न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Dec 2022
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

सामाजिक प्रगति करने में 31वें स्थान पर उत्तर प्रदेश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने एक सामाजिक प्रगति सूचकांक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश के प्रत्येक राज्य को सामाजिक प्रगति के मामले में एक रैंक दी गई है। इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को 31वाँ स्थान मिला है।

प्रमुख बिंदु 

  • ईएसी-पीएम की सामाजिक प्रगति सूचकांक को तैयार करने के लिये काउंसिंल ने 3 आयाम और इनके 12 अवयवों को आधार बनाया है। पहला आयाम ‘बुनियादी मानवीय आवश्यकताएँ’हैं। इसमें चार अवयव (i) पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल, (ii) पानी और सफाई व्यवस्था, (iii) आश्रय और (iv) व्यक्तिगत सुरक्षा शामिल हैं।
  • दूसरा आयाम कल्याण की नींव है, इसमें शामिल चार अवयव (i) बुनियादी ज्ञान तक पहुँच, (ii) सूचना और संचार तक पहुँच, (iii) स्वास्थ्य और कल्याण और (iv) पर्यावरणीय गुणवत्ता हैं।
  • इसी प्रकार तीसरा आयाम चुनौती है, जिसमें अवयवों के रूप में (i) व्यक्तिगत अधिकारों, (ii) व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, (iii) समावेशिता और (iv) उन्नत शिक्षा तक पहुँच को शामिल किया गया है।
  • इन तीनों आयामों और अवयवों में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन औसतन सामान्य ही रहा। केवल दो अवयवों- पेयजल की उपलब्धता और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत आवास प्रदान करने में राज्य ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
  • जनसंख्या की दृष्टि से देश में पहले स्थान पर आने वाला उत्तर प्रदेश सामाजिक प्रगति सूचकांक में 16 प्वाइंट लेकर 31वें स्थान पर आया है।
  • इस इंडेक्स में पहले स्थान पर पांडिचेरी को 99 प्वाइंट मिले हैं, वहीं अंतिम पायदान पर आने वाले राज्य झारखंड को 43.95 प्वांइट मिला है।
  • इंडेक्स की रैंकिंग को 6 स्तरों में बाँटा गया है, जिनमें सबसे पहला स्तर अति उच्च सामाजिक प्रगति, दूसरा उच्च सामाजिक प्रगति, तीसरा ऊपरी मध्य सामाजिक प्रगति, चौथा निम्न मध्य सामाजिक प्रगति, पाँचवा निम्न सामाजिक प्रगति और छठवाँ बहुत कम सामाजिक प्रगति स्तर है। सामाजिक प्रगति के इस सूचकांक में उत्तर प्रदेश पाँचवें निम्न सामाजिक प्रगति स्तर पर पहुँचा है। उत्तर प्रदेश के साथ इस स्तर में शामिल ओडिशा और मध्य प्रदेश राज्य भी शामिल हैं।
  • गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस एंड सोशल प्रोग्रेस इम्पेरेटिव के साथ भारत के राज्यों और ज़िलों के लिये सामाजिक प्रगति सूचकांक जारी किया। यह रिपोर्ट 2015-16 के बाद से कुछ प्रमुख संकेतकों के प्रदर्शन में बदलाव का मूल्यांकन करके भारत में सामाजिक प्रगति की एक व्यापक तस्वीर प्रस्तुत करती है।
  • इसके अलावा, रिपोर्ट देश के 112 आकांक्षी ज़िलों द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डालती है, जिससे उन्हें अपने सामाजिक प्रगति पर नज़र रखने और उन क्षेत्रों को समझने में मदद मिलती है, जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। 

