पं. श्रीधर व्यास (उज्जैन)
- शास्त्रीय नृत्य के लिये- डॉ. विजया शर्मा (भोपाल)
- रूपंकर कलाओं के लिये- अनिल कुमार (भोपाल)
- नाटक के लिये- प्रशांत खिरवड़कर (भोपाल)
- दुर्लभ वाद्य वादन के लिये- मुन्ने खाँ (भोपाल)
- जनजातीय एवं लोक कलाओं के लिये- सावनी बाई (डिंडोरी)
- राष्ट्रीय सम्मानों के लिये चयनित कलाकार/साहित्यकार हैं-
- राष्ट्रीय कबीर सम्मान- डॉ. श्याम सुंदर दुबे (हटा) (3 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान- सदानंद गुप्त (गोरखपुर) (2 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय इकबाल सम्मान हैदराबाद के डॉ. सैयद तकी आब्दी को (2 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान- डॉ. श्रीराम परिहार (खंडवा) (2 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान- जनजाति कल्याण केंद्र महाकोशल (डिंडोरी) (2 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय कुमार गंधर्व सम्मान- सुश्री रुक्मिणी विजय कुमार (हैदराबाद) (25 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान- रविशंकर श्रीवास्तव (भोपाल) (1 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान- सुश्री शिखा वार्ष्णेय (लंदन) (1 लाख रुपए),
- राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान- डॉ. हाइंस वेर्नर वेसलर (डेनमार्क) (1 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान- जयंत विष्णु नार्लीकर (कोल्हापुर) (1 लाख रुपए)
- राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान- अजीत वड़नेरकर (भोपाल) (एक लाख रुपए)।
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लोक निर्माण विभाग में ‘क्वालिटी कंट्रोल सेल’गठित
चर्चा में क्यों?
21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के लिये सचिव लोक निर्माण की अध्यक्षता में ‘क्वालिटी कंट्रोल सेल’का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल सेल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के साथ समय-सीमा में कार्य पूर्णता पर नज़र रखेगा। इसके अलावा समय-समय पर गुणवत्ता नियंत्रण के लिये तकनीकी सर्कुलर भी जारी करेगा।
- प्रमुख सचिव ने बताया कि सेल में सचिव लोक निर्माण आर.के. मेहरा अध्यक्ष होंगे तथा मुख्य अभियंता उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर बी.पी. बोरासी, अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल एम.पी. सिंह, सहायक यंत्री सी.वी. तिवारी, सहायक यंत्री संजय कुलकर्णी और सलाहकार मंत्रालय रितेश जैन समिति सदस्य होंगे।
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स्टेट हैंडलूम एक्सपो में डिजाइन प्रतियोगिता के विजेताओं को मिले पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा फैब्रिक्स ऑफ मध्य प्रदेश की थीम पर आयोजित डिजाइन काम्पटीशन के विजेताओं को भोपाल हाट बाज़ार, भोपाल में स्टेट हैंडलूम एक्सपो-2022 पुरस्कार वितरित किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में मिसेज इंडिया इंटरनेशनल डॉ. रीनू यादव एवं मिसेज यूनिवर्स जॉय सुश्री अमृता त्रिपाठी ने स्टेट हैंडलूम एक्सपो-2022 के पुरस्कारों का वितरण किया।
- भोपाल ज़िले से एथनिक वियर श्रेणी में अमातुल्लाह बोहरा, अर्चना विश्वकर्मा एवं सलमा अंसारी तथा रेडी टू वियर श्रेणी में नंदिता नायर, फराह नदीम एवं मान्या यादव को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया।
- इसी प्रकार इंदौर ज़िले से एथनिक वियर श्रेणी में राखी गुप्ता, सीमा पारीक एवं समीक्षा नायक तथा रेडी टू वियर श्रेणी में दिव्या राठी, सौरवकांत श्रीवास्तव एवं गुलिका अग्रवाल को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया।
- सभी विजेताओं को ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’योजना में चयनित सात ज़िलों के सात उत्पाद एवं प्रशस्ति-पत्र उपहार स्वरूप दिये गए।
- प्रदेश के हथकरघा, खादी एवं रेशमी वस्त्रों के उत्पादन की पारंपरिक प्रक्रिया को सहेजने और उनके पीछे छुपी हुई समृद्ध निर्माण कला का प्रदेशवासियों को परिचय देने के उद्देश्य से डिजाइन प्रतियोगिता के अतिरिक्त हैंडलूम ऑन व्हील्स का भी आयोजन किया गया था।
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