राजस्थान Switch to English

लोक संस्कृति के अनूठे पर्व ‘शिल्पग्राम’ उत्सव का हुआ आगाज

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य की झीलों की नगरी नाम से मशहूर उदयपुर में लोक संस्कृति के अनूठे पर्व ‘शिल्पग्राम उत्सव’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • कार्यक्रम के आरंभ में राज्यपाल ने संगम सभागार में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा बेणेश्वर धाम के संत मावजी महाराज के चोपड़ों में समाहित चित्रों का छायांकन कर प्रलेखन किए गये चित्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
  • राज्यपाल ने बताया कि उदयपुर का यह शिल्पग्राम देशभर में विख्यात है। यहाँ पर राजस्थान, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र की ग्रामीण और स्वदेशी संस्कृति एक साथ अनुभूत की जा सकती है। इन सभी राज्यों के विभिन्न जातीय समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और परंपराओं को यहाँ झोपड़ियों में दर्शाया गया है।
  • शिल्पग्राम उत्सव में 400 शिल्पकार और 700 लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। शिल्पग्राम में बेणेश्वर धाम के संत मावजी महाराज के चोपड़ों में समाहित चित्रों का छायांकन कर प्रलेखन किया गया है, जो देश की धरोहर है।
  • राज्यपाल कलराज मिश्र ने जयपुर के तमाशा कलाकार व रंगकर्मी दिलिप कुमार भट्ट तथा अहमदाबाद के संस्कृति कर्मी तथा जनजाति कला के उन्नयन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. भगवान दास पटेल को पद्मभूषण डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया।
  • शिल्पग्राम उत्सव के उद्घाटन अवसर पर मुख्य रंगमंच पर ‘समागम’के आयोजन के अंतर्गत 9 राज्यों के सवा दो सौ कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रोलोग से हुई जिसमें दीपों से उत्सव का प्रकाश फैलाया। इसके बाद पश्चिम बंगाल के श्रीखोल नृत्य से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके बाद जम्मू कश्मीर रॉफ, असम का बोडई शिखला, उड़ीसा को गोटीपुआ, महाराष्ट्र का लावणी, गोवा का समई, झारखंड का छऊ गुजरात का डांग और पंजाब के भांगड़े की प्रस्तुतियाँ सम्मोहक रहीं।

राजस्थान Switch to English

राजीव गांधी शहरी ओलंपिक खेल-2023 के रजिस्ट्रेशन पोर्टल का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के खेल एवं युवा मामले मंत्रालय के राज्य मंत्री अशोक चांदना ने जयपुर के शासन सचिवालय में राजीव गांधी शहरी ओलंपिक खेल-2023 के रजिस्ट्रेशन पोर्टल का शुभारंभ किया। इसके साथ ही अगले वर्ष 26 जनवरी से प्रस्तावित शहरी ओलंपिक खेलों के लिये रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राज्य मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक खेल जैसा अनूठा आयोजन करने के साथ राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने वाला पहला राज्य है, जिसकी चर्चा पूरे देश में है। राजस्थान खेल क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिये निरंतर एक ‘ट्रेंड सेटर’के रूप में उभर रहा है।
  • उन्होंने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों की अभूतपूर्व सफलता के बाद शहरों में भी इन खेलों को शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में 30 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
  • उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के अनुसार राजीव गांधी शहरी ओलंपिक खेल-2023 का आयोजन आगामी जनवरी माह में प्रस्तावित है।
  • राज्य के सभी 240 नगरीय निकायों में इन खेलों का आयोजन होगा, जिसमें 10 नगर निगम, 36 नगर परिषद एवं 194 नगर पालिकाएँ शामिल हैं। इसके लिये निकायवार कुल 628 क्लस्टर्स का निर्माण किया गया है।
  • नगर निगम एवं नगर परिषद में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर प्रति 20-25 हज़ार की आबादी पर एक क्लस्टर बनाया गया है। हालाँकि नगर निगम जयपुर ग्रेटर एवं जयपुर हैरिटेज में जनसंख्या अधिक होने के कारण प्रति 30-35 हज़ार की जनसंख्या पर एक क्लस्टर बनाया गया है। वहीं, प्रत्येक नगर पालिका को एक इकाई मानते हुए एक क्लस्टर के रुप में माना गया है।
  • खेल राज्यमंत्री ने बताया कि शहरी ओलंपिक के तहत 7 प्रकार के खेलों का आयोजन किया जाएगा। इनमें कबड्डी (बालक एवं बालिका वर्ग), टेनिस बॉल क्रिकेट (बालक एवं बालिका वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक एवं बालिका वर्ग), एथलेटिक्स (100 मीटर, 200 मीटर एवं 400 मीटर), फुटबॉल (बालक एवं बालिका वर्ग) एवं बास्केटबॉल (बालक एवं बालिका वर्ग) में आयोजित किये जाएंगे। प्रतियोगिताओं का आयोजन नगर निकाय, ज़िला एवं राज्य स्तर पर किया जाएगा।
  • खेल एवं युवा मामले विभाग के शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि इन खेलों में सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। खिलाड़ियों का पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल rajasthan.gov.in के माध्यम से 21 जनवरी तक किया जा सकता है। पंजीयन व्यक्तिगत अथवा सामूहिक श्रेणियों में करवाया जा सकता है।
  • इन खेलों का आयोजन खेल विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के समन्वय से करवाया जाएगा।
  • शासन सचिव ने बताया कि प्रत्येक नगर निगम में क्लस्टरों का विभाजन ज़ोनवार होगा जिसका नियंत्रण अधिकारी उपायुक्त-ज़ोन होगा तथा सभी नगरीय निकाय खेलों के आयोजन के लिये निकायवार स्थल का चुनाव करेंगे।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना के लिये 28.23 करोड़ रुपए की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय/निराश्रित व्यक्तियों के समुचित आवास के लिये ‘मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना’के लिये 28 करोड़ 23 लाख रुपए के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रस्ताव के अनुसार, प्रदेश के बेघर, वृद्धजन, कामकाजी महिलाओं एवं असहाय/निराश्रित व्यक्तियों के लिये विभागीय भवन निर्मित होने तक गृहों का संचालन उपलब्ध राजकीय भवनों में तथा राजकीय भवनों की अनुपलब्धता की स्थिति में किराए के भवनों में किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस स्वीकृति से मुख्यमंत्री पुनर्वास गृहों का वृहद् निर्माण कार्य किये जाने के साथ-साथ आवासीय भवनों के लिये कपड़े, बिस्तर एवं खाद्य सामग्री का क्रय किया जाएगा। इस राशि का उपयोग किराया, कर दर, रायल्टियाँ एवं सहायतार्थ अनुदान में भी किया जाएगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में 75-75 आवासीय क्षमता के 45 मुख्यमंत्री पुनर्वास गृहों को स्थापित किये जाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के क्रम में यह वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

राजस्थान Switch to English

पुलिस आधुनिकीकरण योजना की क्रियान्विति एवं प्रगति की समीक्षा के लिये उच्च स्तरीय समिति का गठन

चर्चा में क्यों

21 दिसंबर, 2022 को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर राज्य में पुलिस आधुनिकीकरण योजना की क्रियान्विति एवं प्रगति की समीक्षा के लिये अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव, गृह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस समिति में चार सदस्य व एक संयोजक होंगे, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव-वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव-आयोजना, महानिदेशक पुलिस, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, स्टेट क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो सदस्य व संयुक्त शासन सचिव-गृह (पुलिस) संयोजक रहेंगे।
  • यह समिति स्थायी होगी एवं समिति का प्रशासनिक विभाग गृह विभाग होगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

संस्कृति विभाग के राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मानों की घोषणा

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग ने वर्ष 2021 के राज्य शिखर सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। इसमें राष्ट्रीय एवं राज्य शिखर सम्मान दिये जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा प्रति वर्ष कला, संस्कृति, साहित्य, संगीत की विभिन्न विधाओं में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सम्मान प्रदान किया जाता है। विभाग द्वारा इन राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मानों से मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठापित किया गया है।
  • राज्य शिखर सम्मान के लिये चयनित सभी कलाकार एवं साहित्यकारों को सम्मानस्वरूप एक-एक लाख रुपए की सम्मान राशि, सम्मान पटिेका एवं शॉल-श्रीफल प्रदान किया जाता है।
  • राज्य शिखर सम्मान के लिये चयनित कलाकार/साहित्यकार हैं-
    • हिन्दी साहित्य के लिये- डॉ. अश्विनी कुमार दुबे (इंदौर)
    • उर्दू साहित्य के लिये- डॉ. नरेंद्र वीरमणि (इंदौर)
    • संस्कृत साहित्य के लिये- भगवतीलाल राजपुरोहित (उज्जैन)
    • शास्त्रीय संगीत के लिये- पं. श्रीधर व्यास (उज्जैन)
    • शास्त्रीय नृत्य के लिये- डॉ. विजया शर्मा (भोपाल)
    • रूपंकर कलाओं के लिये- अनिल कुमार (भोपाल)
    • नाटक के लिये- प्रशांत खिरवड़कर (भोपाल)
    • दुर्लभ वाद्य वादन के लिये- मुन्ने खाँ (भोपाल)
    • जनजातीय एवं लोक कलाओं के लिये- सावनी बाई (डिंडोरी)
  • राष्ट्रीय सम्मानों के लिये चयनित कलाकार/साहित्यकार हैं-
    • राष्ट्रीय कबीर सम्मान- डॉ. श्याम सुंदर दुबे (हटा) (3 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान- सदानंद गुप्त (गोरखपुर) (2 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय इकबाल सम्मान हैदराबाद के डॉ. सैयद तकी आब्दी को (2 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान- डॉ. श्रीराम परिहार (खंडवा) (2 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान- जनजाति कल्याण केंद्र महाकोशल (डिंडोरी) (2 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय कुमार गंधर्व सम्मान- सुश्री रुक्मिणी विजय कुमार (हैदराबाद) (25 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान- रविशंकर श्रीवास्तव (भोपाल) (1 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान- सुश्री शिखा वार्ष्णेय (लंदन) (1 लाख रुपए),
    • राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान- डॉ. हाइंस वेर्नर वेसलर (डेनमार्क) (1 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान- जयंत विष्णु नार्लीकर (कोल्हापुर) (1 लाख रुपए)
    • राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान- अजीत वड़नेरकर (भोपाल) (एक लाख रुपए)।

मध्य प्रदेश Switch to English

लोक निर्माण विभाग में ‘क्वालिटी कंट्रोल सेल’गठित

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के लिये सचिव लोक निर्माण की अध्यक्षता में ‘क्वालिटी कंट्रोल सेल’का गठन किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल सेल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के साथ समय-सीमा में कार्य पूर्णता पर नज़र रखेगा। इसके अलावा समय-समय पर गुणवत्ता नियंत्रण के लिये तकनीकी सर्कुलर भी जारी करेगा।
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि सेल में सचिव लोक निर्माण आर.के. मेहरा अध्यक्ष होंगे तथा मुख्य अभियंता उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर बी.पी. बोरासी, अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल एम.पी. सिंह, सहायक यंत्री सी.वी. तिवारी, सहायक यंत्री संजय कुलकर्णी और सलाहकार मंत्रालय रितेश जैन समिति सदस्य होंगे। 

मध्य प्रदेश Switch to English

स्टेट हैंडलूम एक्सपो में डिजाइन प्रतियोगिता के विजेताओं को मिले पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा फैब्रिक्स ऑफ मध्य प्रदेश की थीम पर आयोजित डिजाइन काम्पटीशन के विजेताओं को भोपाल हाट बाज़ार, भोपाल में स्टेट हैंडलूम एक्सपो-2022 पुरस्कार वितरित किये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • इस कार्यक्रम में मिसेज इंडिया इंटरनेशनल डॉ. रीनू यादव एवं मिसेज यूनिवर्स जॉय सुश्री अमृता त्रिपाठी ने स्टेट हैंडलूम एक्सपो-2022 के पुरस्कारों का वितरण किया।
  • भोपाल ज़िले से एथनिक वियर श्रेणी में अमातुल्लाह बोहरा, अर्चना विश्वकर्मा एवं सलमा अंसारी तथा रेडी टू वियर श्रेणी में नंदिता नायर, फराह नदीम एवं मान्या यादव को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया।
  • इसी प्रकार इंदौर ज़िले से एथनिक वियर श्रेणी में राखी गुप्ता, सीमा पारीक एवं समीक्षा नायक तथा रेडी टू वियर श्रेणी में दिव्या राठी, सौरवकांत श्रीवास्तव एवं गुलिका अग्रवाल को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया।
  • सभी विजेताओं को ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’योजना में चयनित सात ज़िलों के सात उत्पाद एवं प्रशस्ति-पत्र उपहार स्वरूप दिये गए।
  • प्रदेश के हथकरघा, खादी एवं रेशमी वस्त्रों के उत्पादन की पारंपरिक प्रक्रिया को सहेजने और उनके पीछे छुपी हुई समृद्ध निर्माण कला का प्रदेशवासियों को परिचय देने के उद्देश्य से डिजाइन प्रतियोगिता के अतिरिक्त हैंडलूम ऑन व्हील्स का भी आयोजन किया गया था।

हरियाणा Switch to English

महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर हरियाणा व केंद्र सरकार में समझौता

चर्चा में क्यों?

21 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हिसार में बनने वाले महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर हरियाणा व केंद्र सरकार में समझौता हो चुका है तथा इस मेगा प्रोजेक्ट के लिये राज्य सरकार ने 945 करोड़ रुपए का बजट रखा हुआ है।

प्रमुख बिंदु 

  • उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतर्राट्रीय स्तर पर हिसार एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है। यह 7200 एकड़ में विस्तृत हरियाणा का पहला बड़ा एयरपोर्ट होगा है।
  • हिसार एयरपोर्ट का निर्माणाधीन रनवे 10 हज़ार फुट का है, जो कि अंतर्राट्रीय हवाई अड्डे के अनुरूप है। पिछले डेढ़ वर्ष में रनवे का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया तथा मार्च 2023 में यह रनवे तैयार हो जाएगा।
  • इस रनवे के साथ-साथ टैक्सी स्टैंड और 23 मीटर चौड़ा टैक्सी-वे, पार्किंग स्टैंड, फायर स्टेशन का निर्माण भी इंटरनेशनल मानकों के हिसाब से किया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक वाली लाइट जिससे रात में भी हवाई जहाज लैंड कर सकते हैं तथा लेटेस्ट टेक्निक वाला एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि दुनिया भर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हवाई पट्टियों की लंबाई 9 हज़ार से लेकर 12 हज़ार फीट तक है, जबकि हिसार के हवाई पट्टी की लंबाई 10 हज़ार फीट है।
  • उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि द्वितीय चरण का निर्माण होने के बाद एयरपोर्ट के टर्मिनल और एप्रन का निर्माण भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के स्टैंडर्ड के तहत किया जाना है।
  • उन्होंने बताया कि हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट ही नहीं, बल्कि इसे एविएशन हब बनाया जाएगा। लगभग 7200 एकड़ भूमि में एयरपोर्ट विकसित होने के अलावा 3000 एकड़ में मैन्युफैक्चरिंग हब विकसित करने के लिये जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।
  • इस एयरपोर्ट के बनने से अमृतसर से लेकर जयपुर तक के यात्रियों को सुविधा प्राप्त होगी।  

झारखंड Switch to English

जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (XISS) को युनिवर्सिटी में बदलने की तैयारी शुरू

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को झारखंड के राँची के एक्सआईएसएस के निदेशक डॉ. जोसेफ मरियानूस कुजूर ने संस्था में आयोजित कार्यक्रम ‘संवाद 0’ में बताया कि जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस को युनिवर्सिटी में बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है तथा नये कैंपस के लिये राँची के बंधगाँव, नामकुम में 35 एकड़ ज़मीन चिह्नित कर ली गई है।

प्रमुख बिंदु

  • निदेशक डॉ. कुजूर ने बताया कि एक्सआईएसएस को युनिवर्सिटी के रूप में जल्द स्थापित करने के लिये एक युनिवर्सिटी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता फादर जेवियर सोरेंग समेत अन्य चार सदस्य कर रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत नये सत्र से दो नये डिप्लोमा कोर्स का संचालन होगा। इसके तहत पूर्व से संचालित छ: माह के सर्टिफिकेट कोर्स इन जियोइंफॉर्मेटिक्स को अब एक वर्ष के डिप्लोमा कोर्स इन जियोइंफॉर्मेटिक्स (जीआईएस) में बदला गया है।
  • इसके अलावा एक वर्षीय डिप्लोमा इन ट्राइबल स्टडीज को शुरू किया जाएगा। इसका कोर्स प्लान तैयार कर लिया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश में जल्द लागू होगी रूफ गार्डनिंग प्रोत्साहन योजना

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के वन मुख्यालय के मंथन सभागार में बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रूफ गार्डनिंग की अपार संभावनाएँ हैं। इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सरकार रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में लगातार कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है। इसके कारण ही शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर की छतों पर रूफ गार्डनिंग के जरिए जैविक सब्जी उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सरकार ने रूफ गार्डनिंग के लिये पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देहरादून को चुना है। जल्द ही इस योजना को प्रदेश भर में लागू किया जाएगा।
  • रूफ गार्डनिंग को बढ़ावा देने के लिये 25 दिसंबर, 2022 से 2 जनवरी, 2023 तक प्रदेश में रूफ गार्डनिंग सप्ताह मनाया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों व पेस्टीसाइड के उपयोग से लोगों को रसायन मुक्त सब्जी नहीं मिल रही है, लेकिन रूफ गार्डनिंग से लोग अपने घर की छतों पर अपनी जरूरत के लिये जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन कर सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी होगा।
  • प्रदेश के उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा ने बताया दिल्ली के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य है, जहाँ पर रूफ गार्डनिंग योजना को संचालित करने का निर्णय लिया गया है।
  • देहरादून की मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी ने बताया कि रूफ गार्डनिंग में विभिन्न प्रकार के सब्जी उत्पादन के साथ-साथ वर्टिकल गार्डनिंग (उर्ध्व खेती) एवं हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित खेती) का लाभ भी उठाया जा सकता है। 

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2